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शहद खाने के तरीके – ऐसे कभी ना खाएं शहद

Tips to consume honey safely in hindi.

विस्तार में जाने शहद खाने के तरीके और किन चीज़ों के साथ शहद का सेवन नहीं करना चाहिए, tips to eat honey and with what honey should not be consumed hindi.

हजारों सालों से चिकित्सा की दुनिया में अपनी एक अहम भूमिका निभाने वाला शहद या मधु एक प्राकृतिक मधुर पदार्थ है, जो मधुमक्खियों द्वारा फूलों के रस को चूसकर तथा उसमें अतिरिक्त पदार्थों को मिलाने के बाद छत्ते के कोषों में एकत्र करने के फलस्वरूप बनता है। औषधीय की दुनिया में यह कितना उपयोगी है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यह देवताओं के लिए आहार के रूप में प्रयोग में लाया जाता था। इसके अलावा आयुर्वेद में इसे माना गया है, इसलिए आज हम बात करेंगे शहद खाने के तरीके के बारे में और कैसे हमे शहद को नहीं खाना चाहिए।

क्या आपको पता है कि अनेक बीमारियों में एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करने वाला शहद गलत तरीके से सेवन करने से कई बार जहर भी बन जाता है। इसलिए जो लोग इसका सेवन करते हैं, उन्हें जरूर नीचे दिए गए कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए।

शहद खाने के तरीके – ऐसे खाने से शहद बन जाएगा जहर

शहद खाने के तरीके - ऐसे खाने से शहद बन जाएगा जहर

रोजाना सही तरीके से शहद लेना सेहत के लिए अच्छा होता है। यह आपके कई तरह की बीमारियों को दूर कर सकता है। लेकिन गलत तरीके से शहद का सेवन करने से फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है। इसलिए एक साथ अधिक मात्रा में शहद न लें। ऐसा करना नुकसानदायक होता है। शहद दिन में दो या तीन बार एक चम्मच लें।

  • एक एनर्जी बूस्टर के तौर पर काम करने वाला शहद को यदि गरम खाद्य पदार्थों के साथ खाते हैं तो यह आपके लिए नुकसान साबित हो सकता है।
  • चाय या कॉफी का सेवन लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है लेकिन अगर आप चाय या कॉफी के साथ शहद का सेवन करते हैं तो यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है। चाय या कॉफी में शक्क र की जगह शहद का प्रयोग भी घातक है।

शहद जहर बन सकता है, सावधानी से खाएं

  • आपको बता दें कि शहद शरीर को डिटॉक्सर करके हर तरह के इंफेक्शन को भी खत्म करता है, लेकिन वहीं अगर आप इसे घी, तेल या मक्खन के साथ खाते हैं तो जहर बन जाता है।
  • ग्लूकोज, फ्रक्टोज, विटामिन्स, मिनरल्स जैसे पौष्टिक तत्वों से भरपूर शहद को मांस-मछली के साथ कभी भी सेवन न करें। इस तरह का सेवन जहर के समान है।
  • त्वचा के लिए उपयोगी शहद उस समय आपके लिए हानिकारक हो सकता है जब आप इसे आंच पर गरम करके खाते हैं।
  • एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुणों से भरपूर शहद को चीनी के साथ मिलाना अमृत में विष मिलाने के समान है।  इसलिए शहद खाने के समय ऐसे चीनी के साथ ना खाएं।

ध्यान दीजिए – शहद खाने से किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो रही हो तो नींबू का सेवन करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

शहद के फायदे

शहद के फायदे

प्राचीन काल से, शहद का भोजन और दवा दोनों के रूप में उपयोग किया गया है। यह बहुत ही लाभकारी पौष्टिक तत्व है और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह पौष्टिक इसलिए भी है क्योंकि इसका प्रयोग परिष्कृत चीनी की जगह प्रयोग किया जाता है। रिफाइंड या परिष्कृत चीनी में 100 फीसदी कैलोरी होता है।

हनी में कुछ पोषक तत्व होते हैं

शहद मधुमक्खी द्वारा बनाई गई एक तरह की मिठी तरल पदार्थ है। मधुमक्खियां इसे फुलों द्वारा बनाती हैं। यह कई तरह के रोगों में लाभकारी है।

एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है शहद

उच्च गुणवत्ता वाली शहद में कई महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट हैं इनमें फिनोल, एंजाइम और मैग्नीकॉइड और कार्बनिक एसिड जैसे यौगिक शामिल हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह इन यौगिकों का संयोजन है जो शहद को अपनी एंटीऑक्सीडेंट शक्ति देता है। एंटीऑक्सिडेंट्स को दिल के दौरे, स्ट्रोक और कुछ प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करने के लिए जोड़ा गया है। वे नेत्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दे सकता है।

बच्चों में खांसी को रोकने में शहद कर सकता है मदद

श्वसन संक्रमण वाले बच्चों के लिए खांसी एक आम समस्या है। बच्चों और उनके माता-पिता दोनों के लिए यह नींद और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, खांसी के लिए मुख्य धारा की दवाएं हमेशा प्रभावी नहीं होती हैं और इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि शहद खांसी के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि यह दो सामान्य खांसी वाली दवाओं से भी बेहतर काम करता है।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

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