योग मुद्रा लीवर

लीवर को साफ करने वाले योग

जाने लीवर को साफ करने वाले कुछ उपयोगी योग ताकि आप कर सकें लिवर की देखभाल और रहें स्वस्थ हमेशा, yoga tips to keep liver healthy in hindi

त्वचा के अलावा, लीवर शरीर में सबसे बड़ा अंग है और हमारे स्वास्थ्य में अनिवार्य भूमिका निभाता है। आपको बता दें कि लीवर के कई कार्य हैं। लीवर का मुख्य काम होता है हमारे शरीर की बहुत सी क्रियाओं को अपने नियंत्रण में करना। यह एंजाइम सक्रियण, पित्त उत्पादन और मलत्याग तथा रक्त डिटॉक्सिफिकैशन ( detoxification ) और शुद्धिकरण करता है।
शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए लीवर की देखभाल करना बहुत ही जरूरी है। इसके लिए कुछ योग का अभ्यास कर सकते हैं। योग अभ्यास से आप लीवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

लीवर को साफ करने वाले योग – Yoga for liver

लीवर को साफ करने के लिए भुजंगासन

लीवर को साफ करने वाले योग - भुजंगासन

प्रदर, कष्टप्रद मासिक धर्म और अनियमित मासिक धर्म जैसे प्रजनन सम्बन्धी विकारों को दूर करने में यह बहुत ही सहायक है। इसके अलावा यह स्लिप डिस्क सम्बन्धी छोटे-मोटे दर्द को तथा पीठ के समस्त प्रकार के दर्दो को यह आसन रामबाण की तरह काम करता है। इसके अलावा भुजंगासन लिवर से गंदगी निकालने में भी मदद करता है।

भुजंगासन कैसे करें

पेट के बल लेट जाइये, फिर पैरों को सीधा व लम्बा फैला दीजिये। सांस लेते हुए शरीर के अगले भाग को नाभि तक उठाएं। धीरे-धीरे सिर को व कन्धों को जमीन से ऊपर उठाइये तथा सिर को जितना पीछे की ओर ले जा सकें, ले जाइये। इस बात का ध्यान दीजिए कि ज्यादा खिंचाव न आए। कुछ देर इस अवस्था में रहे और फिर पुरानी अवस्था में आ जाएं।

लीवर को साफ करने के लिए सुप्त मत्स्येन्द्रासन

सुप्त मत्स्येन्द्रासन को पीठ के निचले हिस्से, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी के दर्द के लिए सही माना जाता है। इसको करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं तथा यह आंतरिक अंगों की मालिश करता है और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

सुप्त मत्स्येन्द्रासन कैसे करें

सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेटते हुए दोनों हाथों को अपने कंधों की सिधाई पर फैला दें। अपनी दाई टांग को घुटने से मोड़ें और उपर की ओर उठा लें दायें पैर को बाएं घुटने पर ले जाते हुए जमीन पर टिका लें। अब दायें कुल्हे को उठाते हुए अपनी पीठ को बाई और मोड़ें। अब अपने सिर को दाई ओर घुमाएं इस स्तिथि में आप पूरी तरह से सुप्त मत्स्येन्द्रासन में हो।

लीवर को साफ करने के लिए अर्ध मत्स्येन्द्रासन

लीवर को साफ करने वाले योग - अर्ध मत्स्येन्द्रासन

अर्ध मत्स्येन्द्रासन लीवर में बहुत ही अच्छा आसन माना जाता है। यह न केवल मेरुदंड को लचीला बनाता है बल्कि फेफड़ो को ऑक्सीजन भी देता है। इससे रीढ़ की हड्डी और लचीलेपन में सुधार होता है, साथ ही संपूर्ण पाचनशक्ति भी मजबूत होती है।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन कैसे करें

अर्ध मत्स्येन्द्रासन करने के लिए सबसे पहले पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएं। बाएं पैर को मोड़ें तथा बाएं पैर की एड़ी को दाहिने कूल्हे के करीब रखें। फिर दाहिने पैर को बाएं घुटने के ऊपर से सामने रखें। बाएं हाथ को दाहिने घुटने पर रखें और दाहिना हाथ पीछे रखें। रीढ़ की हड्डी को सीधी रखते हुए कमर, कन्धों व गर्दन को दाहिनी तरफ से मोड़ते हुए दाहिने कंधे के ऊपर से देखें।

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इसके अलावा लीवर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने के लिए आप सिर के बल वाले आसन या फिर उल्टा होने वाले आसन कर सकते हैं।

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