लीवर

लिवर खराब की पहचान कैसे करें और इसके बचाव

लिवर खराब की पहचान कैसे करें और इसके बचाव

अपनी गलत आदतों की वजह से शरीर का अंग खराब होता है। इसमें लीवर भी शामिल है। शराब का अधिक सेवन, धूम्रपान, ज्यादा नमक खाने की आदत आपके लीवर को खराब करती हैं। इसके अलावा हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी जैसी बीमारियां भी लीवर पर बुरा असर डालती हैं। इसलिए खुद को हेल्दी रखने के लिए आपको अब सावधानी बरतने की जरूरत है।

अक्सर देखा गया है कि लीवर से जुड़ी समस्या होने पर हम समय रहते उसके बारे में पता नहीं लगा पाते, लेकिन अगर हम अपनी सेहत का ध्यान रखें, तो हमारे शरीर में होने वाले बदलाव हमें बता सकते हैं कि हमारा शरीर स्वस्थ नहीं है। ठीक इसी तरह लीवर से जुड़ी समस्याओं को भी हम काफी हद तक उसके लक्षणों से पहचान सकते हैं।

  • पेटू में दर्द रहना या सूजन हो जाना
  • टखनों के पास और पैरों में सूजन रहना
  • त्वचा और आंखों का पीला हो जाना.
  • त्वचा पर खुजली होना
  • पेशाब का गहरा पीला होना
  • मल का रंग गहरा होना, मल से खून आना माल का टार की तरह होना.
  • जल्दी थकान महसूस होना.
  • नॉजिया या उल्टी आना.
  • Digestive System में गड़बड होना

अब लीवर खराब न हो उसके लिए क्या किया जाए

1. देखिए सबसे पहले तो अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कीजिए जैसे कि आप क्या खा रहे हैं और कितना एक्सरसाइज कर रहे हैं इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

2. यदि लीवर को हेल्दी रखना है तो सबसे जरूरी चीज है कि आप शराब और सिगरेट पीना छोड़ दें। बता दें कि धूम्रपान या शराब का ज्यादा सेवन करने से लीवर के खराब होने या सिरोसिस का खतरा पैदा होता है। इसके अलावा कई दूसरे रोगों से भी आप बच सकते हैं। इसलिए यदि आपको इनकी आदत है, तो आज से ही इन्हें छोड़ने की कोशिश करें।

3. नींद न केवल आपके बॉडी को रिलेक्स करता है बल्कि आपके अंगों को भी हेल्दी रखता है। आपके शरीर के लिए नींद बहुत अहम है। अगर आपकी नींद पूरी नहीं होगी, तो इससे आपके मेटाबॉलिज्म पर असर होगा, जिससे कि लीवर से जुड़े रोगों का खतरा बढ़ता है।

4. शरीर के अंग को हेल्दी रखने के एक्सरसाइज करना बहुत ही जरूरी है। यह तय करें कि आप नियमित रूप से व्यामयाम करें। कम से कम हफ्ते में 4 से 5 बार तो जरूर।

5. यदि आप बाहर की तेल मसाले वाली चीजें खा रहे हैं तो आप इसे तुरंत छोड़ दें। आप हाई फाइबर युक्त आहार खाएं। खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रॉकली, गोभी और गाजर शामिल करें। इसके अलावा अपने डॉक्टर से बात करें और हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी का वेक्सिन लगवा लें।

 

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

Leave a Comment