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जल चिकित्सा – सेहत की देखभाल

Water therapy benefits in hindi - Health Care Tips

जिस प्रकार सूर्य को शक्तिपुंज माना जाता है उसी तरह जल को पंचतत्व का एक ऐसा घटक माना जाता है जो संचार की क्रिया पूर्ण करता है। हाइड्रोजन के दो परमाणु और ऑक्सीजन के एक परमाणु साथ मिलकर पानी के एक अणु का निर्माण करते हैं जो जीवन के लिये अत्यंत ही आवश्यक है। अमृत और जीवनदायक होने की वजह से जल प्राकृतिक चिकित्सा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। इसका एक पक्ष जल का प्रयोग सूर्य की किरणों से औषधि बनाना है तो दूसरा पक्ष सीधे ही जल को एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है ताकि कई बीमारियों को दूर किया जा सके। 

जल स्नान

जिस प्रकार पानी का सेवन हमारे शरीर की भीतरी सफाई में महत्वपूर्ण योगदान देता है वैसे ही स्नान हमारे शरीर की बाहरी सफाई का मुख्य घटक है। सामान्यत: स्नान शुद्ध जल अर्थात कुएं, नदी आदि के जल से अच्छा माना जाता है। सामान्य रूप से गर्मियों में दो बार अर्थात सुबह और शाम तथा सर्दियों में एक बार स्नान करना चाहिए। 

जल स्नान के फायदे 

1. दैनिक स्नान बीमारियों को दूर करने में सहायक सिद्ध होते हैं।

2. ठंडे पानी से किया गया स्नान शरीर के तापमान को सही रखता है। 

3. नर्वस सिस्टम को सक्रिय करने तथा सुस्ती भगाने में काफी  उपयोगी रहता है। 

4. सूर्योदय के समय स्नान करने से आपके अंदर गुणों का विकास होता है तथा चैतन्यता, ज्ञान, ऊर्जा भी मिलती है। माना यह भी जाता है कि रूप-सौंदर्य निखरता है और मानसिक बल भी मिलता है। 

5. रोगी एवं बुढ़ापे की अवस्था में गर्म/ गुनगुने पानी से भी स्नान किया जा सकता है। 

6. स्नान से त्वचा में जीवंतता आती है तथा शरीर के जीवाणु नष्ट हो जाते है।  

मेहन स्नान

मेहन स्नान को लिंग स्नान, शिश्नस्नान और इन्द्रियस्नान के नाम से भी जाना जाता है। यह मुख्यत: प्रजनन अंगों का ही स्नान है जिसे कटि स्नान के साथ भी किया जा सकता है। यह स्नान स्त्रियों के लिए अधिक लाभकारी है। इसमें भी ठंडे पानी से स्नान करने का ही महत्व है। 

मेहन स्नान के फायदे 

1. तांत्रिक विधा में माना गया है कि प्रजनन अंग शक्ति के मूल केन्द्र है। इसलिए इससे न केवल उन अंगों को शक्ति मिलती है बल्कि पूरे शरीर में भी ऊर्जा का संचार होता है। इसमें पुरूष अपनी जननेन्द्रिय एवं स्त्री अपनी योनि के बाहरी हिस्से की सफाई के साथ इस स्नान करते हैं। 

2. जहां एक तरफ पुरुषों में इस स्नान से मैथुन शक्ति की बढ़ोतरी होती है वहीं स्त्रियों में मानसिक संतुलन का विकास होता है। 

3. इस स्नान से सिर दर्द, मानसिक तनाव, कमर का दर्द आदि दूर होता है। 

4. टांन्सिल्स जैसी गले की बीमारियों में भी मेहन स्नान बहुत ही उपयोगी है।

5. व्यक्ति में इस स्नान से सेक्स के प्रति नियम आता है और मन वासना से दूर होता है।

पद स्नान

शरीर में गर्मी का अत्याधिक प्रकोप होने पर या अधिक थकावट या फिर पैरों के तलवों में जलन होने पर यह स्नान करना चाहिए। इसमें किसी कुर्सी या स्टूल पर बैठकर गरम गुनगुने पानी से भरे बर्तन या बाल्टी में दोनों पैर रखिए। 

पद स्नान के फायदे 

1. पिंडलियों की मांसपेशियों में लचीलापन आता है। 

2. इस प्रकार पद स्नान से न केवल पैर नरम होते हैं बल्कि शरीर की पूरी थकान दूर होती है।

3. रात को सोने से पहले पैरों का स्नान करने वालों को बहुत अच्छी नींद आती है और स्वप्नदोष नहीं होता।

4. सिर की गर्मी दूर होती है और मानसिक शांति मिलती है।

5. सर्दियों के मौसम में यह शरीर में चुस्ती लाता है।

6. जुकाम, नजला, जीर्ण बुखार आदि ठीक होते है। 

परंतु ध्यान रखें कि पद स्नान के दौरान शरीर का ऊपरी हिस्सा चादर या कपड़े से ढका रहना चाहिये वर्ना ठंड और गरम की विषम परिस्थितियों में सेहत खराब या बदन दर्द होने खतरा बढ़ सकता है।

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