दही जमाने का तरीका

कैल्शियम व प्रोटीन से भरी दही भारतीय घरों में आसानी से मिलने वाला एक स्वादिष्ट व्यंजन है। एक खास तरह का जीवाणु लैक्टोबेसिलस दूध में अम्लीयता पैदा करके उसका स्वरूप बदल देता है जिसे हम दही के नाम से जानते हैं।

दही एक ऐसा पदार्थ है जिसके बिना खाना लगभग अधूरा माना जाता है। सफेद, सुंदर और सुपाच्य दही बाजार में तो उपलब्ध होते ही हैं, घरों में भी आसानी से जमायी जा सकती है। जमाने की जानकारी व समय की कमी और बाजार में आसानी से उपलब्धता के कारण लोग इसे अपने घरों में जमाने से हिचकते हैं। हालांकि, घर में दही जमाना बहुत आसान है। जानिये, इसे जमाने की विधि –

दूध में उबाल आने तक उसे गरम कीजिये। गाढ़े और मलाईदार दही के लिये दूध को कम से कम 200 डिग्री तक उबालिये. वैसे तो स्टील के बर्तनों में भी दूध जमायी जा सकती है। हालांकि, मिट्टी से बने बर्तनों में जमी दही पानी नहीं छोड़ती।

करीब एक से पाँच किलोग्राम दही जमाने के लिये एक से दो चम्मच दही की आवश्यकता होती है। दही जमाने से पहले उसमें एक या दो तेजपत्ता या तुलसी के दो-तीन पत्ते मिला दें। इससे दही अत्यंत स्वादिष्ट लगती है। इस दही से सौंधी-सौंधी खुशबू भी आती है जो मुँह में पानी भर देती है।

दूध के गरम हो जाने पर तब तक इंतजार करें जब तक उंगली के लिये वह सहनीय न हो जाये। फिर इसमें एक चम्मच दही डाल दें। बर्तन को ढक कर रखें। करीब 8 घंटे बाद मिट्टी के बर्तन पर से ढक्कन हटा आप जमे हुए दही को देख सकते हैं।

दूध की मात्रा उतनी महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि वास्तव में दही में मौजूद बैक्टीरिया दूध को दही में परिवर्तित करते हैं। तो, अगर दूध ज़्यादा भी है तब भी उसे जमाने के लिए एक चम्मच दही पर्याप्त होगा।

दही जमाने का तरीका – ध्यान रखने वाली बातें :

बिना हिलाये-डुलाये मिट्टी के बर्तन को गरम स्थान पर अगले आठ घंटे तक रखें। यह भी ध्यान रखें कि नींबू और खटाई से बनने वाला पदार्थ दही नहीं दम्बल कहलाता है। हालांकि, इस दम्बल से जमने वाला दही भी अच्छी होती है। तो देर किस बात की! अपने हाथों से जमायी दही का मजा अब आपके हाथों में है।

वैसे आपकी जानकारी के लिये बता दें की अगर आप दही का प्रयोग बालों के लिए करें तो यह एक बेहतरीन कंडीशनर का काम भी करता है। इसके अलावा इसमें नींबू का रस मिलाकर चेहरे, गर्दन, कोहनी, एड़ी और हाथों पर लगाने से शरीर निखरता है।

पेट की गर्मी, पाचन शक्ति और आंतों के रोग लिए दही एक अमृत के समान है। कैल्शियम की अधिक मात्रा होने से दही न केवल हड्डियों के विकास में सहायक है बल्कि जोड़ों के दर्द और अनिद्रा में भी फायदेमंद है।

ऐसा माना जाता है कि सबसे बढि़या दही 6 से 8 घण्टे के बीच की होती है क्योंकि समय के साथ इसकी मिठास व गुण भी बदलते रहते हैं। जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है यह खट्टा व अम्ल कारक व जलन पैदा करने लगता है।

आप चाहे तो इसका प्रयोग करने से पहले 4 घंटे फ्रीज में भी रख सकते हैं। वैसे दही 2-3 दिन तक स्टोर करके भी रखा जा सकता है लेकिन वह खट्टी हो सकती है।