फेफड़े

कमजोर फेफड़ों के उपचार के लिए 4 आहार

कमजोर फेफड़ों के उपचार के लिए आहार

यदि आप शारीरिक श्रम करते हुए जल्दी थक जाते हैं या फिर आपके छाती में दर्द या घरघराहट महसूस होती है तो ऐसी स्थिति में आपको कमजोर फेफड़ों के उपचार के बारे में सोचना चाहिए। इसके लिए आप डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति अपने फेफड़े को स्वस्थ्य और मजबूत करना चाहता है तो निम्नलिखित आहार का सेवन कर सकता है।

कमजोर फेफड़ों के उपचार के लिए 4 आहार

लहसुन

लहसुन

लहसुन में एलिसिन मौजूद है, जो मुख्य रूप से फाइटोन्यूट्रिएंट है जो कि कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। इसमें एंटीमाइक्रोबायल, एंटीकैंसर, और ब्लड प्रेशर को कम करने वाले गुण हैं।

इसके अलावा लहसुन के सेवन से फेफड़ों के विकारों को भी दूर किया जा सकता है। फेफड़ों के कैंसर के रोगियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। आप अपनी डाइट में रोजाना दो लहसुन को जरूर शामिल कीजिए। यह फेफड़े के रोग और संक्रमण से आपकी रक्षा करेगा।

पालक

विटामिन और खनिजों से भरपूर पालक आपको कई तरह के रोगों से दूर करता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि पालक में फाइटोकेमिकल्स होता है जो ऑक्सीडेटिव डैमेज को रोकने, सूजन को कम करने और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। हर दिन कम से कम एक कप पालक का सेवन करने से आपकी इम्यूनिटी बढ़ती है और आपके फेफड़ों को अच्छा आकार भी मिलता है।

अदरक

अदरक विश्वसनीय घरेलू उपचारों में से एक है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि इसमें बायोएक्टिव कंपाउड और जिंजरोल होता है। यह कंपाउंड अदरक के तेज स्वाद के लिए जाना जाता हैं। आपको बता दें कि जिंजरोल अस्थमा, कोल्ड, माइग्रेन और उच्च रक्तचाप को रोकने में मदद करता है। अदरक का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अदरक को कुचल लें और उसे डिटॉक्स वॉटर में डालकर पीएं।

सेब

सेब

शोधकर्ताओं ने विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा कैरोटीन के सेवन को फेफड़ों के अच्छे काम को जोड़ा है और यह सभी तत्व सेब में मौजूद है। सेब एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है जो आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

कमजोर फेफड़ों के लक्षण

खांसते समय कफ का निकलना

खांसते समय कफ का निकलना एक बहुत ही आम समस्या है। ज्यादातर यह समस्या तब देखने को मिलती है जब सर्दी-जुकाम खांसी का रूप ले लेता है। लेकिन डॉक्टर के मुताबिक बार-बार कफ का निकलना इस बात का भी सूचक है कि आपके फेफड़े में सबकुछ सही नहीं चल रहा है।

इसके अतिरिक्त अगर आपको तीन महीने से ज्यादा समय से खांसी आ रही है तो यह ब्रोंकाइटिस का संकेत हो सकता है। यदि खांसी सर्दी, बुखार और गले में किसी भी तरह की समस्या हो तथा यदि आप 8 हफ्ते से लगातार खांस रहे हों तो यह ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, निमोनिया या टीबी का लक्षण हो सकता है।

शारीरिक श्रम करते हुए हांफना

शारीरिक श्रम करते हुए हांफना

अगर आप टहलते हुए, सीढ़ियां चढ़ते हुए या फिर कोई छोटा-मोटा शारीरिक श्रम करते हुए आपको समस्या हो रही है या आप हांफ रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपके फेफड़ों में कुछ गड़बड़ है। कई बार तो ऐसा होता है कि बिस्तर पर लेटे-लेटे भी सांस फूलने लगती है। यह फेफड़े की किसी गंभीर समस्या के लक्षण हैं। यदि ठीक समय पर इलाज न कराया जाए तो इससे सांस संबंधी गंभीर रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

छाती में दर्द का होना

छाती में दर्द कई बीमारियों का लक्षण हो सकता है। अक्सर यह दिल संबंधी बीमारियों का लक्षण होता है लेकिन यदि आप छींकते, खांसते या फिर सांस लेते हुए छाती में दर्द महसूस करें तो इसका मतलब यह है कि आपके फेफड़ों में वायरस के संक्रमण का लक्षण हो सकता है।

घरघराहट महसूस होना

फेफड़ों से किसी तरह की घरघराहट महसूस हो तो आप संभल जाएं। यह फेफड़े या लंग खराब होने का संकेत हो सकता है। इस तरह की समस्या तब देखने को मिलती है जब फेफड़े में ऑक्सीजन की ठीक तरह से आपूर्ति नहीं हो पाती या फिर गंदगी तथा बैक्टीरिया के कारण धमनियों के ब्लॉक हो जाती है।

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