बच्चों की देखभाल

बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के तरीके 

बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के तरीके 

जिस व्यक्ति के अंदर आत्म विश्वास होता है, तो वह किसी भी चुनौती को सकारात्मक रूप से सामना कर सकता है। उसकी अपनी सेल्फ इमेज बहुत ही अच्छी होती है और वह सकारात्मक सोच के साथ लाइफ में आगे बढ़ता चला जाता है। इसके अलावा जब उसका विश्वास मजबूत होता है तो वह जो भी काम करता है उसमें सफलता जरूर हासिल करता है। अब वह चाहे शिक्षा हो, जॉब हो या फिर सामाजिक संबंध ही क्यों ना हो।

बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के तरीके

उन्हें जरूरी वातावरण प्रदान करें

ऐसा देखा गया है कि आत्म विश्वास की कमी की वजह से बच्चे स्कूल में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं और उनका अन्य गतिविधियों में भी परफॉर्मेंस सही नहीं होता है। हर बच्चे में सीखने की अलग-अलग स्किल होती है ऐसे में आभिभावक को चाहिए कि वह बच्चे को ऐसा वातावरण तैयार करके दें जिसकी वजह से उसका आत्म विश्वास बढ़े। इसके लिए आप अपने बच्चे के साथ समय बिताएं और उन्हें अलग-अलग चीजों के बारे में बताने की कोशिश कीजिए।

बच्चे को प्रेरित करने की कोशिश कीजिए

बच्चे को प्रेरित करने की कोशिश कीजिए

अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे में आत्म विश्वास बढ़े तो इसके लिए आप उन्हें उनके काम के लिए हमेशा प्रेरित करते रहिए। अगर वह किसी खेल में अच्छे हैं या किसी विषय में उनकी जानकारी बढ़ रही है तो आप उन्हें उस के लिए गिफ्ट दीजिए। अगली बार से वहीं बच्चा आपको और बेहतर परफॉर्मेंस करके दिखाएगा।

उनके अंदर निर्णय लेने की क्षमता को करें विकसित

अगर बचपन से ही बच्चे के अंदर निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है तो आगे जाकर वह बड़े और बेहतर निर्णय ले पाएंगे। इससे न केवल बच्चा मानसिक रूप से मजबूत होगा बल्कि विपरित परिस्थितियों में भी वह शांति से काम लेगा। अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा छोटे-छोटे निर्णय लेने में समर्थ है तो उसे मौका जरूर दीजिए और प्रेरित करने की कोशिश कीजिए।

सकारात्मक स्वभाव को बनाएं

सकारात्मक स्वभाव को बनाएं

अभिभावक को कुछ ऐसे तरीके अपनाना चाहिए जिससे बच्चा अपना सेल्फ स्टीम को बढ़ा सके। इसके लिए आप अपने सकारात्मक स्वभाव को बनाएं रखें और अपने बच्चे से बात करें और उससे किसी मुद्दे पर सकारात्मक राय लें। इसका फायदा यह होगा कि बच्चा जीवन के हर मुश्किल दौर में हमेशा सकारात्मक भाव रखेगा।

रिश्तों में विश्वास

रिश्तों में विश्वास आपके बच्चे के आत्मविश्वास की कुंजी है। इसलिए उसे रिश्तों के महत्व के बारे में समझाइए। इसके अलावा आप उसे बचपन से ही बनते और बिगड़ते रिश्तों के बारे में बताइए। साथ ही रिश्तों के प्रति अपनी ईमानदारी कैसे दर्शानी है उसके बारे में भी जानकारी दीजिए।

उसके इंटरेस्ट को पहचाने

यह माता पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने बच्चे के इंटरेस्ट को पहचाने। इस तरह आप अपने बच्चे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए उनकी सहायता कर सकते हैं। साथ ही इस बात पर नजर रखें कि आपके बच्चे की स्ट्रेंथ और वीकनेस क्या है। वह सफलता और असफलता को किस तरह से हैंडल करते हैं इस बात पर भी विचार करें।

बड़ों से बात करने दें

अगर आपका बच्चा किसी बड़े से बात कर रहा है तो उसे रोकने की कोशिश मत कीजिए। इससे आपके बच्चे का दिमाग खुलेगा और वह अच्छे संबंध भी बना पाएगा। इससे न केवल उसकी जानकारी बढ़ेगी बल्कि उसके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होगी।

बच्चे को दोस्त बनाएं

बच्चे को दोस्त बनाएं

अभिभावक होने के नाते यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे में आत्मविश्वास बढ़े तो उसे दोस्त बनाएं। अब वह समय नहीं रहा जब माता-पिता कुछ भी कहकर या डराकर बच्चे से काम करवा लेते थे। समय बदल गया है,बच्चे मुखर हो गए हैं। उनका अपना नज़रिया है। माता-पिता को यह करना है कि बच्चों के साथ बॉस या हिटलर की तरह नहीं बल्कि दोस्त बनकर रहें। आपका यह तरीका बच्चों को पसंद आएगा और वह कोई भी काम करने में हिचकिचाना नहीं।

जिद्दी ना बनने दें

यह अभिभाव का काम है कि बच्चा जिद्दी न बने। उसे जिम्मेदारियों का एहसास दिलाएं। जो पेरेंट्स या अभिभावक बच्चों की हर मांग को पूरा करते हैं उनके बच्चे जिद्दी हो जाते हैं। यदि बच्चे बेवजह जिद करते हैं जिन्हें पूरा नहीं किया जा सकता तो उन्हें प्यार से समझाएं कि उनकी मांग जायज नहीं है।

गलत बातों पर टोकें

यहां आत्मविश्वास बढ़ाने का मतलब यह नहीं है कि बच्चा जो कुछ करे और आप देखते रहें। बढ़ती उम्र के साथ-साथ बच्चों की बदमाशियां बढ़ जाती है और गलतियां भी करने लगते हैं। जैसे मारपीट करना, गाली देना, बड़ों की बात ना मानना आदि।
अगर वह बदमाशियां कर रहे हैं तो आपका फर्ज बनता है कि आप उन्हें सही ट्रैक पर लाएं। ऐसी गलतियों पर बचपन से ही रोक लगा देना चाहिए ताकि बाद में ना पछताना पड़े।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

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