महिला स्वास्थ्य

मेनोपॉज के दौरान क्या होता है

मेनोपॉज की अवस्था में डॉक्टर ऑस्टियोपोरोसिस के लिए जोखिम को कम करने और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने तथा नींद में सुधार करने के लिए कैल्शियम, विटामिन डी, और मैग्नीशियम की खुराक लेने की सलाह देते हैं। ऐसे समय में हड्डियों से संबंधित बीमारी देखने को मिलती है तथा शरीर में उर्जा भी कम हो जाती है। वह सोया, विटामिन ई और फ्लैक्स सीड लेने की भी सलाह देते हैं। वैसे मेनोपॉज के दौरान क्या होता है? उससे पहले जान लें कि मेनोपॉज में टमाटर खाने के फायदे क्या है?

मेनोपॉज में टमाटर खाने के फायदे – क्या कहता है शोध

मेनोपॉज में टमाटर खाने के फायदे - क्या कहता है शोध

वैसे टोक्यो मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक हर दिन टमाटर का एक ग्लास जूस पीने से मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में सहायता मिलती है।

शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया कि आठ हफ्तों तक दिन में दो बार 200 मिलिलीटर टमाटर का जूस न केवल मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मददगार है बल्कि इससे कोलेस्ट्रॉल और तनाव को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

इस शोध में 93 महिलाओं को टमाटर का जूस दिया गया और उनके हृदय की गति पर नजर रखा गया। इसके अलावा कई अन्य जांच की भी गई। शोध के दौरान यह पता चला कि महिलाओं में तनाव, हॉट फ्लैश और उलझन जैसी मेनोपॉज़ से जुड़ी परेशानियां आधी हो गईं। यही नहीं, आराम करने के दौरान महिलाओं की ज्यादा कैलोरी भी बर्न होती है।

हाल ही में हुए एक अन्या शोध में माना गया है किक मेनोपॉज के बाद विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम भरपूर टमाटर का अधिक सेवन ब्रेस्ट कैंसर के संकट को कम करता है। टमाटर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने की क्षमता होती है। टमाटर खाकर वजन को आसानी से कम किया जा सकता है।

माटर की खूबी है कि गर्म करने के बाद भी इसके विटामिन समाप्त नहीं होते हैं। न्यूजर्सी की रटगर यूनिवर्सिटी के शोध में माना गया है कि डाइट में अधिक टमाटर के सेवन से महिलाओं के हार्मोन्स पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह फैट्स और शुगर को निसयंत्रित करने में मदद करता है।

मेनोपॉज के दौरान क्या होता है

मेनोपॉज के दौरान क्या होता है

मेनोपॉज जिसे हम रजोनिवृत्ति के नाम से भी जानते हैं। यह एक ऐसी अवस्था होती है जब अंडाशय से अन्डों का निकलना बंद हो जाता है और मासिक चक्र रुक जाता है। मेनोपॉज तब होता है जब एक महिला का मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद हो जाता है और वह स्वाभाविक रूप से गर्भवती नहीं हो सकती है। यह आमतौर पर 45 और 55 की उम्र के बीच शुरू होता है, लेकिन इस आयु सीमा से पहले या बाद में भी इस अवस्था का सामना करना पड़ सकता है।

अगर मेनोपॉज के लक्षणों की बात की जाए, तो बहुत अधिक पसीना आना, अनिद्रा, घबराहट होना, डिप्रेशन और चिंता, सिर में दर्द, चक्कर आना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाना, बाल पतला या फिर बाल का झड़ना, शारीरिक कमजोरी अधिक होना, हड्डी का द्रव्यमान घटना, दर्दनाक या कठोर जोड़, यूटीआई, पेट से संबंधित समस्या होना, पाचनशक्ति कमजोर हो जाना और लगातार कब्ज की समस्या होना हो सकती है। इसके अलावा इस समय में बहुत सी स्त्रियों को मानसिक तनाव होने लगता है।

कई महिलाओं को मेनोपॉज से पहले कुछ वर्षों में मेनोपॉज के लक्षणों का अनुभव होता है। वैसे आम तौर पर, प्राकृतिक उपचार और जीवनशैली समायोजन का उपयोग करके रजोनिवृत्ति के लक्षणों को नियंत्रित या कम किया जा सकता है।

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