योग मुद्रा

सुप्त वज्रासन के लाभ और विधि

Supta vajrasana steps and benefits in hindi

आसन वो होता है जिसको करने से हमें बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है और छोटी-छोटी बीमारियों से हमें छुटकारा मिलता है, ऐसे ही एक आसन की आज हम बात करते हैं, जिसको करने से हमारी आँखों की रोशनी तेज होती है और साथ में हमारा शरीर मजबूत होता है। उस आसन का नाम है सुप्त वज्रासन। सुप्त का अर्थ होता है सोया हुआ और वज्र नाड़ी का नाम है। इस आसन को जब भी हम करते हैं, तो पीठ के बल लेट कर करते हैं इसलिए इस आसन को सुप्त वज्रासन के नाम से जाना जाता है, लेकिन जो वज्रासन होता है उसको हम बैठ कर करते हैं। यह आसन वज्रासन का विस्तृत रूप है। इस आसन को सब आसनों के बाद में करना चाहिए। इस आसन में स्वाधिष्ठान, चक्र, मेरुदंड तथा कमर के जोड़ पर एकाग्र होकर ध्यान देना चाहिए।

सुप्त वज्रासन करने की विधि

सुप्त वज्रासन आमाशय के अंगो की मालिश कर पाचन संबंधी रोगों को दूर करता है। इसको करने से दमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ो में होने वाले रोगों से भी हमें राहत मिलती है। इस आसन को सबसे श्रेष्ठ आसन माना जाता है। इस आसन को किस प्रकार से किया जाता है हम आपको बताते हैं :-

1. सबसे पहले साफ़ वातावरण में दरी या चटाई को बिछाकर बैठ जाए।
2. अपने दाएं पैर को पीछे की ओर मोड़कर दाएं नितम्ब की ओर रखें और बाएं पैर को मोड़कर बाएं नितम्ब की ओर रखें।
3. अपने पंजो को मिलाते हुए अपनी एड़ियो पर आसन की तरह बैठ जाएं और अपने दोनों घुटनों को सटाकर रखें।
4. अपनी हथेलियों का सहारा लेते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर लेट जाएं।
5. जितना हो सके अपने सिर को अंदर की ओर करे अर्थात पीठ की ओर करने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपका शरीर एक कमानी की तरह बन जाएगा। आसन की स्तिथि में दोनों हाथों पर अपने जाघों पर रखें।
6. अपने श्वास की स्थिति सामान्य रखें। आप की सांस लम्बी ओर गहरी होनी चाहिए।
7. इस का अभ्यास 1 मिनट के लिए ही पर्याप्त होता है लेकिन आप इसे पांच मिनट तक कर सकते हैं, तत्पश्चात आप करवट लेकर सीधे हो जाओं और आराम करके फिर से इस मुद्रा में आ सकते हो
8. इस आसन को 2-3 बार दुहराएं।

सुप्त वज्रासन करने के लाभ

1. इस आसन को करने से हमारे सांस संबंधित रोग दूर होते हैं, तथा हमारे शरीर का रक्त साफ़ होता है।
2. इस आसन को करने से व्यक्ति को अपने आमाशय अंगों की मालिश करके अपनी पाचन संबंधी रोग कब्ज आदि को दूर करने में मदद मिलती है। इसे मेरुदंड के स्नायुओं को अत्यधिक शांति मिलती है तथा इससे पीठ लचीली होती है।
3. इस आसन को करने से आखों की रोशनी बढ़ती है
4. इस आसन को लगातार करने से हमारे पेट की चर्बी कम होती है, जिससे हमारा मोटापा कम होता है।
5. इसको करने से कुबड़ापन दूर होता है।
6. आगे झुकने पर होने वाली कमर दर्द ठीक हो जाती है।
7. इसको करने से कमर पतली, सुंदर और आकर्षक बनती है।

सुप्त वज्रासन – सावधानियां 
1. कमर में दर्द होने पर इस आसन को धीरे-धीरे करना चाहिए।
2. खाना खाने के तुरंत बाद आसन को नहीं करना चाहिए।
3. आसन को करते समय अपने दोनों हाथों का सहारा लें और धीरे-धीरे पीछे की ओर लेटें।
4. जमीन पर लेटते समय घुटने ऊपर नहीं उठने चाहिए।

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