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गर्भावस्था में उल्टी रोकने के उपाय

गर्भावस्था में उल्टी रोकने के उपाय

गर्भावस्था में मतली और उल्टी आना एक आम बात है। ऐसा देखा गया है कि 65 महिलाएं इस समस्या से ग्रसित रहती हैं। यह समस्या हर सुबह देखने को मिलती है। इसे हम मॉर्निंग सिकनेस के नाम से भी जानते हैं और यह ज्यादातर पहले तीने महीने को देखने को मिलता है।
हालांकि, यह माना जाता है कि शरीर में तेजी से हार्मोनल परिवर्तन पेट की मांसपेशियों के संकुचन तथा मतली और उल्टी होती है। अगर आप चाहती हैं कि इससे आपको छुटकारा मिले तो आप गर्भावस्था में उल्टी रोकने के उपाय को अपना सकती हैं।

गर्भावस्था में उल्टी रोकने के उपाय

पुदीना

गर्भावस्था में उल्टी रोकने के उपाय - पुदीना

पेपरमिंट या पुदीना एक जड़ी बूटी है, जो गर्भ के दौरान मतली, सुबह की बीमारी या उल्टी को कम कर सकता है। यह पेट को शांत करने में मदद करता है और बदले में मतली को कम करता है। इसके लिए आप पुदीने का तेल लीजिए और उसे रुमाल पर डालिए तथा जब आपको मतली महसूस हो तो उसे सूंघने का प्रयास कीजिए।

पानी

आपके बॉडी तथा उसके महत्वपूर्ण पार्ट्स को समुचित ढंग से काम करने के लिए पानी सबसे जरुरी है। यदि गर्भावस्था के दौरान उल्टी हो रही है, तो आपको नियमित रूप से पानी का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप पहले एक घूट पानी पीकर देखिए। डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए आपको हर दिन कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए। आप मतली और उल्टी को रोकने के लिए आप आईस चिप्स पर भी चूस सकती हैं।

तुलसी

गर्भावस्था में उल्टी रोकने के उपाय – तुलसी

आयुर्वेद में तुलसी के बहुत ही फायदे बताएं गए हैं। हिंदू धर्म में इन्हे देवी का दर्जा दिया गया है। तुलसी के कई स्वास्थ्य लाभ है जिसमें शामिल है मुंह की बदबू को दूर करना, श्वसन विकारों से राहत प्राप्त करना, साथ ही बुखार, अस्थमा, फेफड़े के विकार, हृदय रोग और तनाव के उपचार में शामिल है। अगर आपको गर्भावस्था में उल्टी की शिकायत है तो तुलसी के पत्ते के रस में शहद मिलाकर चाटने से आपको जरूर फायदा होगा।

लौंग

गर्भावस्था में उल्टी रोकने के उपाय में लौंग भी शामिल है। लौंग में यूजेनोल नामक एक रासायनिक घटक होता है, जो उनको मजबूत सुगंध और स्वाद प्रदान करता है। यह उल्टी और मतली के तुरंत इलाज के लिए मदद करता है। इसका आपके पेट पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ता है। इसके लिए आप गर्म पानी में 2-3 लौंग डालिए और थोड़ा हल्का होने के बाद उसमें थोड़ा शहद मिलाएं और उसे चाय की तरह पीजिए। आप इसे दिन में दो बार बनाकर पी सकते हैं।

दही

दही प्रोबायोटिक्स का समृद्ध स्रोत है। प्रोबायोटिक्स अच्छे जीवाणु होते हैं जो पाचन, गर्भावस्था के दौरान उल्टी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। दही में मौजूद अच्छे बैक्टिरिया इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। इसके अलावा यह महिलाओं को वेजिनल इंफ्केशन से बचाता है। इसके लिए आप एक कटोरी दही का सेवन कीजिए।

सेब का सिरका

गर्भावस्था में उल्टी रोकने के उपाय – सेब का सिरका

सेब का सिरका एकमात्र सिरका है जिससे आपके शरीर में क्षारीय-गठन होता है। यह क्रिया आपके शरीर के पीएच को बनाए रखने और आपके पेट में एसिड सामग्री को निष्क्रिय करने में बेहद फायदेमंद है। इस प्रकार यह मतली और मॉर्निंग सिकनेस का इलाज करने में मदद करता है। इसके लिए आप सेब का सिरका का एक बड़ा चम्मच, एक गिलास ठंडा पानी मिलाए और उसके बाद उसमें शहद मिलाएं ।

सौंफ़

सौंफ़ के बीज में एक अद्भुत सुगंध और स्वाद है। इसे एनाइटोल नामक यौगिक की उपस्थिति के लिए जाना जाता है। सौंफ में एनाइटोल होता है जिसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया, फंगस को नष्ट करने में मदद करते हैं। यह बुरी सांस से छुटकारा पाने में मदद करता हैं। अपने बेहतरीन सुगन्ध और पाचन गुणों को देखते हुए, सौंफ़ गर्भधारण के दौरान मतली और उल्टी से शीघ्र राहत प्रदान कर सकता है।

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