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मूड स्विंग से बचने के तरीके, जानें यह खास 4 टिप्स

विस्तार में जाने मूड स्विंग से बचने के तरीके जाने वो कौन से तरीके हैं जो आपकी सहायता करेंगे खुश रहने में, mood swing tips in hindi

कुछ लोग अपने मूड को लेकर बहुत परेशान रहते हैं। उन्हें खुद भी यह बात समझ में नहीं आती कि आखिर उनका मूड इतनी जल्दी क्यों स्विंग करते रहता है। ऐसे लोगों के दोस्त ज्यादा नहीं बन पाते हैं क्योंकि इनका मूड जो पल-पल में स्विंग करता है।

मूड स्विंग से लोग चिड़चिड़े से हो जाते हैं और साथ ही उन्हें कई बीमारियां भी अपने घेरे में ले लेती है जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल का बढ़ना आदि। जिन लोगों के मूड जल्दी स्विंग करते हैं वह दिमागी तौर से भी कभी स्थिर नहीं रह पाते हैं, जो आगे चलकर उनके लिए ही समस्या पैदा करता है।

आइए बताते हैं ऐसे ही कुछ जबरदस्त उपाय जो आपके मूड स्विंग के दौरान आपकी मदद कर सकता हैं –

1. अतिसंवेदनशीलता से खुद को बचाए

अतिसंवेदनशीलता से खुद को बचाए

अगर आपका स्वभाव भी अतिसंवेदनशील रहता है तो यह तय है कि आप हर विषय पर बहुत ज्यादा दिमाग लगाते हैं, जिसकी वजह से आपका मूड जल्दी-जल्दी स्विंग करता है। बता दें कि ऐसा अगर बार-बार होता है, तो आम व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार हो जाता है। ऐसे में आपको कोशिश करना होगा कि आप खुद पर कंट्रोल रखें और जल्दी रिएक्ट ना करें।

2. विचारों का करें परीक्षण

एक पल हर किसी के लाइफ में ज़रूर से आता है जब आप अपने लक्ष्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और इधर-उधर की बातों पर ज्यादा दिमाग लगाने लग जाते हैं। कभी ऐसा हो तो तुरंत ऐसी बातों के बारे में सोचने से खुद को बचाएं। बता दें कि अगर आप कोशिश करेंगे तो कोई भी काम आपके लिए ज़रूर से आसान हो जाएगा और आप अपनी कमजोरी को बड़े ही आसानी से पकड़ सकेंगे, जिसकी वजह से अक्सर आपका मूड स्विंग करते रहता है।

3. अपने पसंदीदा काम में लगाए मन

खुद का जज इंसान खुद ही होता है। ऐसे में ज़रूरी है कि आपको इस बात का ज्ञात करना कि आपको सबसे अच्छा क्या लगता है या कौन सी ऐसी चीज़ है जिसे खाकर या कोई एक्टिविटी कर के आपका मूड अच्छा हो सकता है? खराब मूड हो जाने पर आपके लिए बेस्ट होगा कि आप वही करें जो आपको करने में बहुत अच्छा लगता है। ऐसा करने से वाकई आपके मूड में बदलाव आएगा और आपकी सोच भी सकारात्मक होगी। मूड को सही करने वाले आहार

4. अवचेतन मन को पढ़ें

अवचेतन मन को पढ़ें

हमारी ज़िंदगी में ऐसे कुछ मौके आते हैं जब हम किसी एक जगह या यूं कहे कि किसी विषय या कार्य पर केंद्रित रहने की कितनी भी कोशिशें क्यों ना करें हम नहीं रह पाते हैं। बता दें कि कई बार तो हमारा मस्तिष्क ही हमें अपने अवचेतन हिस्से से तरह-तरह के सिग्नल संकेत करते रहता है कि हम कहां पर गलत हैं या क्या हमसे नहीं हो सकता है।

वहीं, आप अगर अपने इन अवचेतन मन के संकेतों को समझना शुरु कर दें तो आपको यह आसानी से पता चल जाएगा कि आप क्या कर रहे हैं और आपको क्या करने की जरूरत है। वाकई इस तरह आप अपने मन को स्थिर रख सकते हैं और मूड को जल्दी-जल्दी स्विंग होने से बचा सकते हैं।

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