लेरिन्जाइटिस

लेरिन्जाइटिस क्या है, इसके लक्षण और उपचार

What is laryngitis, its symptoms and home remedies in hindi.

what is laryngitis, its symptoms and home remedies in hindi, लेरिन्जाइटिस क्या है, इसके लक्षण और उपचार जैसे कि क्या खाएं और क्या ना खाएं.

कंठ ध्वनीयंत्र में जब सूजन पैदा होती है तो उसे हम लेरिन्जाइटिस कहते हैं। हमारे कंठ के भीतर स्वर उत्पन्न करने वाली तंत्रिकाएं होती है, जो धीरे-धीरे खुलती और बंद होती रहती है और साथ ही उनकी गति और कम्पन से ध्वनी पैदा होती है, लेकिन लेरिन्जाइटिस में जब स्वर तंत्रिकाओं में जब सूजन पैदा हो जाती है और यह सूजन इसके द्वारा गुजरने वाली हवा से उत्पन्न ध्वनियों में विकृति पैदा करती है। जिसके कारण हमारी आवाज भारी या बैठी हुई हो जाती है। कई बार हमारी आवाज अस्थाई रूप से निकलना बंद हो जाती है। आमतौर पर इस परेशानी से मध्य वर्ग के लोगों को गुजरना पड़ता है और इसमें महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को ज्यादा होता है। और यह कुछ दिनों में ठीक हो जाता है।

लेरिन्जाइटिस दो प्रकार का होता है 

एक्यूट लेरिन्जाइटिस
क्रोनिक लेरिन्जाइटिस

लेरिन्जाइटिस के लक्षण

लेरिन्जाइटिस होने पर हमें कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे कि :-

1.भारी आवाज होना या सही से बोल न पाना
2.शुष्क, पीड़ा
3.गले में जलन होना
4.खांसी होना
5.खाना खाने में कठिनाई होना
6.गले से सूजन का एहसास होना
7.बुखार आना
8.सांस लेने में कठिनाई होना
9.खांसी या उल्टी में खून आना

लेरिन्जाइटिस के कारण

आमतौर पर वायरस या बैक्टीरिया के कारण हमारे कंठ में संक्रमण हो सकता है, जिसके कारण हमारे गले में सूजन पैदा हो जाती है और वायरस हमारे शरीर में अन्य रोगों के कारण पैदा हो जाता है जैसे खांसी, जुकाम, फ्लू आदि। इसके और भी कारण है…

1.एसिड का अहारनली में होना
2.एलर्जी
3.अत्यधिक खांसी होना
4.धुम्रपान करना
5.शराब का अधिक सेवन करना
6.स्वर तंत्रिकाओं में सूजन होना

लेरिन्जाइटिस के उपचार

जब भी हमें श्वास से जुड़ी हुई किसी भी बीमारी का सामना करना पड़े तो ऐसे में हमें बहुत ही परेशानी होती है, क्योंकि न तो हम अच्छे से बोल सकते हैं न ही खा सकते हैं, ऐसे में हमें कुछ घरेलू उपचार करने चाहिए जिससे हम ठीक हो सकें जैसे कि :-

  1. ऐसे में हमें अपनी आवाज को आराम देना चाहिए और जितना हो सके हमें कम बोलना चाहिए।
  2. हमें तरल पदार्थो का अधिक सेवन करना चाहिए जैसे कि पानी, सूप, चाय के साथ शहद, संतरे का रस, दूध आदि का सेवन करना चाहिए।
  3. रोगी को विटामिन सी से समृद्ध आहार का सेवन करना चाहिए ।
  4. गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए।
  5. नींबू में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है साथ ही इसके रस से प्रभाव से कई तरह के बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं और यह लेरिन्जाइटिस के विभन्न लक्षणों को दूर करने में मददगार होता है।
  6. शराब, तम्बाकू और धुम्रपान से दूरी बनाएं।
  7. मसालेदार और तैलीय सब्जियों से दूरी बनाएं।
  8. योग और व्यायाम करते रहना चाहिए।

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