लोलासन की विधि, सावधानियां और लाभ

कंधे और पीठ की मांसपेशियों को मजबूती देना हो या हाथों, कलाइयों व सीने को पुष्ट करना हो आप लोलासन कर सकते हैं। ढिले शरीर वालों के लिए यह आसन बहुत ही फायदेमंद है। इससे न केवल आपका शरीर टाइट होता है बल्कि शरीर की मांसपेशियों में भी बढोत्तरी होती है। 

लोलासन करने की विधि 

पदासन की स्थिति में बैठकर हथेलियों को जांघों के बगल में जमीन पर रखिये और हाथों पर पूरे शरीर को साधते हुए जमीन से ऊपर उठिये। अब शरीर को आगे-पीछे झुलाइये। पहली स्थिति में वापस आइये। इसी प्रकार कई बार कीजिये। आप इसे आठ-नौ बार कर सकते हैं।

श्वास लेने की प्रक्रिया 

शरीर को ऊपर उठाते समय श्वास लीजिये। शरीर को आगे-पीछे हिलाते समय अंतर्कुभक लगाइये। जमीन पर वापस लौटते समय श्वास बाहर छोड़िये। आप श्वास प्रक्रिया पर अपने मन को एकाग्र कर सकते हैं।

लोलासन के लाभ 

  1. यह आसन हाथों, कलाइयों व सीने को पुष्ट करता है। 
  2. इस आसन के अभ्यास से भुजाओं को अत्यधिक बल मिलता है और भुजाओं में मसल्स बनने लगते हैं। 
  3. इससे कंधे और पीठ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
  4. यह आसन पेट की मांसपेशियों को विकसित करता है। 
  5. हाथों का कांपना दूर होता है और ह्रदय बलवान होता है।
  6. लोलासन धातु रोग को दूर करने में भी लाभदायक है।
  7. इससे पसलियों में मजबूती आती है और शरीर संतुलित रहता है।

लोलासन की सावधानियां 

जो लोग कलाई की चोट, कंधे का दर्द और गर्दन की समस्याओं से ग्रसित हैं उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए। इस आसन से पहले यदि आपने ज्यादा खाना खाया हुआ है तो यह आसन करने में आपको दिक्कत आ सकती है। उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंसन से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए। इस आसन की शुरुआत करने वाले लोग विशेषज्ञों की देखरेख में यह आसन करें।