बीमारियां

गैस्ट्रोएन्टराइटिस या आंत्रशोथ – लक्षण और उपचार

Stomach flu or Antrashoth symptoms and ayurvedic home remedies in hindi.

Stomach flu or antrashoth symptoms and ayurvedic home remedies in hindi, गैस्ट्रोएन्टराइटिस या आंत्रशोथ - लक्षण और उपचार.

गैस्ट्रोएन्टराइटिस या आंत्रशोथ क्या है

गैस्ट्रोएन्टराइटिस अर्थात आंत्रशोथ पाचन तंत्र के संक्रमण और सूजन के द्वारा पैदा होने वाली एक बीमारी है, इसका खतरा गर्मियों के दिनों में और बरसात के दिनों में अधिक होता है, क्योंकि इन दिनों में जीवाणु अधिक पनपते हैं और इस मौसम में फल, सब्जियां और अन्य पदार्थ जल्दी ही खराब हो जाते हैं। ऐसे में मक्खी, मच्छर एक खाद्य पदार्थ से दूसरे खाद्य पदार्थ तक कीटाणुओं को आसानी से फैला देते हैं और जब हम इसका प्रयोग करते हैं, तो हम अक्सर बीमार हो जाते हैं। इसके साथ ही दूषित पानी भी इस बीमारी के फैलने का एक अहम कारण है। जब भी हमारे पाचन तंत्र पर संक्रमण होता है, तो हमें उल्टी, दस्त आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

गैस्ट्रोएन्टराइटिस या आंत्रशोथ के लक्षण

आंत्रशोध होने पर रोगी में कई प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे कि :-

  • भूख कम लगना
  • पेट दर्द
  • जी मचलना और उल्टी होना
  • तेज ठंड लगना
  • त्वचा में जल
  • पसीना आना
  • बुखार होना
  • जोड़ों और मांसपेशियों में तकलीफ होना
  • वजन कम होना आदि

गैस्ट्रोएन्टराइटिस या आंत्रशोथ के कारण

आंत्रशोथ के कई कारण हो सकते हैं, इसमें बैक्टीरिया, रोटावायरस, एस्ट्रोवायरस आदि जीवाणु इसके कारण हो सकते हैं। इसके साथ कुछ परजीवी भी आंत्रशोथ के कारण बन सकते हैं।

गैस्ट्रोएन्टराइटिस या आंत्रशोथ के उपाय

जब भी हमारे पाचन तंत्र में किसी प्रकार का संक्रमण होता है, तो हमें ऐसे में अपना ख्याल रखना चाहिए नहीं, तो इसकी हमें बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, इसलिए जब भी हमें इसके लक्षण दिखाई दे तो कुछ घरेलू उपचार करने चाहिए जैसे कि..

  1. इस रोग से बचने के लिए रोगी को घर में स्वच्छ खाना खाना चाहिए, और बिना मसाले वाले भोजन का सेवन करना चाहिए जो हल्का हो और आसानी से पच जाए।
  2. बासी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए ।
  3. भोजन खाने और पकाने से पहले अच्छे से हाथ साबुन के साथ धोने चाहिए।
  4. जब जी मचलता है या उल्टी का मन हो तो नींबू, अंगूर, नांरगी की तरह खट्टे फलों का सेवन करना चाहिए।
  5. सब्जियों का सूप पीना चाहिए क्योंकि यह आसानी से पच जाता है ।
  6. छाछ का सेवन करने से हमारा पाचन तंत्र ठंडा रहता है जिसके कारण हम डिहाइड्रेशन से बच सकते हैं।
  7. पानी को अच्छे से उबालकर और ठंडा करके पीना चाहिए।
  8. फलों और सब्जियों को अच्छे से धोकर प्रयोग में लाना चाहिए।
  9. पानी का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
  10. लक्षणों के कम होने तक घर में आराम करना चाहिए।
  11. दूध, दही, पनीर का सेवन नहीं करना चाहिए।
  12. जितना हो सकें बिना भोजन के रहे ताकि आपकी आंतो को आराम मिले।
  13. दूषित पानी से दुरी बना कर रखें।

योग और व्यायाम
आंत्रशोथ आराम करने के साथ-साथ तरल पदार्थ का सेवन करने से जल्द ही ठीक हो जाता है, इसलिए हमें किसी प्रकार के व्यायाम के बारे में नहीं बताया जाता रोगी थोड़ा घूम फिर सकता है । लेकिन दस्त को कम करने के लिए हम कुछ आसन कर सकते हैं

परिवृत्त त्रिकोणासन
पवनमुक्तासन
वज्रासन
त्रिकोणासन

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

Leave a Comment