डायबिटीज

प्री-डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाने वाली 5 बुरी आदतें

प्री-डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाने वाली आदतों की वजह से आपको टाइप 2 मधुमेह हो सकता है, इसलिए यदि आप इससे आप बचना चाहते हैं तो खानपान और व्यायाम पर ध्यान दीजिए।

प्री-डायबिटीज का मतलब है कि आपके ब्ल्ड शुग का स्तर सामान्य से अधिक होना, लेकिन ये स्तर अभी टाइप-2 मधुमेह होने के लिए पर्याप्त नहीं है। आपके जीवन शैली में बदलाव के बिना, प्री-डायबिटीज टाइप-2 मधुमेह की संभावना अधिक होती है। यदि आपको प्री-डायबिटीज के लक्षण है, तो मधुमेह का दीर्घकालिक नुकसान आपके दिल, रक्त वाहिकाओं और किडनी पर पहले से ही शुरू हो सकता है। ऐसे लक्षणों के लिए अच्छी खबर यह है कि, प्री-डायबिटीज से टाइप-2 मधुमेह के होने को रोका जा सकता है। स्वस्थ भोजन करना, रोज़ कसरत या शारीरिक व्यायाम करना और स्वस्थ वजन बनाए रखने से आपके ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रखा जा सकता है। प्री-डायबिटीज वयस्क और बच्चों दोनों को प्रभावित करती हैं। जीवनशैली बदलकर वयस्कों में मधुमेह की प्रगति को रोका जा सकता हैं और ये बचाव बच्चों के ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य रखने में भी मदद कर सकते हैं। आइये आज हम प्री-डायबिटीज करने वाली बुरी आदतों और उन्हें संभालने के तरीको पर नज़र डालें।

प्री-डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाने वाली 5 बुरी आदतें

प्री-डायबिटीज को बढ़ाए वज़न

प्री-डायबिटीज को बढ़ाए वज़न

लोगों में अधिक वजन होना, प्री-डायबिटीज के लिए पहला जोखिम कारक है। अधिक वसा से आपकी कोशिकाएं इंसुलिन-प्रतिरोधी बन जाती हैं। एक प्री-डायबिटीज लोगों पर किये अध्ययन में पाया गया कि उनके शरीर के वजन में 5-7 फीसदी कमी से, उनमें मधुमेह होने की संभावना कम होती है। इसके अलावा आप जितना कम काम करते हैं और आपका शारीरिक व्यायाम आपको वजन नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे ग्लूकोज का ऊर्जा के रूप में उपयोग होता है और आपकी कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति अधिक काम करती है।

फोन और इंटरनेट का कम उपयोग

आजकल के आधुनिक उपकरणों के समय में आपकी शारीरिक गतिविधियां कम होती है, जिसके परिणामस्वरूप मधुमेह, ह्रदय रोग और मोटापे जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। घंटो फ़ोन या इंटरनेट पर काम करने से भी का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए आपको दिन में कुछ समय अपने फ़ोन और लैपटॉप से दूर सैर या व्यायाम में बिताना चाहिए, जिससे आपको मधुमेह जैसे रोग से बचना आसान हो।

धूम्रपान और शराब छोड़ दें

आजकल तनाव के कारण अनचाहे धूम्रपान और शराब की लत लगना आम बात है, जिसके कारण शरीर में फेफड़ो, सांस, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियां उत्पन्न होती हैं। निकोटिन से रक्तचाप बढ़ता है, जिसके कारण मानसिक परेशानियां और इन्सुलिन का प्रतिरोध बढ़ता है, इसलिए डॉक्टर भी मधुमेह के रोगियों को सबसे पहले शराब और धूम्रपान छोड़ने की सलाह देते हैं।

जूस के विपरीत फलों का प्रयोग करें

आजकल बाजार में उपलब्ध जूस प्रिजर्वेटिव और शुगर से भरपूर होते हैं, जिनसे शरीर में अतिरिक्त कैलोरी और प्रिजर्वेटिव के कारण इन्सुलिन के प्रति प्रतिरोध पैदा होता है। ये मानव निर्मित जूस कैलोरी के साथ-साथ मधुमेह और मोटापा भी बढ़ाते हैं। इसके विपरीत जब आप एक प्राकृतिक फल खाते हैं, तो ये आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज और पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे मधुमेह और अन्य रोगों का खतरा भी कम होता है।

प्री-डायबिटीज के खतरे को बढ़ाए पर्याप्त नींद न लेना

प्री-डायबिटीज के खतरे को बढ़ाए पर्याप्त नींद न लेना

एक पर्याप्त नींद न लेने वाले लोगों में इंसुलिन प्रतिरोध का खतरा बढ़ जाता है, जिससे लोगों के शरीर में प्री-डायबिटीज या टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ता है। मधुमेह रोग के डॉक्टर कहते हैं कि नियमित रूप से पर्याप्त नींद नहीं लेने से लोगों का वजन कम करना मुश्किल होता है और नींद की कमी उनके शरीर को इंसुलिन का इस्तेमाल करने के लिए कठिन बना देती है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज की संभावना होती है। अच्छी नींद की आदतों को अपनाएं और सोने से पहले टीवी, कंप्यूटर या स्मार्टफ़ोन का उपयोग न करें। ये सभी कारक नींद में परेशानी करते है जिनसे बच के रहने से एक अच्छी नींद और स्वस्थ शरीर मिलता है।

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