बीमारी और उपचार

पेट के अल्सर में परहेज

पेट के अल्सर में परहेज

क्या आप पेट के अल्सर की समस्या से ग्रसित हैं। यह एक ऐसी समस्या है जो हम में से बहुत से लोग पीड़ित है। इस बीमारी के बहुत से गंभीर मामलों में डॉक्टर की आवश्यकता होती है। लेकिन कुछ मामलों में पेट के अल्सर परहेज से भी आप समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके अलावा आप कुछ घरेलू उपचार अपनाकार भी समस्या पर काबू पा सकते हैं।

पेट के अल्सर में परहेज

मिर्च-मसालेदार वाले आहार

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों, जैसे कि हिताल हर्नियास, अल्सर और आंत्र विकारों वाले मरीजों को सामान्यतः गर्म, मसालेदार भोजन से बचने की सलाह दी जाती है। कई अध्ययन से यह पता चला है कि मसलेदार भोजन से पेट के अलसर बढ़ते हैं और स्थिति और खराब हो जाती है। छालों में जलन होती है। अतः मिर्च-मसालेदार भोजन से परहेज़ करना चाहिए।

पेट के अल्सर में कॉफी से परहेज

पेट के अल्सर में कॉफी से परहेज

कैफीन युक्त कॉफी का ज्यादा सेवन आपके अनिद्रा, घबराहट, बेचैनी, मतली और उल्टी, दिल और सांस लेने की दर में वृद्धि, और अन्य दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है। बड़ी मात्रा में कॉफी लेने से सिरदर्द, तनाव, व्याकुलता और अनियमित दिल की धड़कन भी हो सकती है। इसके अलावा यह पेट की दिक्कते भी पैदा कर सकती है।

इसके सेवन से आपके पेट में एसिड की मात्रा बढती है, जो अल्सर के मरीज के लिए सही नहीं है। इसलिए पेट के अल्सर के मरीज को कॉफी से परहेज़ करना चाहिए। कॉफी के अलावा जिस चीज में कैफीन होती है जैसे साफ्ट ड्रिंक या चॉकलेट आदि आपकी हालत खराब कर सकता है।
सफेद ब्रेड से बनाएं दूरी

सफेद ब्रेड खाना स्वास्थ के लिए बहुत हानिकारक है। इसमें बहुत ही कम पौष्टिक तत्व होता है और यह ब्लड शुगर के स्तर को अनियमित कर सकता है। टाइप -2 मधुमेह के खतरे में वृद्धि और वजन को बढ़ाने में भी यह सहायक है। यह एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिससे अलसर की स्थिति और बिगड़ सकती है। इसलिए अपने डाइट से सफेद ब्रेड को पूरी तरह से हटा दीजिए।

बेक किये हुए खाद्य पदार्थ

आपको उन फास्ट फूड उत्पादों से बचना चाहिए जिसमें कैल्शियम प्रोपियोनेट का उच्च अनुपात है, जैसे बन्स, पेस्ट्री और पिज़्ज़ा। इसके अलावा बेक किये हुए खाद्य पदार्थों में ट्रांस वसा की मात्रा बहुत होती है इस कारण यह पेट के एसिड को बढाता है। इसे अल्सर में जलन होती है। ऐसे में इस तरह के खाद्य पदार्थों से परहेज करना बहुत ही जरूरी है।

पेट के अल्सर में शराब से परहेज

पेट के अल्सर में शराब से परहेज

आपके शरीर पर शराब के प्रभाव को समझने के सबसे आसान तरीकों में से एक यह समझने की है कि यह आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को कैसे प्रभावित करता है। शराब का सीधा असर आपके लिवर और किडनी पर पड़ता है। यह क्रोनिक लिवर सूजन और लिवर रोग के लिए आपके जोखिम को भी बढ़ाता है।

इसके अलावा शराब पीने से आपको अल्सर हो सकता है लेकिन वहीं जिन्हें अल्सर पहले से ही है उनके लिए शराब जहर के समान है। इसलिए इससे दूरी बनाकर रखें। शराब का अत्यधिक सेवन आपके पाचन तंत्र को खराब कर देता है और एसिड का लेवल बढा सकता है। शराब पीने से आपके पाचन तंत्र में ऊतकों को नुकसान हो सकता है और आपके आंतों को भोजन पचाने और पोषक तत्वों और विटामिन को अवशोषित करने से रोक सकता है।

पेट के अल्सर में खाएं ये फल

पेट के अल्सर में केला खाएं

केले में एंटी बैक्टीरियल तत्व प्रचुरता में होते हैं, जो पेट के अल्सर को बढ़ने से रोक सकते हैं इसलिए नाश्ते के बाद केला खाएं। पेट और पाचन समस्याओं के मामले में केला एक बहुत ही अच्छा उपचार है।

केले में साइटोइंडोसाइड एंजाइम पेट में और पाचन तंत्र में बलगम को बढ़ाता है। यह बलगम अल्सर को तेजी से ठीक करने में मदद करने के लिए एक शक्तिशाली सुरक्षात्मक कोटिंग प्रदान करता है।

पेट के अल्सर में नाशपाती खाएं

पेट के अल्सर में नाशपाती खाएं

नाशपाती खाना सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसे खाने से इम्यून सिस्टम अच्छा होता है। यह न केवल सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं, बल्कि अधिकांश बीमारियों को जड़ से खत्म भी कर सकती है। यह आहार फाइबर के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक हैं और उच्च मात्रा में विटामिन सी और विटामिन के प्रदान करते हैं।

इसके अलावा फ्लेवोनॉएड और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर नाशपाती अल्सर के लक्षणों को कम करने में सहायता करते हैं। यह एच. पाइलोरी के संक्रमण को भी रोकती है। नियमित रूप से नाशपति का सेवन करने वालों में छोटी आंत का अल्सर होने की आशंका काफी कम हो जाती है।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

Leave a Comment