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पीठ दर्द के कारण – समझे पीठ की संरचना

Understand structure of back in hindi to get rid of back pain

पीठ दर्द से परेशान लोगों की कमी नहीं है। अक्सर लोग उसे बदलती जीवनशैली का परिणाम बता उसके उपचार में देरी या लापरवाही करते हैं। पीठ का दर्द नया हो या पुराना, उसके कई कारण हो सकते हैं। पीठ दर्द की गम्भीरता को समझने के लिये पहले पीठ की रचना को समझना जरूरी है। पीठ की तुलना किसी पुल से की जा सकती है। दोनों टांगे दो खम्भे हैं जो नींव यानी नितम्ब और और पेडू को सहारा देते हैं। 

पेन्विस अवस्थित पच्चरनुमा हड्डी सेक्रम इस पुल के मेहराब का आधार है। सेक्रम पर मोटी और अनघड़ शक्ल की 24 हड्डियाँ होती है। ये 24 हड्डियाँ एक-दूसरे पर टिकी होती है। इन्हें वर्टिका कहा जाता है। दो वर्टिकाओं के बीच उपस्थित कार्टिलेज यानी नरम हड्डियों की बनी तश्तरीनुमा चक्रिका होती है। इन 24 हड्डियों में से 7 गर्दन में हैं। इन्हें सर्विकल कहते हैं। 12 हड्डियाँ पीठ में है और उनके साथ पसलियां जुड़ी होती हैं। इन्हें थोरेसिक कहते हैं। 5 कमर में है जो लंबर कहलाती है। मज़बूत और भारी माँस-पेशियाँ 24 हड्डियों को आगे-पीछे से सहारा देकर टिकाये रखती है। 

पेडू अवस्थित सेक्रम हड्डी के दाये-बायें उससे जुड़ी हुई हड्डियाँ श्रोणिय अस्थियाँ कहलाती हैं। सेक्रम और श्रोणीय अस्थियों के जोड़ों परआसानी से जोर पड़ सकता है और वे घिसती भी रहती हैं। यही कारण है कि व्यक्ति को कमर-दर्द की शिकायत होती है। 

यह माना जाता है कि चौपायों को ध्यान में रखकर मेरूदंड या रीढ़ का विकास किया गया है। एनेटॉमी के अनुसार मेरूदंड के पाँच मुख्य प्रदेश हैं जिसे गर्दन,पृष्ठ, कटि, सेक्रम और अनुत्तिक का नाम दिया गया है। सेक्रम एक तिकोनी पच्चर है जिसका निर्माण पाँच-छह हड्डियों के संयोग से हुआ है। अनुत्तिक पूंछ का अवशेष है।

यह ध्यान देने वाली बात है कि अक्सर लोग गर्दन के दर्द को पीठ दर्द से भिन्न समझते हैं। वास्तव में यह पीठ दर्द ही होता है। गर्दन मेरूदंड का महत्तवपूर्ण हिस्सा है। सूक्ष्म ज्ञानेंद्रियों का निवास स्थान यानी खोपड़ी गर्दन की हड्डियों पर ही टिका हुआ है। इसलिये गर्दन की हड्डियों में कोई खराबी न केवल गर्दन में बल्कि पीठ के ऊर्ध्व भाग, सिर में भी दर्द पैदा कर सकती है। 

 

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