खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए जरूरी है नींद

यह तो हम सभी जानते हैं कि शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए नींद और आराम निहायत जरूरी है, लेकिन ऐसे कितने भाग्यशाली हैं, जिन्हें रातभर चैन की नींद आती है? एक समय था जब स्वस्थ रहने के नियमों में नींद को पहला स्थान दिया जाता था, लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी और बेतरतीब जीवनशैली में एक बड़ी समस्या अनिंद्रा को लेकर उभरी है। अनिंद्रा यानी नींद का नहीं आना या फिर बिस्तर पर काफी देर पड़े रहने के बाद भारी मशक्कत से नींद का आना।

24 घंटे में कितने घंटे की नींद लें इसमें शुरू से ही मतभेद है। आधुनिक युग से पहले यानी 1920 के आसपास इंग्लैंड में माना जाता था कि 9 घंटे की नींद तरोताजा रहने के लिए जरूरी है, लेकिन बदलते वक्त के साथ नींद लेने की समय सीमा घटती गई। अब साढ़े सात घंटे की नींद को ही विशेषज्ञ पर्याप्त मानते हैं। वहीं विद्वानों का मानना है कि 6 घंटे की नींद वयस्क मानव शरीर के लिए पर्याप्त है।

हालांकि वर्तमान युग में तनाव से ग्रसित लोग नींद लेने के लिए दवाओं की मदद लेते हैं जो प्राकृतिक रूप से गलत है। हाल ही में ब्रिटेन में किए गए एक शोध के अनुसार नींद की गोलियां लेने वाले लोगों को दिल के दौरे का खतरा 50 प्रतिशत अधिक हो जाता है।

नींद के कई चरण होते हैं जो 10 मिनट से लेकर आधे घंटे, दो घंटे और छह से सात घंटे की भी होती है। भरपूर नींद के अलावा यदि आप दिन में कुछ मिनटो की झपकी लेते हैं तो इससे तनाव भी दूर होता है और रक्तचाप भी कम होता है।

मानव शरीर की यही खासियत है कि दिनभर की शारीरिक थकान की भरपाई रातभर की नींद में पूरी हो जाती है, और जो लोग रात में नहीं सोते उन्हें किसी न किसी तरह दिन में इसकी भरपाई करनी होती है।

आधुनिक युग में नींद न आने की एक समस्या यह भी है कि लोग बेडरूम का इस्तेमाल सिर्फ सोने के लिए नहीं, बल्कि दूसरे कामों के लिए भी करने लगे हैं। रातभर जगना, ऑफिस के काम में व्यस्त रहना, देर रात तक पार्टी करना आदि लोगों को अनिंद्रा जैसी बीमारी से रूबरू कराती है।