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कान में इन्फेक्शन के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

Ear infection reasons and symptoms in hindi.

ईयर इन्फेक्शन अर्थात् कान का दर्द। कान हमारे शरीर की उन इन्द्रियों में से एक है, जो बहुत ही नाजुक होता है, इसलिए हमें इसकी देखभाल बहुत ही अच्छे तरीके से चाहिए, नहीं तो हमें बहुत सी भयानक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि कान में इन्फेक्शन हो जाना आदि। कान के इन्फेक्शन के कारण हमें सुनने में भी दिक्कत हो सकती है। अगर देखा जाए, तो यह बीमारी हमें नवजात शिशुओं और बच्चों में अधिक मात्रा में देखने को मिलती है। जबकि कई बार बड़े भी इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं।

ईयर इंफेक्शन के कारण
कान हमारे शरीर के नाजुक इंद्रियों में से एक है। कान की रचना बहुत ही जटिल तरीके के साथ हुई है। कान में इंफेक्शन या संक्रमण होना बहुत ही आम बात है, लेकिन जब हम अपने कान का सही तरीके के से ध्यान नहीं रखते, तो हम गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं, साथ ही हमारे सुनने की शक्ति भी कम हो जाती है। ईयर इंफेक्शन के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि …

  • कान में चोट का लगना।
  • कान में कीड़े का जाना।
  • कान की मल का बढ़ जाना।
  • नहाते हुई कान में पानी चले जाना।
  • शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना।
  • सर्दी हो जाना।
  • कर्कश ध्वनि का लगातार सुनाई देना।
  • श्वास संबंधी समस्या होना आदि कान के इंफेक्शन के मुख्य कारण हो सकते हैं।

ईयर इंफेक्शन के लक्षण

  • बुखार का आना और बच्चो को ठीक से न सुनाई देना।
  • कान को खींंचने या रगड़ने से।
  • बच्चा जब ठीक से खाना न खाएं और रोता रहें।
  • कान में दर्द तब हो जब कान में अधिक गंदगी जम जाएं।
  • पीली या सफेद रंग का पस बाहर निकले।

घरेलू उपचार
जब भी कान में किसी भी तरह की कोई बीमारी बन जाती है, तब हम अक्सर डॉक्टर के पास चले जाते हैं और अधिकतर केस में डॉक्टर इन्फेक्शन की दवा देते हैं, लेकिन हम डॉक्टर के पास न जाकर कुछ घरेलू उपचार करेंं, तब भी हम इस बीमारी से आसानी से राहत पा सकते हैं, जैसे कि जब भी कान में दर्द हो, तो उससे राहत पाने के लिए गर्म पानी में भिगोकर कपड़ा कान पर रखें। इससे आप को राहत महसूस होगी। बच्चें को कभी भी सुलाकर दूध न पिलाएं।

हाईड्रोजन पेरॉक्साइड
कान में इन्फेक्शन होने पर हाईड्रोजन पेरॉक्साइड की कुछ बुँदे डालें और तब तक इन्तजार करें, जब तक यह कान में संक्रमण के सम्पर्क में न आये। इसकी बुँदे दिन में दो बार कान में डालें। इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

नमक
नमक को गर्म करके एक मोटे कपड़े में डालें और फिर इसे अच्छे से बांंध लें, यह अधिक गर्म न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए इसे अधिक समय तक कान पर रखें। जितनी बार हो सकें इस प्रक्रिया को दोहरायें।

लहसुन
लहसुन को तेल में तब तक पकाएं जब तक यह काला न हो जाए। इसको कुछ देर ठंडा होने देंं,  फिर इसकी कुछ बूंदे कान में डाल लेंं। ऐसा करने से आपके कान के दर्द से राहत मिलेगी

प्याज 
कान के इन्फेक्शन को दूर करने के लिए प्याज बहुत ही फायदेमंद होता है इसके लिए प्याज के छोटे-छोटे टुकड़ों को गर्म करें, फिर उसे दो- तीन मिनट तक ठंडा करें। ठंडा होने पर जो उसका रस बनता है, उसकी तीन बूंदेंं कान में डालें और दस मिनट बाद उस रस को कान से बाहर निकाल देंं।

जैतून का तेल
जब भी कान में अधिक मैल जमा हो जाए, तो जैतून का तेल को गर्म करके उसकी कुछ बूंदों को कान में डालें, फिर आप साफ़ कपड़े से कान की मैल को बाहर निकाले।

तुलसी के पत्ते
तुलसी में कई तरह के औषधीय गुण पाएं जाते हैं इसका उपयोग हम कान के इन्फेक्शन को दूर करने के लिए भी करते हैं। इसके लिए तुलसी के पत्तो को पीसकर उसमें से रस निकाले, फिर उस रस को कान के आसपास लगाएं, इसे सीधा अपने कान में न डालें। कान के संक्रमण से व्यक्ति बहरा भी हो सकता है, इसलिए जब आप घरेलू उपचार करते हैं तब भी आपको किसी भी प्रकार का कोई फर्क नजर नहीं आता, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और इस बीमारी का सही से इलाज करवाना चाहिए।

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