योग मुद्रा

गर्दन दर्द के लिए योग

गर्दन दर्द के लिए योग टिप्स हिंदी में क्यूंकि इसे योग बड़ी आसानी से ठीक कर सकता है, garden ke dard ke liye yoga tips hindi me

गर्दन का दर्द कई कारणों से हो सकता है जैसे इस कंप्यूटर के दौर में हर कोई कंप्यूटर के आगे सिर झुका कर बैठा रहता है। ऐसे में गर्दन का दर्द एक आम बात है। आज हम आपसे गर्दन दर्द के लिए योग के बारे में बात करेंगें। इसके अलावा जब हम रात को सोते हैं, तब हमेशा ऊचें तकिये का प्रयोग करते हैं जिससे गर्दन में दर्द होने लगता है।

तनाव में अधिक रहने से भी गर्दन में दर्द होने लगता है। इसके अलावा चोट लगने से, गठिया होने पर, सिर पर भारी समान उठाने आदि कारणों से गर्दन दर्द हो सकता है। गर्दन के दर्द को दूर करने के लिए हमें कुछ घरेलू उपचार करने चाहिए, लेकिन आज हम आपको गर्दन दर्द के लिए योग आसन के बारे में बताने जा रहें है, जिसका अभ्यास करके आप आसानी से अपनी गर्दन के दर्द को दूर कर सकते हो। आइये जानते हैं गर्दन दर्द के लिए योग के बारे में –

गर्दन दर्द के लिए योग – Garden dard ke liye yoga

बाल आसन

बाल आसन को हम शिशु आसन के नाम से भी जानते हैं। इसके लिए आप पहले फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाएं। आप पिंडलियों को जमीन पर इस तरह से रखें कि आपके दोनों पंजे आपस में मिल जाएं। एडियों के बल बैठ जाएं और अपने हाथों को जमीन पर रख दें। अब एक लम्बी और गहरी सांस छोड़ें साथ ही अपनी कमर को झुकाते हुए धड को दोनों जंघाओं के बीच लें आएं।

अब धीरे से अपने सिर को जमीन के साथ रख दें। ऐसा करने के लिए आप जोरदार प्रयास न करें अपनी हथेलियों को अब अपने धड के दोनों तरफ रख दें। जितनी देर हो सके आप इसी तरह रहे फिर धीरे-धीरे आप अपनी मुंद्रा में आ जाएं। ऐसा करने से आप को गर्दन या पीठ के दर्द से राहत नहीं मिलती, बल्कि आप का मन भी शांत रहता है।

नटराज आसन

गर्दन दर्द के लिए योग की बात करें तो नटराज आसन काफी प्रभावशाली है। नटराज आसन को करने के लिए आप पहले सीधे जमीन पर लेट जाएं। फिर अपने दायें पैर को उठाकर बायें पैर की ओर लें जाएं। बायें पैर को सीधा ही रखें। दायें पैर से जमीन पर एक सीधा कोण बनायें। अपने दोनों हाथों को शरीर के दाईं और बाई तरफ फैला लें। अपने चेहरे को दाहिनी तरफ कर लें। उसके बाद कुछ लम्बी और गहरी सांस लें और धीरे से छोड़ें।

आप इस मुंद्रा में तीस सेकंड तक बने रहें। यह आसन करने से आपकी मांसपेशिया लचीली बनती है। इसके करने से आप को आनंद का अहसास होता है।

मार्जारी आसन

धीरे-धीरे सांस छोड़ें और अपनी रीढ़ कि हड्डी को कूबड़ की तरह गोल कर लें और साथ में अपने सिर को नीचे की ओर ले जाएं। धीरे से अपनी ठोड़ी को अपनी गर्दन के साथ लगा लें। अब कैट मुद्रा और गौ मुद्रा में श्वास लेते हुए धीरे से छोड़ें। इन मुद्राओं को धीरे-धीरे से करें। ऐसा करने से आपको गर्दन के दर्द से छुटकारा मिलता है।

विपरीत कर्णी आसन

यह आसन बहुत ही सरल होता है इसके लिए अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को दीवार के सहारे देते हुए को छत की और उठा लें। उसके बाद अपनी बाहों को फैलाकर जमीन पर रख दें। अपनी हथेलियों को आकाश की तरफ मोड़कर खुला छोड़ दें। इस मुद्रा में रहते हुए कम से कम 15 तक गिनती करे साथ में लम्बी सांस लें और धीरे से छोड़ें।

इसको करने से आप की पीठ का दर्द दूर हो जाता है और साथ में आप की थकान को दूर करने के लिए यह आसन बहुत ही लाभकारी होता है।

बितिलासन

गर्दन में दर्द के लिए बितिलासन आसन बहुत ही उपयोगी है। अपनी पिंडलियों को जमीन पर रखें और अपने बाकी शरीर को एक टेबल टॉप की मुद्रा में रखें, इसके लिए अपने टांगो, धड़ और हाथों को लेकर एक मेज का रूप धारण करें। अपने घुटनों और कुल्हो को बिल्कुल सीधा रखें अब अपनी कमर, कोहनियों तथा कंधो को भी एक लाइन में जमीन पर रखें। अपने धड को जमीन के समान रखें। इस मुद्रा में आप गहरी सांस भरें और इसके साथ आप अपने पेट को अंदर की तरफ करें।

अपने सिर को ऊपर की तरफ उठाएं इस मुद्रा को थोड़ी देर तक करें। ऐसा करने से आप को राहत महसूस होगी।

शवासन

गर्दन दर्द के लिए योग - Garden ke liye yoga

यह सबसे आसान आसन होता है। इसको करने के लिए सर्वप्रथम पीठ के बल सीधे होकर जमीन पर लेट जाएं। अपने हाथों को और पैरों को थोड़ा खोल दें और शरीर को पूरा हल्का छोड़ दें। ध्यान रहे इस आसन को करते समय श्वास पर एकाग्रता रखना बहुत ही जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें कि इस आसन को सबसे अंत में किया जाता है। इसे करने से गर्दन में दर्द, सिर में दर्द से आपको आराम मिलेगा। शवासन बढ़ते रक्तचाप को कम करने में सहायक है।

उत्थिता त्रिकोण आसन

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाओ। जितना हो सके अपने पैरों को फैला लें और अपनी बाहों को फैला लें, फिर दाहिनी तरफ झुक जायें। अपने दाहिने हाथ से अपने घुटने को स्पर्श करें और बायाँ हाथ ऊपर की दिशा में कर लें। इस आसन को जब तक करना चाहते हैं तब तक कीजिए। यह न केवल गर्दन में फायदा देगा बल्कि जोड़ों के दर्द में आपको फायदा देगा।

 

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