आयुर्वेदिक उपचार दांतों की देखभाल

दांतों को चमकाने के आयुर्वेदिक उपाय

दांतों को चमकाने के आयुर्वेदिक उपाय

दांतों का चमकना आपके व्यक्तित्व को दर्शाता है। अगर आपके दांत सफेद है तो आपकी सुंदरता में चार चांद लग जाता है। आप आत्मविश्वास से लबरेज हो जाते हैं। यदि आप दांतों को सफेद करने के लिए अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करके थक चुके हैं तो आपको दांतों को चमकाने के आयुर्वेदिक उपाय के बारे में सोचना चाहिए। इससे न केवल दांत सफेद होंगे बल्कि दांत स्वस्थ्य और स्वच्छ भी रहेंगे।

दांतों को चमकाने के आयुर्वेदिक उपाय

दांतों की चमक के लिए बबूल

दांतों की चमक के लिए बबूल

बबूल में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम के अलावा अरबी एसिड भी होता है। बबूल के पेड़ की छाल और पत्तियों में टैनिन और गैलिक एसिड होता है, जो इसे एक कड़वा स्वाद देता है। बबूल छाल को एक्जिमा के इलाज में प्रभावी माना जाता है।

इसके अलावा बबूल दांतों के स्वास्थ के लिए बहुत ही बेहतरीन उपाय है। बबूल की दातुन दांतों को स्वच्छ और स्वस्थ रखती है। यह इसका एक आयुर्वेदिक गुण है भी है जिसे प्राचीन काल से इस्तेमाल किया जा रहा है।

बबूल की छाल मौखिक और दंत स्वच्छता के लिए भी बहुत चर्चित है। वास्तव में, सालों से लोग अपने दांतों और मसूड़ों को मजबूत बनाने के लिए इसकी छाल के एक टुकड़े को मुंह में रखकर जुगल कर इसका प्रयोग करते आए है।

दांतों को चमकाने के लिए बबूल बहुत ही मददगार साबित होता है। इस जड़ी बूटी की प्रभावशीलता के कारण, आयुर्वेद ने बबूल के टहनियों को डिस्पोजेबल टूथब्रश के रूप में उपयोग करने की सिफारिश की है। आपको बता दें कि बबूल में टैनिन की उपस्थिति के कारण दांतों को सफ़ेद करना संभव हो पाता है।

दांतों को चमकाने का उपाय है बरगद

बरगद का पेड़ भारतीय संस्कृति में एक पवित्र पेड़ माना जाता है। बालों की समस्याओं, दांतों, मधुमेह और कई अन्य रोगों को ठीक करने जैसे इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह हर जगह उपलब्ध है और बहुत ही सस्ता है। बरगद की जड़ें डिस्पोजेबल दांत ब्रश के रूप में उपयोग की जा सकती हैं। इसका इस्तेमाल करने से न केवल दांत सफेद और आदर्श बनते हैं बल्कि यह मौखिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है।

पीले दांतों को सफेद बनाने के लिए नीम

पीले दांतों को सफेद बनाने के लिए नीम

प्राचीन काल से ही नीम को एक औषधीय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं में तो किया ही जाता है। नीम के पत्ते का प्रयोग कुष्ठ रोग, आंख के विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट में परेशानी, भूख की कमी, त्वचा के अल्सर, दिल की बीमारियों और रक्त वाहिकाओं (हृदय रोग), बुखार, मधुमेह, और लिवर की बीमारियों के लिए किया जाता है। दांतों को चमकाने के आयुर्वेदिक उपाय में इसे बेहतर माना जाता है।

नीम के पेड़ की दातुन पीले दांतों को सफेद बनाने के लिए पारंपरिक उपाय प्रदान कर सकता है। गांवों में रहने वाले कई भारतीय ब्रशिंग के लिए इस पेड़ के टहनियों का उपयोग करते हैं। इस पौधे के तेल में मुंह की बदबू की रोकथाम के लिए एंटीसेप्टिक गुण हैं। यह सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर सकता है और प्रभावी ढंग से कैविटी और सड़न के खिलाफ लड़ सकता है। – डायबिटीज में नीम के फायदे

दांतों का पीलापन दूर करने का उपाय है तुलसी

दांतों का पीलापन दूर करने का उपाय है तुलसी

आपको बता दें कि तुलसी एक मानी हुई औषधि भी है। जिसका इस्तेमाल कई रोगों में किया जाता है। सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है। दांतों के लिए तुलसी एक बहुत ही अच्छा आयुर्वेदिक उपाय है। तुलसी को आध्यात्मिक रूप से पवित्र माना जाता है और इसकी पत्तियों को प्रभावी रूप से दांतों का पीलापन दूर करने के रूप में प्रयोग किया जाता है।

ब्रशिंग के लिए इसके पाउडर को दांत पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ये पत्तियां दंत स्वच्छता में सुधार की दिशा में एक प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं और यह मसूड़ों के रक्तस्राव जैसे मौखिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का समाधान कर सकती है।

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