फेफड़े

धूम्रपान छोड़ने के बाद क्या होता है

धूम्रपान छोड़ने के बाद क्या होता है जाने विस्तार में ताकि आप सिगरेट पीना छोड़ पाएं आराम से, what happens after quiting smoking in hindi

धूम्रपान को लेकर युवाओं में क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है, जो किसी भी स्थिति में बहुत ही खतरनाक संकेत है। धूम्रपान फेफड़े से लकर ह्रदय संबंधियों कई बीमारियों को जन्म देता है। अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो धूम्रपान छोड़ने के बाद क्या होता है? आज इसे समझें।

सिगरेट छोड़ने के बाद क्या होता है ?

सिगरेट छोड़ने के बाद क्या होता है?

1. सिगरेट छोड़ने का प्रभाव तत्काल दिखना शुरू हो जाता है। आपके अंतिम सिगरेट छोड़ने के 20 मिनट के अंदर आपका हृदय गति सामान्य स्तर की ओर वापस आना शुरू हो जाएगा।

2. यदि आपने दो घंटे से सिगरेट नहीं पिया है, तो हृदय की दर और रक्तचाप फिर से सामान्य स्तर के करीब होने लगते हैं। इसके अलावा ब्ल्ड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।

3. कार्बन मोनोऑक्साइड, जो उच्च स्तर पर शरीर के लिए विषाक्त हो सकता है, तंबाकू और सिगरेट के धुएं के जरिए यह शरीर के अंदर जाता है। रक्त में ऑक्सीजन की कमी अक्सर गंभीर हृदय की स्थिति और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है। धूम्रपान छोड़ने के कुछ ही घंटों में (लगभग 12 घंटों में), आपके शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर कम हो जाता है। बदले में, आपके रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा सामान्य स्तर तक बढ़ जाती है।

4. धूम्रपान करने वालों के लिए कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) का जोखिम सिगरेट न पीने वाले के मुकाबले 70 प्रतिशत अधिक होता है। हालांकि, धूम्रपान छोड़ने के 24 घंटे बाद सीएडी का जोखिम पहले ही कम हो जाता है। दिल के दौरे होने के खतरे में भी गिरावट आ सकती है।

धूम्रपान छोड़ने के बाद दिल के दौरे में गिरावट आती है

5. धूम्रपान का असर आपके तंत्रिका तंत्र पर भी पड़ता है इससे आपका स्वाद भी बिगड़ता है। एक बार जब आप 48 घंटों के लिए धूम्रपान छोड़ देते हैं, तो आपकी तंत्रिका तंत्र फिर से ग्रो होती है और आपकी स्वाद की आपकी क्षमता में सुधार भी होता है।

6. अगर आप तीन दिन से धुम्रपान नहीं कर रहे हैं तो आपको कुछ शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों का अनुभव हो सकता है। जैसे सिर दर्द, जी मिचलाना, ऐंठन, पसीना आना, चिंता, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन आदि। यह तब होता है जब धूम्रपान छोड़ना विशेष रूप से मुश्किल लगता है।

7. धूम्रपान छोड़ने के तीन हफ्तों के अंदर आपका ब्लड शुगर और हृदय कार्यप्रणाली में काफी सुधार होगा। इस दौरान आपके फेफड़े भी साफ होना शुरू हो जाते हैं, जिससे आप आसानी से सांस ले सकते हैं।

8. धूम्रपान को छोड़े हुए यदि एक साल हो गए हैं तो दिल की बीमारी का जोखिम आधे से कम हो जाता है।

9. धूम्रपान समय के साथ आपके रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण कर देते हैं, जिससे आपके स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान न करने के पांच से 15 वर्षों के बाद, स्ट्रोक होने का खतरा सिगरेट न पीने वालों के समान हो जाता है। 10 साल बाद फेफड़े के कैंसर का जोखिम भी कम हो सकता है।

इतने फायदों को देखकर क्या आप धूम्रपान को छोड़ने के लिए तैयार हैं। तो आज से प्रण कीजिए कि आप आगे से कभी सिगरेट या किसी भी तरह का धूम्रपान नहीं करेंगे।

धूम्रपान से होने वाले रोग

धूम्रपान से होने वाले रोग

धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों की बीमारी

धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर के विकास की संभावनाओं को नाटकीय रूप से बढ़ाता है। अमेरिकी लंग एसोसिएशन के अनुसार, जो पुरुष धूम्रपान करते हैं, फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना 23 गुना अधिक होती है और धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संभावना 13 गुणा ज्यादा होती है। इसलिए वक्त से पहले आपको धूम्रपान करना छोड़ देना चाहिए।

ह्रदय संबंधित बीमारी

धूम्रपान करने वाले लोगों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना हृदय रोग विकसित होने की संभावना चार गुना ज्यादा रहती है। सिगरेट में निकोटीन आपके दिल में ऑक्सीजन की मात्रा कम कर देता है और आपके हर्ट रेट को बढ़ाता है जिससे आपके दिल पर अधिक तनाव होता है। हृदय रोग से 5 मौतों में से एक मौत का सीधा संबंध धूम्रपान से है।

स्ट्रोक का खतरा

धूम्रपान से स्ट्रोक का खतरा दुगुना रहता है। स्ट्रोक एसोसिएशन के मुताबिक, धूम्रपान रक्त में ऑक्सीजन की कमी का कारण बनता है। यह रक्त के थक्कों को अधिक आसानी से बना देता है और फिर थक्के मस्तिष्क को रक्त के प्रवाह को ब्लॉक कर सकते हैं और एक स्ट्रोक पैदा कर सकते हैं।

रयूमेटायड अर्थराइटिस का विकास

रयूमेटायड अर्थराइटिस का विकास

यह दिखाया गया है कि धूम्रपान ने रयूमेटायड अर्थराइटिस के विकास की संभावनाओं को बढ़ाया है। अर्थराइटिस फाउंडेशन एक ऐसे अध्ययन का हवाला देते हैं जो दो के बीच के संबंध में केंद्रित है। रयूमेटायड अर्थराइटिस जोड़ों, दर्द, विकृति और सूजन का कारण बनता है। इसलिए आपको धूम्रपान छोडने के बारे में सोचना चाहिए।

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