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एनिमल थेरिपी – कंपनी में कर्मचारियों के लिए अपनाई जा रही है ये थेरिपी

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जापान एक वर्कहोलिक देश है इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है। यहां लोग ज्यादा घंटे तक ऑफिस में बैठकर काम करते हैं। जिसकी वजह से कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी तनाव के शिकार हो रहे हैं। लेकिन जापान में इससे छुटकारा पाने के लिए उपाय ढुंढा जा रहा है।

आईटी कंपनी में बिल्ली

टोकियो के एक छोटी सी आईटी कंपनी में बिल्ली को घूमते और खाते हुए देखा जा सकता है। एक कंपनी के मालिक हेंडेनोबु फुकुडा कहते हैं कि, 2001 में कमर्चारियों की मांग को देखते हुए ‘ऑफिस कैट’ पोलिसी लेकर आए। इस पोलिसी के तरह कर्मचारी अपनी बिल्ली ऑफिस में ला सकते हैं।

दूसरी कंपनी में भी मिली अनुमति

जापान की दूसरी कंपनियां भी अपने ऑफिस में जानवरों को लाने की अनुमति दे रही हैं, ताकि कर्मचारी के तनाव और चिंता को दूर किया जा सके। ओरेकल जापान कंपनी में कैंडी नाम का एक कुत्ता ग्रीटिंग और हीलिंग एंबेसडर के रूप में काम कर रहा है। इस कंपनी में 1991 से डॉग रखने की पॉलिसी है और कैंडी चौथा कुत्ता है। कंपनी के वेबसाइट के मुताबिक कैंडी का ट्विटर और इंस्टाग्राम एकाउंट भी है।

आपको बता दें कि जापान में पसोना ग्रुप ने एक पूर्णकालिक कर्मचारी के तौर पर 2011 में दो बकरी और 2013 में दो अल्पकास (Alpacas) खरीदा था। इनका काम था कर्मचारी के तनाव को दूर करना।

क्या है एनिमल थेरिपी ?

यह एक ऐसी थेरिपी है जिसमें इलाज के लिए जानवरों को शामिल किया जाता है। इस थेरिपी को अपनाकर मरीज की सामाजिक, भावनात्मक, या संज्ञानात्मक कार्य में सुधार किया जाता है। इस थेरिपी के जरिए जानवर शैक्षणिक और प्रेरक प्रभावशीलता के लिए उपयोगी हो सकते हैं। देखा यह भी गया है कि लोग जानवरों को (मुख्य रूप से कुत्ते को) थेरिपी के लिए जेलों, नर्सिंग होम, मानसिक संस्थानों, अस्पतालों और घरों में ले जाते हैं।

जापान को जानवरों से प्यार

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जापान का जानवरों से कितना प्यार है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि राजधानी टोक्यो स्थित काबुकी रेस्टोरेंट में इंसान की जगह वेटर के रूप में बंदर काम करते हैं। इस रेस्टोरेंट बंदर न केवल सिर्फ मेनू लाकर देते हैं, बल्कि ऑर्डर लेते हैं और खाना भी सर्व करते हैं। ये बंदर भी आम वेटरों की तरह ही यूनिफॉर्म पहनते हैं।

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