योग मुद्रा

कान के लिए प्राणायाम

कान के लिए प्राणायाम

योग और प्राणायाम ध्यान, आसन और सांस लेने की तकनीकों का एक मेल है जिससे हमें न केवल तनाव को दूर करने में मदद मिलती है बल्कि इससे शरीर संतुलित रहता है। ये दोनों चीजें कान की बीमारियों को कम करने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते है कान के लिए कौन से प्राणायाम है, जिसकी मदद से आप अपने कान को हेल्दी रख सकते हैं।

कान के लिए प्राणायाम

कान के लिए ब्रीथिंग एक्सरसाइज

कान के लिए ब्रीथिंग एक्सरसाइज

कान से कम सुनना या फिर आपको कान की दूसरी समस्या है तो आपको ब्रीथिंग एक्सरसाइज या सांस लेने वाले व्यायाम करना चाहिए। सांस लेने वाले योग को प्राणायाम कहा जाता है। यह अभ्यास तनाव को दूर करने और कान दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा सांस के व्यायाम से ऑक्सीजन लेने में फैफड़ों की मदद करेंगी और आपका शरीर सही प्रकार से काम करेगा।

ब्रीथिंग एक्सरसाइज के लिए आप जमीन पर सिद्धासन, सुखासन, या पद्मासन बैठ जाइए और सामान्य रूप से सांस लें। इसमें आप अनुलोम विलोम का भी अभ्यास कर सकते हैं। अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस को अंदर लेते हैं, तो बायीं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते है। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस अंदर लेते हैं, तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते है।

गर्दन घुमाना

धीरे-धीरे गर्दन को घुमाना भी कान के लिए एक अच्छा व्यायाम है। इससे गर्दन को उर्जा मिलती है और गर्दन की मांसपेशियों को आराम मिलता है। गर्दन घुमाने की क्रिया को 5 बार करें और फिर विपरीत दिशा में दोहरायें।

कान के लिए ताड़ासन

कान के लिए ताड़ासन

ताड़ासन आपके कान के लिए बहुत ही उपयोगी आसन है। इसे नियमित रूप से करने से आपके पोस्चर में सुधार देखने को मिलता है। यह जांघों, घुटनों और टखनों को मजबूत करता है तथा इससे पैर और कूल्हों में ताकत, शक्ति और गतिशीलता बढ़ जाती है।

ताड़ासन संतुलन की भावना को विकसित करता है। तड़ासन करने के लिए आप 4 से 6 इंच का गैप रखकर खड़े हो जाइए। इसके बाद दोनों भुजाओं को ऊपर की ओर उठाइए। इस दौरान अपनी आंखों को सामने पड़ने वाली किसी भी चीज पर अपनी दृष्टि जमा लीजिए। इसमें आपके शरीर का सारा भार आपकी पैरों की अंगुलियों पर होगा। कुछ समय तक इस अवस्था में रहने के बाद वापिस इस सामान्य में आ जाइए। इस आसन को आप कम से कम दस बार कीजिए। इस आसन के दौरान ऊपर उठते समय श्वास अंदर व नीचे की ओर आते समय बाहर लीजिए।

रेस्टोरेटिव योग

रेस्टोरेटिव योग, एक योग का रुप है जिसमें हम कुछ साधारण घर के सामान का सहारा लेकर शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुष्टि और आराम प्राप्त कर सकते हैं। इन सामाग्रीयों का इस्तेमाल आपके शरीर में योग की मुद्रा करते समय संतुलित बनाने के लिए किया जाता है। इस योगाभ्यास से शरीर की शक्ति और लचीलेपन को हम बढ़ा सकते हैं। साथ यह योग आपके कान के लिए बहुत ही उपयोगी है।

रेस्टोरेटिव योग आपके शरीर और मन को तनाव तथा कान की बीमारियों को दूर करने में सहायता कर सकता है। इसे तकिये की सहायता से किया जाता है जिसमें आपको दीवार के सहारे पैर ऊपर करके संतुलन बनाना होता है इस मुद्रा में पैर, कमर और पीठ के पीछे तकिये का प्रयोग किया जाता है।

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