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कैल्शियम की कमी के लक्षण, कारण और फायदे

Calcium deficiency symptoms, reasons and benefits in hindi.

कैल्शियम की कमी के लक्षण, कारण और फायदे, calcium deficiency symptoms, reasons and benefits.

कैल्शियम की कमी हमें कई तरह की बीमारियों से रुबरु कराती है। हड्डियों को स्वस्य्क रखने में सहायक और रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिये आवश्यक कैल्शियम स्त्री-पुरुष, बच्चे बुढ़े जवान हर किसी के लिए एक जरूरत है। आपके घर में भी ऐसा कोई सदस्य होगा जो हड्डियों और जोड़ों के दर्द से परेशान रहता है उसे कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ दीजिए। इससे हड्डियां उसकी मजबूत रहेगी।

कैल्शियम युक्त भोज्य पदार्थ खाने से न केवल शरीर की हड्डियां मजबूत रहती हैं बल्कि दांतों को भी शक्ति मिलती है। यही नहीं, रक्त न जमे इसकी शक्ति भी कैल्शियम से मिलती है तथा ह्रदय की गति भी संतुलित रहती है।

कैल्शियम के स्रोत

कैल्शियम के प्रमुख स्रोत में दूध, पनीर, दही और अंडे शामिल है। इसके अतिरिक्त फल और सब्जियों में विशेष मात्रा में कैल्शियम पाए जाते हैं। फलों में कैल्शियम जैसे; अमरूद, सीताफल, अनार, नासपाती, अंगूर, केला, खरबूजा, जामुन,  आम, संतरा, अनानास पपीता, लीची, सेब और शहतूत में कैल्शियम पाए जाते हैं। जबकि सब्जियों में कैल्शियम जैसे; चुकंदर, नींबू, पालक, बथुआ, बैगन,टिंडा, तुरई, लहसुन, गाजर, भिंडी, टमाटर, पुदीना, हरा धनिया, करेला ककड़ी, अरबी, मूली और पत्तागोभी में कैल्शियम पाए जाते हैं। यही नहीं, बादाम, पिस्ता, मुनक्का, खजूर जैसे सूखे मेवे और मूग, मोठ, चना, राजमा, सोयाबीन जैसे आनाज में भी कैल्शियम पाए जाते हैं।

कैल्शियम की कमी के लक्षण

कैल्शियम की कमी के लक्षण आपकी कमजोर हड्डियों से लगाई जा सकती है। कैल्शि यम की कमी की वजह से न केवल मांसपेशियों में अकड़न और दर्द होता है बल्कि थकावट भी जल्दी आ जाती है। कमजोर दांत, कमजोर नाखून, झुकी हुई कमर, बालों का टूटना या झड़ना कैल्शियम की कमी के लक्षण माने जा सकते हैं। यही नहीं, नींद ना आना, डर लगना और दिमागी टेंशन रहना कैल्शिीयम की कमी की एक वजह हो सकती है।

कैल्शियम की कमी के कारण

कैल्शियम की कमी के कारण को यदि आप जानना चाहें तो उसका उत्तर आपके अहार में मिलेगा। माना गया है कि जिसके अहार में कैल्शियम युक्त भोजन नहीं होता वह कम नींद के शिकार होते हैं। महिलाओं को अधिक मासिक धर्म होना या नवजात शिशुओं में स्तनपात का अभाव ये कुछ ऐसे कारण हैं जिसकी वजह कैल्शियम की कमी को माना जाता है। यदि आप सूरज से कई दिनों तक दूर रहेंगे तो आपके शरीर को कैल्शियम नहीं मिलेगा और आपकी हड्डियां कमजोर हो जाएंगी। इसके अलावा जो लोग शारीरिक श्रम में विश्वास नहीं करते उन्हें भी कैल्शियम की कमी का सामना करना पड़ता है। यही नहीं, शकरयुक्त पदार्थों का सेवन करने वाले भी कैल्शियम की कमी के शिकार हो जाते हैं।

