योग मुद्रा

योग मुद्रा या आसन जो हैं उपयोगी सेहत और सुंदरता के लिए

yog mudra ya asn jo hain upyogi sehat aur sundarta ke liyae

योग एक ऐसी चीज है जिसकी सहायता से आप अपने पूरे शरीर को फिट रख सकते हैं। इससे आप सेहतमंद रहने के साथ-साथ सौंदर्य और खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे आसन बताएंगे जिसका अभ्यास यदि आप नियमित रूप से करेंगे तो यौवन के साथ-साथ आपकी खूबसूरती भी बनी रहेगी।

Sundarta ke liye Yog asan tips

नेत्रासन (आंखों से कसरत): इस आसन के लिए पद्मासन या सामान्य अवस्था में बैठ जाएं और गहरी सांस लें तथा अपनी आखों को बायी तरफ घुमाएं। इस अवस्था में कुछ देर तक रहने की कोशिश करें। कुछ सेकेंड के बाद अपनी आंखों को दायी तरफ घुमाएं। इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। ध्यान रहे अपनी गर्दन को सीधा रखें तथा आंखों की पुतलियां अमुक दिशा में पूरी तरह घूमनी चाहिए।

लाभ: इससे आखों के जलन को दूर किया जा सकता है। निरंतर इसके अभ्यास से आंखों में चश्मे नहीं लगेंगे तथा आंख की खूबसूरती भी बढ़ेगी।

सिंहासन (शेर की तरह चेहरा): करीब 20 मिनट तक इस अवस्था में बैठे रहें और धीरे-धीरे सांस लें और उसे थोड़ी देर तक रोककर रखें। जितना हो सके अपनी जीभ को मुंह से बाहर निकालें और अपनी आखों को खोलकर रखें।

लाभ: यह आपके शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है। साथ ही इससे मांसपेशियों का तनाव भी खत्म होता है।

मत्सय आसन (मछली की तरह चेहरा): इस आसन में शरीर को मछली के आकार जैसा रूप दिया जाता है। इसके लिए आप् पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। फिर पद्मासन की स्थिति में ही सावधानीपूर्वक पीछे की ओर चित होकर लेट जाएं। ध्यान रहे कि लेटते समय दोनों घुटने जमीन से ही सटे रहें। फिर दोनों हाथों की सहायता से शिखास्थान को भूमि पर टिकाएं। उसके बाद बाएं पैर के अंगूठे और दोनों कोहनियों को भूमि से लगाए रखें। इस आसन को करने के लिए आप लंबी सांस लें। इसे थोड़ी देर तक रोक कर रखें। एक मिनट से प्रारम्भ करके आठ से दस मिनट तक अभ्यास बढ़ाएं। आसन करते वक्त श्वास-प्रश्वास की गति सामान्य बनाए रखें।

लाभ: इससे रक्ताभिसरण की गति बढ़ती है, जिससे चर्म रोग नहीं होता। दमे के रोगियों को इससे लाभ मिलता है। पेट की चर्बी घटती है तथा आंखों की रोशनी बढ़ती है। इस आसन से खांसी और पेट के दर्द दूर होते हैं।

 

गाल से योग: यह बेहद ही सरल आसन है। मुंह में जितना हो सके हवा भर लें। फिर उसे कुछ देर तक रोकें। आपका गाल पूरी तरह फूल जाएगा क्योंकि उसमें हवा भरा हुआ है। इस अवस्था में 35 से 65 सेकेंड तक रहें। फिर मुंह में जमा सांसों को नाक के जरिए छोड़ दें। इस प्रक्रियां को चार से छह बार दोहराएं।

लाभ: इससे शरीर की गंदगी बाहर निकलती है और मन साफ रहता है और तनाव से भी मुक्ति मिलती है। 

हथेलियों से योग: यह एक सरल आसन है जिसे सामान्य तौर पर प्राणायाम या योगासन खत्म होने के बाद किया जाता है। इसके लिए आप अपनी हथेलियों को रगड़कर उन्हें गर्मी प्रदान करें। फिर आंखों को बंद करें और उन्हें अपनी हथेलियों से ढक लें। फिर अपनी नाक के दोनों नथुनों से सांस लें। जितनी देर तक रोक सकते हो रोकें।

लाभ: इस आसन के करने से आपकी आखों को आराम मिलेगा। आप खुद को तनावमुक्त महसूस करेंगे, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि गर्म हथेलियों से चेहरे को पूरी तरह ढकें।  

गर्दन से वर्जिश: अगर आप खुद को थका महसूस कर रहे हैं तो दिन में इस आसन को तीन या चार बार कर सकते हैं। इस आसन को करने से पहले आप पद्मासन अवस्था में बैठ जाएं। आपकी रीढ़ की हड्डियों बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। अपनी हाथों को सीधा कर लें। फिर धीरे से हाथों को मोड़े। फिर उसके बाद उसे सीधा करें।

लाभ: इससे आपको गर्दन के दर्द से छुटकारा मिलेगा। आपको गर्दन की मांसपेशियों में आराम मिलेगा तथा थकान भी दूर होगा।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

Leave a Comment