आँखों की देखभाल योग मुद्रा

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए 5 आसान योग

Yoga tips to increase eye sight in hindi.

जाने आखों की रोशनी बढ़ाने के लिए सरल योग टिप्स जैसे कि पलके झपकाना, पामिंग, सर्वागासन और भ्रामरी प्राणायाम, yoga tips to increase eye sight in hindi.

आज आधुनिकता और टेक्नोलॉजी से भरे समाज में हम स्मार्ट हो चुके हैं, हमारे कंप्यूटर, मोबाइल, बैंक भुगतान का तरीका, खरीदारी सब कुछ समार्ट हो गया है। ऐसा करते समय हम घंटों अपना समय मोबाइल और कंप्यूटर के सामने गुजारते हैं। हम अपने व्यस्त समय में भी अपनी बढंती कमर, आपने बालों, रंगत खोटी त्वचा के बारे में तो सोचते हैं, हम सोचते हैं कि क्या मेरी कमर पतली है ? इसे कैसे कम करूँ ? सुन्दर कैसे दिखूं ? बाल अच्छे कैसे हों ? पर इस प्रक्रिया में हम अपने शरीर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से के बारे में सोचना भूल जाते हैं हम बात कर रहे है हमारी अनमोल आँखों की,जिसके बिना ना तो आपको ये दुनिया नज़र आएगी ना ही कोई सुन्दरता !!! हमारी आँखें जिसका इस्तेमाल आप पूरे दिन हर काम को करने के लिए करते हैं, जिनमें इस प्रदुषण और टेक्नोलॉजी के दौर में जलन,खुजली,थकावट जैसी समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं। इसलिए आज हम बात करेंगे आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए 5 आसान योग के बारे में।

अक्सर आप आपनी आँखों की कसरत करने की जरूरत भी महसूस नहीं करते, क्यूंकि आँखों पर पड़ने वाले प्रभाव तुरंत नज़र नहीं आते लेकिन यदि आप भविष्य में अपनी आँखों को कमजोर और धुंधली दृष्टि से बचाना चाहते हैं, तो आप जल्द से जल्द आँखों की कसरत करना शुरू कर दीजिए। आँखों की सुरक्षा के लिए योग एक बेहतर उपाय है, जिसे आप आँखों की कसरत के लिए किसी भी समय कुछ समय में ही कर सकते हैं।

हमारी आँखों में 6 मसल्स आँखों को आखो के पुंज (socket) से जोड़ने का काम करती हैं साथ ही हमारी आँख को ऊपर, नीचे, दायें, बाएं सभी तरफ घुमने में मदद करती हैं। जब आप कुछ पढ़ते हैं,गाड़ी चलाते है और घंटों कुछ देखते हुए बिताते हैं तो यह आपकी आँखों की मसल्स सुखा जाती है जिससे आपकी आखों की लोचशीलता में कमी अती है और आपकी आँखें थका हुआ महसूस करती हैं स्मार्ट फ़ोन और कंप्यूटर इस स्थिति को और भी विकट बना देते हैं। हालांकि यह एक आम बात है परन्तु लम्बे समय तक ऐसा होने से परिणाम गंभीर हो सकतेहैं। आँखों की थकान के लक्षणों जैसे जलन,खुजली,इत्यादि बचने के लिए योग एक बेहतर ऊपाय है आइए जानते हैं कि किस प्रकार हम योग के जरिए अपनी आँखों की सुरक्षा कर सकते हैं।

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए 5 आसान योग

1. पलके झपकाना (blink)

आपनी आँखों को पूरी तरीके से खोलिए, फिर कम से कम 10 बार जल्दी जल्दी झपकाइए। अब आँखों को 20 सेकेण्ड के लिए बंद कीजिए और 4 बार इसी प्रक्रिया को फिर से दोहराइए। हमें अपनी आँखों को 1मिनट में 25 बार झपकाना चाहिए, पर हममें से बहुत से लोग स्मार्टफोंस और कंप्यूटर का प्रयोग करते समय ऐसा नहीं करते। यह कसरत आपकी आँखों को आराम पहुचाएगी जिससे मसल्स को आराम मिलेगा और आँखों के सूखने की समस्या हल होगी।

2. पामिंग (palming)

यदि आप कभी भी योग क्लासेज के लिए गए हैं, तो आप इस कसरत से परिचित होंगे। इसमें आप अपनी हथेलियों को जोर से रगड़े जब तक कि आपको गर्माहट महसूस ना हो। फिर अपनी हथेलियों को अपनी आँखों पर रखें जब तक की आपको गर्म महसूस होता रहे। इस दौरान किसी चीज़ पर अपना ध्यान केन्द्रित करें। यह कसरत दिनभर की थकान के बाद आँखों को आराम पहुचाने के लिए लाभकारी है।

3. बाएं दायें और गोल घुमाना (Side way and rotation)

आप अपनी आँखों की मसल्स को स्ट्रेच करने के लिए आँख को एक तरफ से दूसरी तरफ और फिर गोल गोल घुमाइए यदि आपको ऐसा करने में कठनाई आती है, तो अपनी अंगुली का प्रयोग करें और अपनी आँख को उसके सहारे घुमाइए यह कसरत कम से कम 20 बार करें, परन्तु ध्यान रखें की आपकी गर्दन हिले नहीं।

4. सर्वागासन

सर्वागासन की विधि – पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। दोनों पैरों को धीरे-धीरे जमीन से ऊपर उठाकर 90 डिग्री तक लाएं। इसके बाद नितम्ब तथा कमर को भी जमीन से ऊपर उठाकर धड़ तथा पैर को गर्दन से 90 डिग्री पर ले आएं। हाथों को कमर पर रख कर सहारा दें। इस स्थिति में आरामदायक समय तक रुकें। इसके बाद धीरे-धीरे पूर्व स्थिति में आएं। यह अभ्यास प्रारम्भ में 5 से 10 सेकेंड तक करें और फिर धीरे-धीरे बढ़ाकर 4 से 5 मिनट तक करें।

5. भ्रामरी प्राणायाम

ध्यान की अवस्था में बैठें। अपनी गर्दन और पीठ को सीधा रखें और अपनी आंखों को बंद करें। अपने अंगूठे की मदद से दोनों कानों को बंद करें ताकि बाहरी आवाज से आपको कोई समस्या ना हो। अपनी तर्जनी अंगुली माथे पर रखें और बाकी बची तीन ऊंगलियों को अपनी आंखों पर रखकर आंखें बंद करें।

सबसे पहले धीरे-धीरे सांस छोड़ें। फिर जितना संभव हो उतना अधिक हवा श्वास में भर लें और फिर एक मक्खी की तरह भिनभिनाहट की आवाज के साथ सांस धीरे-धीरे छोड़ें। एक बार भिनभिनाहट के आवाज के साथ सांस छोड़ने की प्रक्रिया एक चक्र या भ्रामरी प्राणायाम का चक्र कहलाता है। अपना ध्यान इस आवाज पर केंद्रित करें।

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