बवासीर योग मुद्रा

बवासीर के लिए योग आसन

Yoga tips for piles diseases in hindi.

विस्तार में जाने बवासीर के लिए योग आसन जैसे कि कपालभाति, सर्वंगासन, पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तासन, पर्वतासन आदि, piles yoga tips in hindi.

बवासीर जिसे हम पाइल्स के नाम से भी जानते हैं एक बहुत कष्ट देने वाली बीमारी है। लेकिन आज हम इस लेख में बवासीर के दर्द से निजात पाने के लिए बवासीर के लिए योग आसन बताएंगे।

बवासीर गुदा मार्ग की बीमारी है, जो दो प्रकार की होती है खूनी बवासीर और बादी बवासीर। खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते हैं और उनसे खून गिरता है जबकि बादी बवासीर में गुदा में सूजन- दर्द व मस्सों का फूलना आदि लक्षण होते हैं। इस रोग के होने का मुख्य कारण कोष्ठबद्धता या कब्ज माना जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो कभी भी किसी को हो सकता है, लेकिन ज्यादातर यह बीमारी 50 की उम्र के बाद होती है।

बवासीर के लिए योग आसन

#1 कपालभाति प्राणायाम

चेहरे की सुंदरता और पेट को स्वस्थ्य रखने के लिए कपालभाति प्राणायाम बहुत ही लाभकारी है। यह प्राणायाम मानसिक तनाव, अस्वस्थ जीवन शैली, थकान, सिर दर्द, अनिद्रा को दूर करता है और बहुत जल्दी मन को शांत करता है। जो लोग बवासीर की समस्या से पीड़ित हैं उन्हें कपालभाति प्राणायाम करना चाहिए।

कपालभाति प्राणायाम के लाभ और विधि

#2 सर्वंगासन योग

वजन को कम करने या फिर थकान और शरीर की दुर्बलता को दूर करने में सहायक सर्वंगासन न केवल बवासीर के लक्षणों से भी निजात दिलाता है बल्कि इस आसन के द्वारा महिलाओं को मासिक धर्म में होने वाली परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

सर्वांगासन योग करने की विधि और लाभ

#3 बालासन योग

बवासीर के लिए योग की बात करें तो बालासन को करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पेट की चर्बी घटती है। इसे हम चाइल्ड पोज के नाम से भी जानते हैं। यदि आप बालासन को नियमित रूप से करते हैं तो बवासीर की समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके अलावा बलासन का अभ्यास आप अपने शरीर को आरामदायक स्थिति में लाने के लिए कर सकते हैं।

#4 पवनमुक्तासन योग

जब हम पवनमुक्तासन को करते हैं, तब हमारे पेट से गैस और कब्ज के कारण जो वायु जमा होती है वो आसनी से बाहर निकल जाती है। इस आसन को बवासीर रोग में किया जा सकता है। यह गुदा में मांसपेशियों में तनाव को रिलीज करने में भी मदद करता है।

पवनमुक्तासन योग की विधि और फायदे

#5 पश्चिमोत्तासन योग

यह आसन हमारे लिए आध्यात्मिक दृष्टि से भी अधिक महत्वपूर्ण होता है। इसके कारण हमारा मेरुदंड लचीला और मजबूत बनता है। इस आसन के करने से पीठ का दर्द, पेट दर्द, यकृत रोग, तिल्ली, आँतों के रोग और गुर्दे जैसे रोगों का सामना नहीं करना पड़ता। इसके अलावा यह बवासीर के रोग में भी लाभकारी है। इसके अभ्यास से गुर्दे की पथरी भी ठीक हो जाती है तथा यह बवासीर जैसे रोगों में भी लाभकारी है।

पश्चिमोत्तासन करने की विधि, लाभ और सावधानियां

#6 पर्वतासन योग

रक्त साफ करने के लिए पर्वतासन बहुत ही उपयोगी है, जिससे हमारे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। इसे माउंटेन पोस के नाम से भी जाना जाता है। इसे करते वक्त शरीर की मुद्रा पर्वत के समान दिखती है इसलिए इसे पर्वतासन कहा जाता है। बवासीर की बीमारी में इसे करना बहुत ही अच्छा माना जाता है।

पर्वतासन योग – विधि और लाभ

#7 हलासन योग

हलासन को करने से हमारा खाना सही तरीके से और अच्छे से पच जाता है। इसको करने से हमारा रक्त संचार तेजी से काम करता है। बवासीर रोग को ठीक करने के लिए या एक उपयोगी आसन हैं।

हलासन करने की विधि और लाभ

दोस्तों उम्मीद करते हैं बवासीर के लिए योग टिप्स आपके बहुत काम आएंगे।

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