योग मुद्रा

पश्चिमोत्तासन करने की विधि, लाभ और सावधानियां

Paschimottanasana steps, benefits and precautions in hindi.

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जब हम इस आसन को करते हैं तब हमारी पीठ में खिंचाव उत्पन्न होता है, यही कारण है कि हम इसे पश्चिमोत्तासन योग के नाम से जानते हैं। जब हम इस आसन को करते हैं, तब हमारे शरीर की सभी मांसपेशियों में खिंचाव पड़ता है। पश्चिमोत्तासन योग को महत्वपूर्ण आसनों में जाना जाता है। इस आसन के द्वारा हमारा मेरुदंड को लचीला बनता है, जिससे कुंडलिनी जागरण में लाभ प्राप्त होता है।

यह आसन हमारे लिए आध्यात्मिक दृष्टि से भी अधिक महत्वपूर्ण होता है। इसके कारण हमारा मेरुदंड लचीला और मजबूत बनता है। जिसके कारण बुढापे में भी इन्सान तनकर चलता है। उसकी रीढ़ की हड्डी झुकती नहीं इसके अलावा पीठ का दर्द, पेट दर्द, यकृत रोग, तिल्ली, आँतों के रोग और गुर्दे जैसे रोगों का सामना नहीं करना पड़ता। इस योग आसन के द्वारा हमारे शरीर की चर्बी कम होती है, जिसके कारण हमें मोटापे का सामना नहीं करना पड़ता।

पश्चिमोत्तासन योग करने की विधि

इस आसन को हमें किस प्रकार से करना चाहिए आइये जानते हैं…

  1. सबसे पहले जमीन पर चटाई या दरी बिछाकर इस आसन का अभ्यास करें।
  2. चटाई या दरी पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को फैला कर रखें।
  3. अब अपने शरीर को सीधा तान कर अपने दोनों पैरों को आपस में मिला लें ।
  4. अपने दोनों हाथों को अपने सिर की ओर ऊपर जमीन पर अच्छे से टिका दें।
  5. अब अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए एक ही झटके के साथ अपन कमर को भी ऊपर की और उठा लें।
  6. इसके बाद धीरे-धीरे करके अपने दोनों हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें। इस प्रकार करते हुए अपने हाथों और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें।
  7. जब आप को इस आसन को लेट कर नहीं कर सकते या ऐसा करने में आप को परेशानी होती है तब आप इसे बैठकर भी कर सकते हो, इसको करते समय अपनी नाक को छूने की कोशिश करें।
  8. इस आसन की एक क्रिया पूरी होने के बाद कुछ सेंकड के लिए आराम करें और इसे सिर्फ तीन बार हो दोहराएं।
  9. जब आप इस आसन को कर रहे होते हैं, तब आपको समान्य साँस लेनी और छोडनी होती है।

पश्चिमोत्तासन योग के लाभ

  1. इस आसन के द्वारा हमारे शरीर की वायु सही ढंग से काम करती है।
  2. इसको करने से हमारा क्रोध शांत हो जाता है।
  3. इसको करने से हमारे शरीर में खून का बहाव सही रूप ले लेता है, जिसके हमारे शरीर की सारी कमज़ोरी दूर होकर हमारा शरीर सुद्दढ, स्फूर्तिदायक और हमेशा स्वस्थ रहता है।
  4. इस आसन के द्वारा हमारी लंबाई बढ़ती है।
  5. जब हम इस आसन को करते हैं, तब हमारे पेट की चर्बी कम होती है
  6. इसको करने से हमारे बाल काले, लंबे और घने होते हैं।
  7.  इसके नियमित अभ्यास से हमें गुर्दे की पथरी से राहत मिलती है।
  8. इससे कब्ज रोग दूर होता है
  9. इसको नियमित रूप से करने से हमें सिर दर्द, अनिंद्रा आदि से राहत मिलती है।
  10. इसको करने से हमारी पीठ का दर्द ठीक हो जाता है ।

पश्चिमोत्तासन की सावधानियां – कब ना करें

  •   जब भी आप की कमर में दर्द हो रहा हो या रीढ़ की हड्डी में तकलीफ हो, तब आपको इस आसन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

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