वज्रासन कैसे करें और वज्रासन के फायदे

योग में वज्रासन की बहुत बड़ी भूमिका है। यह एक ऐसा आसन है जिसे करने में कोई मेहनत नहीं लगती है। आप इसे कभी भी और किसी भी समय असानी से कर सकते हैं। खाना खाने के बाद यदि इस आसन को करते हैं तो आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत ही फायदेमंद रहेगा। आइए इस आसन के बारे में और जानने की कोशिश करते हैं।

वज्रासन कैसे करें

घुटनों के बल बैठ जाइए तथा पंजों को पीछे फैलाकर एक पैर के अंगूठे को दूसरे अंगूठे पर रख दीजिए। ये ध्यान रखें आपके घुटने पास-पास और एड़ियां अलग-अलग रहनी चाहिए। इसी दौरान अपने नितंबों को पंजों के बीच रखिए तथा आपकी एड़ियां कूल्हों की तरफ रखिए। और अंत में इस अवस्था में बैठते समय हथेलियों को घुटनों पर रखिए। वज्रासन को जितना संभव हो सके उतने समय तक अभ्यास कीजिए। भोजन के पश्चात खास तौर पर कम से कम पांच मिनट तक इस आसन को करना चाहिए।

 

एकाग्रता 

सहज श्वास लेने और छोड़ने की क्रिया पर ध्यान कीजिए। यदि आंखे बंद करके किया जाए तो यह मन को शांति देता है। इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग और बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग इस आसन को प्रार्थना और ध्यान के रूप में करते हैं। 

 

वज्रासन के फायदे

1. जो लोग अपचन की समस्या से ग्रसित हैं उन्हें वज्रासन करना चाहिए। भोजन करने के बाद यह आसन शरीर को फायदा पहुंचाता है। यह आसन पाचन प्रणाली की कार्य-कुश्लता को बढ़ाता है।

2. यह आमाशय (पेट) और गर्भाशय की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करता है। यह आसन महिलाओं के शिशु जन्म में सहायक है। 

3. हर्निया के रोगों के लिए यह आसन बहुत ही उपयोगी है। 

4. साइटिका और रीढ़ के नीचले भाग तथा पैरों के तनाव को इस आसन के जरिए दूर किया जा सकता है। 

5. नियमित तौर पर वज्रासन का अभ्यास वेरिकोज वेन्स, ज्वाइंट पेन और गठिया जैसे रोगों से दूर रखने में मददगार है। 

6. वजन को कम और शरीर को सुडौल बनाने में यह आसन मदद करता है। 

7. पेशाब की समस्या का उपाय है वज्रासन। इसके अलावा इससे यौन अंगों को शक्ति मिलती है। 

8. ध्यान और सांस लेने के व्यायाम आम तौर पर वज्रासन की अवस्था में किया जाता है। इस अवस्था में आप सांस भी गहरी ले सकते हैं और अच्छी तरह से ध्यान भी लगा सकते हैं। 

9. इस आसन के जरिए रक्तीसंचार भी होता है।