बच्चों की देखभाल

बच्चे की देखभाल – आहार का ऐसे रखें ख्याल

Child care tips - food tips in hindi.

मां के गर्भ से ही परिवार में शिशु के प्रति जिम्मेदारी बढ़ जाती है। खासकार माता-पिता पहले गर्भ और फिर जन्म के बाद शिशु की हर आवश्यक जरूरतों में सावधानी बरतते हैं ताकि शिशु को कोई नुकसान न हो। जब बच्चा जन्म लेता है तो माता-पिता की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उसका/उसकी शारीरिक या मानसिक विकास किस तरह का हो इस दिशा में माता पिता ध्यान देने लगते हैं। जब तक वह बड़ा नहीं होता तब तक खाने-पीने से लेकर सोने तक उसकी हर जरूरतों का ख्याल रखा जाता है।
जब शिशु जन्म लेता है तो सबसे ज्यादा ध्यान की जरूरत है उसके खान-पान पर होती है। तब माता पिता इस बात पर जोर देते हैं कि बच्चे को क्या खिलाया जाए जिससे वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहे। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बच्चे के विकास के लिए किस तरह के आहार की जरूरत होती है।

बच्चों के लिए 5 देसी आहार

मां का दूध
मां का दूध जिसे हम ब्रेस्ट मिल्क भी कहते हैं शिशु के विकास, संरक्षण और संवर्धन का काम करता है। यह एक तरह का प्राकृतिक दूध होता है जो मां के स्तन से निकलता है। डॉक्टरों के मुताबिक पैदा होने के बाद शिशु में रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति नहीं होती, इसलिए मां का दूध उसे शक्ति प्रदान करता है जो उसे विभिन्न तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। मां के दूध में रोगाणु नाशक तत्त्व होते हैं, जो बच्चों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिन बच्चों को बचपन में मां का दूध नसीब नहीं होता उन्हें कई तरह की बीमारियों से रूबरू होना पड़ता है। उन्हें पेट और मस्तिष्क से संबंधित कई बीमारियां घर कर जाती है। मां के दूध न केवल शिशु के पेट की गड़बड़ियों को दूर करता है बल्कि दमा और कान की बीमारी पर भी नियंत्रण रखता है। यह हड्डियों को मजबूत करता है और वजन को संतुलित रखने में मदद करता है।

दलिया खिलाएं
दलिया एक सुपाच्य भोज्य पदार्थ है जो गेंहू को दरदरा पीसकर बनता है। यदि आप ह्र्दय कार्यो में सुधार और बॉडी के मेटाबोल्जिम को फिट रखना चाहते हैं, तो रोजाना भरपूर मात्रा में दलिया का सेवन कीजिए। दलिया को बच्चों के विकास के लिए एक पूर्ण आहार माना जाता है। शुरुआती दिनों में अगर आप छोटे बच्चे को दलिया खिलाते हैं, तो न केवल उसका शरीर तेजी से ग्रो करेगा बल्कि उसकी भूख भी मिटाएगा। इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट और लौह तत्व उसे मजबूती और उर्जा प्रदान करते है।

दाल पिलाएं
स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर दाल उत्तर भारत में खाई जाने वाली एक प्रमुख व्यंजन है। यह एक ऐसा व्यंजन है जो हमारे रोज के खाने में शामिल होती है। प्रोटीन, आयरन और फाइबर से भरपूर दाल बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी होता है। इसलिए शिशु के जन्म के कुछ समय बाद इसे बतौर सूप बच्चों को जरूर पिलाएं। यह एक देसी एनर्जी बूस्टर है, साथ ही इससे पाचन शक्ति दुरुस्त रहती है और कोलेस्ट्रोल का स्तर कम रहता है।

चावल का मांड
प्रोटीन, फाइबर और विटामिन से भरपूर चावल मांड (चावल का पानी) बच्चों के विकास के लिए एक बहुत ही जरूरी व्यंजन है। इसे पिलाने से न केवल बच्चों का चेहरा मुलायम रहता है बल्कि इससे बाल मजबूत और सॉफ्ट रहते हैं। इसे उर्जा का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। यह बच्चे के डायरिया जैसी समस्या के लिए चावल का पानी बेहद फायदेमंद है। साथ ही यह बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या को भी दूर करेगा।

उबला हुआ आलू
बच्चे का वजन संतुलित रहे इसके लिए उसे उबला हुआ आलू मेश करके खिलाइए। आलू में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेटस् पाए जाते हैं, जो पाचनशक्ति को भी बढाते हैं।

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