प्रेगनेंसी टिप्स

प्रेगनेंसी का आठवां महीना – क्या खाए और क्या नहीं

स्वस्थ आहार और जीवनशैली महत्वपूर्ण है। यह बात प्रेग्नेंसी में भी लागू होती है। स्वस्थ्य आहार स्वस्थ बच्चे को जन्म देने में अत्यधिक मदद करेगा। आइए जानते हैं कि प्रेगनेंसी का आठवें महीने में क्या खाए और क्या नहीं।

प्रेगनेंसी का आठवां महीना – क्या खाए

विटामिन और मिनरल्स से भरपूर आहार का सेवन

विटामिन और मिनरल्स से भरपूर आहार का सेवन

प्रेगनेंसी के आठवें महीने के दौरान, आपको आयरन और कैल्शियम में समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। रक्त हानि प्रसव का एक हिस्सा है और आपको यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि आप अपने आहार में पर्याप्त आयरन शामिल करें।

उधर  कैल्शियम आपके और बच्चे की हड्डियों को मजबूत रखेगा, इसलिए इसे भी अपनी डाइट में शामिल करें। आपको हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, खुबानी, ड्राई फ्रूट, अंडे की जर्दी, मछली, दुग्ध उत्पाद और केले का सेवन करना चाहिए।

कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा में समृद्ध खाद्य पदार्थ का सेवन

कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा में समृद्ध खाद्य पदार्थ का सेवन

प्रोटीन की कमी बच्चे के जन्म के वजन और शरीर की संरचना को प्रभावित कर सकता है। इसलिए प्रोटीन का सेवन करना न भूलें। प्रोटीन के लिए आप सफेद अंडे, टोफू,मछली, दूध, दही और सोया दूध का सेवन कर सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट भी बहुत ही जरूरी है। इसके लिए आलू, साबुत अनाज, शकरकंद,फलियां, नट्स, जामुन और तरबूज़ का सेवन करना चाहिए।

इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान आपको ऐसे वसा का सेवन करना चाहिए जो हेल्दी हो। आप इसके लिए अंडा, नट्स, मछली और पीनट भी खा सकती हैं।

फाइबर से भरपूर आहार का सेवन

फाइबर से भरपूर आहार का सेवन

गर्भावस्था के इस चरण के दौरान उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ महत्वपूर्ण हैं। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ कब्ज की समस्या से राहत मिलता है। इसलिए गर्भावस्था में ऐसे भोजन करना चाहिए जिसमे फाइबर की मात्रा ज़्यादा हो।

इन खाद्य पदार्थों में उच्च पौष्टिक मूल्य होता है। उनमें आपकी गर्भावस्था के अंतिम महीनों में आवश्यक फाइबर की सही मात्रा भी होती है। आप मक्का, सफेद सेम, काले सेम, ब्राउन राइस, गोभी, ब्रोकोली और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल है।

प्रेगनेंसी का आठवां महीना – क्या नहीं खाएं

1. आपको कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का सेवन करना कम करना चाहिए।

2. पपीते में लेटेक्स होता है जो प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में मिस्कैरिज का रिस्क खड़ा कर सकता है। इसमें पपैन और पेप्सिन भी शामिल हैं जो भ्रूण का विकास नहीं होने देते। डॉक्टर्स पूरी गर्भवस्था के दौरान कच्चा पपीता न खाने की सलाह देते हैं।

3. आपको अनपाश्चराइज्ड बकरी, गाय और भेड़ के दूध से बचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान बकरी का दूध बहुत जोखिम भरा होता है क्योंकि यह टोक्सोप्लाज्मोसिस से भरा हुआ होता है।

4.चाइनीज़ फूड में एमएसजी होता है, यानी मोनो सोडियम गूलामेट, जो भ्रूण के विकास के लिए हानिकारक है और इसके चलते काई बार जन्म के बाद भी बच्चे में डिफेक्ट्स दिख सकते हैं। इसमें मौजूद सोया सॉस में नमक की भारी मात्रा होती है, जो हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है और गर्भवती महिला के लिए बेहद खतरनाक है।

5. डॉक्टरों का मानना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पूरी तरह से शराब से बचना चाहिए। गर्भवती होने पर शराब पीना बच्चे को नुकसान पहुंचाता सकता है।

6. इसके अलावा अनानास, कच्चा अंडा, कच्चा मांस, आर्टिफिशल स्वीटनर, सीफूड, रेडीमेड फूड, फ्रोजन फूड, बहुत ज़्यादा नमक, हर्बल टी आदि के सेवन से भी बचना चाहिए। कोशिश करे कि कोई भी आहार का सेवन करते समय अपने डॉक्टर से जरूर राय लें।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

Leave a Comment