कैल्शियम के फायदे

कैल्शियम के फायदे

1.शरीर में कैल्शियम होने पर बच्चों में रिकेट्स नहीं होते।

2. स्त्रियों में मासिक चक्र तथा प्रसव के दौरान इसका फायदा होता है।

3. गर्भावस्था में बढ़ते शिशु के लिए कैल्शियम की आवश्यकता बढ़ जाती है।

4. स्तनपान कराने वाली माताओं को भी अपने आहार में कैल्शियम को शामिल करना चाहिए।

5. हड्डियों और दांतों के लिए कैल्शियम रामबांण की तरह है। मुख्य रुप से उन बच्चों के लिए जिनकी हड्डियां नाजूक हैं। इसलिए हड्डियों को मजबूत करने के लिए अपने अहार में कैल्शियम को शामिल करें।

6. शोध में यह भी पाया गया है कि कैल्शियम युक्त भोजन लेने से कैंसरयुक्त बीमारी को कम किया जा सकता है।

7. डायबटीज में भी कैल्शियम फायदेमंद है।

कैल्शियम की दवा

आजकल लोग कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए कैल्शियम की गोली लेते हैं। यही नहीं, कैल्शियम ग्लूकोनेट के इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं। लेकिन कुछ साल पहले जर्मनी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जो लोग कैल्शियम के लिए अलग से दवा लेते हैं उन्हें दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा होता है। माना यह भी जाता है कि जिनके खाने में कैल्शियम की अधिकता होती है वह ह्र्दय और किडनी के रोग के शिकार हो जाते हैं।

महिलाओं में कैल्शियम की कमी

Mahilaon ke liye कैल्शियम की कमी के लक्षण, कारण और फायदे

कैल्शियम ऐसा पोषक तत्व होता है, जिसकी आवश्कता हर उम्र के लोगों को है भले ही वो बूढा हो या बच्चा, स्त्री हो या पुरुष। अगर हम शुरुआत में बात करते हैं तो एक बच्चें के दांत, हड्डियों का मजबूत होना, शरीर का आकार बनना इसके लिए सबसे बड़ा योगदान कैल्शियम का है। वहीं बड़ी उम्र में हड्डियों के फ्रैक्चर से बचाव और आस्टियोपोरोसिस का हमारे शरीर में न होने देना इसके किए कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा हमारे शरीर में होनी चाहिए। वही अगर हम बात महिलाओं के बारे में करते हैं, तो हमारे देश में अधिकाश महिलाओं में 35 साल की उम्र के बाद कैल्शियम की कमी आने लगती है। अब बात यह उठती है कि महिलाओं में यह कमी क्यों आ जाती है, इसके लक्षण क्या होते हैं, इससे हम कैसे बच सकते हैं आज हम आप को इस बारे में बताते हैं।

हम अक्सर देखते हैं कि महिलाओं को कैल्शियम की कमी हो जाती है, क्योंकि लड़कियों और महिलाओं को कई तरह की प्राकृतिक प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है जैसे- मासिक धर्म, गर्भधारण, ब्रेस्टफीडिंग और बाद में मेनोपॉज। ऐसे समय में कैल्शियम की ज्यादा आवश्कता होती है। हमारे शरीर में प्रत्येक कोशिका को कैल्शियम की आवश्कता होती है, क्योंकि हर रोज हमारे शरीर में त्वचा, बाल और मल के जरिये कुछ कैल्शियम हमारे शरीर से बाहर निकल जाते हैं। अत: कैल्शियम का संतुलन बनाये रखने के लिए इसकी हर रोज पूर्ति होनी चाहिए। जब हमारे शरीर को पूरी तरह से कैल्शियम नहीं मिलता, तब यह हड्डियों से कैल्शियम लेने लगता है । जिससे हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती है और चोट लगने पर फ्रैक्चर हो जाती है।

महिलाओं में कैल्शियम शरीर के लिए मददगार

1. कैल्शियम एक ऐसा पोष्टिक तत्व होता है जो हमारे दांत और हमारे शरीर को मजबूत बनाता है।
2. कैल्शियम सही मात्रा में लेने से यह नर्वस सिस्टम के सन्देश मस्तिष्क तक पहुचांने में सहायक है जैसे, जब हम किसी गर्म चीज को छुते हैंं मस्तिष्क द्वारा हमें तुरंत इसका एहसास हो जाता है।
3. जब हमारे शरीर में कैल्शियम की मात्रा सही हो तो हमारे घाव, चोट और खरोच जल्दी से ठीक हो जाते हैं।
4. कैल्शियम मांसपेशियों के कई काम आता है जैसे- लिखना, टहलना, बैठना आदि।
5. तंदरुस्त दिल के लिए बहुत ही जरूरी होता है कैल्शियम।

महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण

महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण

महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की मात्रा 1000 से 1200 तक होनी चाहिए। इससे कम होने पर उनके शरीर में कैल्शियम की कमी आ जाती है। अगर आप सही तरीके से अपना ध्यान नहीं रखते, तो आपको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जब भी हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी आती है, तो उसके लक्षण इस प्रकार से होते हैं जैसे :-

1. शरीर के विकास का रुक जाना।
2. दांतों का समय से पहले ही टूट जाना।
3. ब्लडप्रेशर का बढ़ना।
4. शरीर के अंगो में कपंन का शुरू होना या फिर अंगों में दर्द का होना।
5. दांतों का पीला होना।
6. थोड़ा सा काम करने पर थकान का महसूस होना।
7. मस्तिष्क का सही तरीके से काम नहीं करना।
8. हाथों –पैरों में झनझनाहट होना।
9. हड्डियों का कमज़ोर होना साथ ही बार-बार फ्रेक्चर होना।
10. कैल्शियम की कमी को नजरअंदाज करने पर ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा हो सकता है।

कैल्शियम की कमी को दूर करने वाली चीज़े

अगर हम हर रोज अपने खाने में उन चीजो को लेंं, जिसमेंं कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, तो हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।

1. सब्जियां :- टमाटर, ककड़ी, मूली, मेथी, करेला, चुकन्दर, हरी पत्तेदार सब्जियां, अरबी के पत्ते, पालक आदि।
2. फल :- नारियल, संतरा, अनानास, आम आदि।
3. डेयरी उत्पाद :- दूध व दूध से बनी चीज़े जैसे- दही, पनीर, आदि।
4. सूखे मेवे :- बादाम, अखरोट, व तिल में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।

खुराक के रूप में कैल्शियम नुकसानदेह

एक अध्ययन से पता चला है कि कैल्शियम को अतिरिक्त खुराक (दवा) के तौर पर लेना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि यह धमनियों में प्लेक (धमनियों का जाम होना) का कारण बन सकता है, जिससे हृदय को नुकसान पहुंच सकता है। मैरिलैंड के जान हॉपकिंस विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन बाल्टीमोर में सहायक प्रोफेसर इरिन मिचोस की माने तो शरीर में पूरक खुराक के रूप में अतिरिक्त कैल्शियम का सेवन दिल और नाड़ी तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ लेने से दिल पर इसका कोई असर नहीं होता बल्कि यह फायदा पहुंचाता है।

कैल्शियम के बारे में तथ्य

कैल्शियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो आपके शरीर को कई बुनियादी कार्यों की जरूरत है। आइए इसके कुछ तथ्य के बारे में जानते हैं।

आपके शरीर के कार्यों में एक भूमिका निभाता है कैल्शियम

आपके शरीर के कार्यों में एक भूमिका निभाता है कैल्शियम

कैल्शियम आपके शरीर के कई बुनियादी कार्यों में एक भूमिका निभाता है।आपके शरीर को ब्लड सर्कुलेट करने, मांसपेशियों को सक्रिय करने और हार्मोन को रिलीज करने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम आपके मस्तिष्क से आपके शरीर के दूसरे हिस्सों के संदेशों को ले जाने में भी मदद करता है।
कैल्शियम दांत और हड्डियों के स्वास्थ्य का भी एक प्रमुख भूमिका निभाता है। यह आपके हड्डियों को मजबूत और प्रगाढ़ बनाता है।

कैल्शियम का उत्पादन नहीं करता है आपका शरीर

कैल्शियम के लक्षण और फायदे जानने के बाद इस तथ्य को जरूर जान लें कि आपका शरीर कैल्शियम का उत्पादन नहीं करता, इसलिए आपको कैल्शियम प्राप्त करने के लिए आपको अपने आहार पर भरोसा करना होगा। कैल्शियम में उच्च खाद्य पदार्थों में शामिल हैं: –

  • डेयरी उत्पाद जैसे दूध, पनीर, और दही
  • हरी सब्जियां जैसे काली, पालक और ब्रोकोली
  • सफेद बींस
  • अनाज, सोया उत्पाद और नारंगी का रस
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