वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा या औषधी

वेदों के समय से ही विभिन्न तरह की औषधियां उपचार के रूप में काम आती रही हैं। आज भी लोग इसे कई तरह की बीमारियों को दूर करने के लिए इसे दवा के रूप में लेते हैं। यह दवा बीमारियों को दूर करने में लाभकारी तो है ही, साथ ही वजन बढ़ाने में भी कारगर है।

अश्वगंधा

विभिन्न रोगों के उपचार में मददगार अश्वगंधा एक बहुत ही प्रसिद्ध औषधि है। नियमित रूप से इसका सेवन शरीर को मजबूत बनाता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है। इसके अलावा यह तनाव को भी कम करता है।

किरात  

स्वाद में कड़वी किरात वजन बढाने के लिए बहुत ही अच्छी औषधि है। इसका सेवन करने से भूख बढती है और मुंह में लार भी निर्मित होता है। इससे पेट की समस्या जैसे- अपच या अन्य विकार समाप्त होते हैं।

कैमोमाइल 

कैमोमाइल को पाचन के लिए एक उपचार के तौर पर देखा जाता है। इस औषधि के सेवन से गैस और अपच तथा भूख न लगने की समस्या दूर होती है। आप कैमोमाइल से बनी चाय को उपयोग में ला सकते हैं।

अदरक

भूख न लगने की समस्या से आप पीड़ित हैं, तो आपको अदरक खाना चाहिए। यह पेट को एकदम दुरुस्त रखती है और रक्त संचार, भूख ना लगना, अपच, पेट फूलना, मितली में भी बहुत कारगर है।

सिंहपर्णी की जड़ें

सिंहपर्णी की जड़ें खाने में तो है कड़वी लेकिन वजन को बढ़ाने में बहुत ही असरदार है। सिंहपर्णी की जड़ों से बना शोरबा  पेट और आंतों को बेहतर बनाता है और भूख को उत्तेजित करता है। इसमें पोटेशियम, लोहा, जस्ता, विटामिन सी, डी, ए और बी आदि पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।

च्यवनप्राश

सर्दियों में खाया जाने वाला च्यवनप्राश शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद औषधि है और आसानी से उपलब्ध है। दूध या जूस के साथ लेने पर च्यवनप्राश शरीर को मजबूती प्रदान करता है।

सतवारी कल्प

सतवारी कल्प मोटापा बढ़ाने में मददगार है तथा इससे आँखों की रोशनी भी बढती है।

 यष्टिमधु

शरीर को पर्याप्त मात्र में पोषक तत्व देता है यष्टिमधु। यह एक बहुत ही उपयोगी औषधि है और लगभग हर उम्र के लोग इसे खा सकते हैं। इसे हम मुलहठी या मुलेठी के नाम से भी जानते है। यह एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। 

नोट: इन उपायों को अपनाने से पहले आयुर्वेदिक या औषधि विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।