प्रेगनेंसी टिप्स

डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए

Diet tips after delivery or pregnancy in hindi.

विस्तार में जाने प्रेगनेंसी या डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए ताकि आपकी सेहत और बच्चे की सेहत ठीक रहे, what we should eat after delivery read in hindi.

माँ बनना हर स्त्री के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होने के साथ-साथ अद्भुत अहसास होता है। यह अहसास जो किसी अजूबे से कम नहीं होता। ऐसा माना जाता है कि माँ धरती पर ईश्वर का प्रतिरूप होती है। गर्भावस्था के 9 महीनों से लेकर माँ बन जाने और उसके बाद बहुत सी बातों और सावधानियों को ध्यान में रखना पड़ता है। माँ बनना एक कठिन काम भी है, क्योंकि मां बनने के बाद हर महिला हारमोनल व शारीरिक बदलाव के साथ ही मानसिक बदलाव से भी गुजरती है। एक और जहाँ उसे शिशु की देखभाल करनी होती है, वहीँ अपनी खोयी हुई काया प्राप्त करने की इच्छा भी बनी रहती है ऐसे में नव निर्मित माँ को फिर से स्वस्थ होने के लिए पर्याप्त समय चाहिए होता है। इसके लिए यह जरूरी है कि आप अपनी कैलोरी को लेकर सतर्कता बरतने के बजाय स्वयं को लगभग 8 हफ़्तों का समय दें। गर्भावस्था या डिलीवरी के पश्चात यह जरूरी नहीं की आपके भोजन में कैलोरी की मात्रा ज्यादा हो इसलिए बात करते हैं डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए। आज अहम आपको बताएंगे ऐसी कुछ डाइट के बारे में जिन्हें माँ बनने के पश्चात आपको अपने आहार में शामिल करना चाहिए ये आहार बिना स्वास्थ्य से समझौता किए आपको उपयुक्त पोषण प्रदान करेंगे…

डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए

1. गर्भावस्था के बाद कम वसायुक्त डेरी(DAIRY) प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए

किसी भी रूप में डेरी प्रोडक्ट्स जैसे दही,दूध,चीस, को खाना स्तनपान में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अगर आप शिशु को स्तनपान करवा रही हैं तो ऐसे में अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त डेरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना जरूरी हो जाता है।

2. ब्राउन राइस

अक्सर गर्भावस्था या डिलीवरी के बाद महिलाएं जल्द से जल्द अपने वजन में हुई बढ़ोत्तरी को कम करना चाहती हैं हालांकि जल्दी वजन कम करने के नुकसानों पर ध्यान देना जरूरी है। अगर आप ऐसा करती हैं तो शरीर में उत्पन्न होने वाले दूध की मात्रा घट सकती है और आप आलसी भी हो सकती हैं। इसलिए अपने भोजन में ब्राउन राइस को शामिल कीजिए। एक ओर जहाँ यह आपकी उर्जा को बढाता है, वहीँ आपको उचित कैलोरी प्रदान कर स्तनपान के लिए लिए दूध की गुणवत्ता को बढाता है।

3. अंडे

प्रोटीन से भरपूर अंडे आपकी दैनिक प्रोटीन की जरुरत को पूरा करने का उत्तम साधन होते हैं। अंडे का किसी भी रूप में प्रयोग विशेषकर डीएचए फोर्टीफाइड अंडे, आपके दूध में फैटी एसिड की मात्रा बढ़ा देते हैं।

4. सामन (SALMON) मछली

यह उन सभी पोषक तत्वों का पॉवर हाउस मानी जाती है, जिनकी जरूरत एक स्वस्थ शरीर को होती है। यह डीएचए का महत्वपूर्ण स्रोत मानी जाती है। इसमें विशेष प्रकार का फैट होता है जो शिशुओं के नर्वस सिस्टम के विकास के लिए जरुरी होता है। वैसे तो माँ के दूध में डीएचए मौजूद होता है लेकिन यदि माँ इसे सीधे तौर पर खाए तो डीएचए की मात्र बढ़ जाती है। हालांकि माँ को डॉक्टर की सलाह से ही इसकी मात्रा लेनी चाहिए, क्यूंकि इसमें पारे के अवशेष भी पाए जाते हैं। इसके अलावा स्वोर्डफ़िश और मैकरील जैसी मछलियों को खाने से पूरी तरह बचना चाहिए क्यूंकि इनमें पारे की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।

5. फलियाँ (LEGUMES)

अगर आप शाकाहारी है तो लेगम्स (फलियाँ) आपके लिए प्रोटीन का एक बेहतर स्रोत होती हैं। आप इसे और ज्यादा स्वास्थ्यकारी बनाने के लिए इसमें बीन्स का भी इस्तेमाल कर सकते है।

6. संतरा और अन्य साइट्रस(CITRUS) फल

संतरा और अन्य सिट्रस फल बहुत जरूरी होते है। इन्हें अपने आहार में नव निर्मित माँ को अवश्य शामिल करना चाहिए। यह आपकी उर्जा बानाए रखते हैं साथ ही इनसे गर्भावस्था या डिलीवरी के बाद आवश्यक विटामिन सी की भी पूर्ति होती है। महिलाओं को गर्भावस्था के पश्चात ज्यादा विटामिन सी की आवश्यकता होती है ।

7. हरी और ताज़ी सब्जियां

गर्भावस्था के बाद अपने भोजन में माँ को हरी सब्जियों जैसे पालक और ब्रोकली को अवश्य शामिल करना चाहिए। इसमें विटामिन ए भरपुर मात्रा में पाया जाता है जो माँ और शिशुओं दोनों के लिए लाभकारी होता है। ये सब्जियां नॉन डेरी कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी का अच्छा विकल्प होती हैं। यह आपके शरीर में एंटी ऑक्सिडेंट की मात्रा बनाए रखने में भी मदद करते हैं।

8. पानी

स्तनपान करवाने वाली माँ को हमेशा डिहाइड्रेशन का खतरा बना रहता है। उर्जा का स्तर बनाए रखने और दूध के उत्पादन के लिए माँ का हाइड्रेटेड रहना जरूरी होता है। आप इसकी पूर्ति दूध और साइट्रस फलों का इस्तेमाल करके भी कर सकते हैं। गर्भावस्था के पश्चात कैफीन के इस्तेमाल से हमेशा बचने का प्रयास करना चाहिए क्यूंकि यह आपके शिशु को चिड़चिड़ा और बैचन बना सकता है।

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