वसा क्या है और वसा के नुकसान

वसा क्या है और वसा के नुकसान

वसा जिसको हम फैट या चर्बी कहते हैं शरीर की शक्ति, स्फूर्ति और मस्तिष्क के लिए सबसे अधिक गुणकारी तत्व है। जानकारों की माने तो वसा में चर्बीदार अम्ल और ग्लिसरीन का मिश्रण होता है। इसका निर्माण कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के तत्वों से मिलकर होता है, जो कार्बोहाइड्रेट की अपेक्षा 2.5 गुणा अधिक शक्ति और उर्जा प्रदान करती है। वसा शरीर की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करती है, लेकिन अधिक वसा के सेवन से स्थूलता बढ़ने लगती है। वसा के कुछ प्रकार, विशेष रूप से संतृप्त और ट्रांस वसा आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वसा पशुओं और वनस्पतियों में पाया जाता है। पशुओं की चर्बी, मछली के तेल, दूध तथा घी से अधिक मात्रा में वसा प्राप्त होती है।

वसा प्रमुख रूप से तीन प्रकार की होती हैं। संतृप्त (सैच्युरेटेड), एकल असंतृप्त (मोनो अनसेचुरेटेड) और बहु-असंतृप्त (पॉली अनसेचुरेटेड)। संतृप्त वसा पशु उत्पादों और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसे, मांस, डेयरी उत्पाद, चिप्स और पेस्ट्रियों में पाई जाती हैं।  

कार्बोहाइड्रेट की कमी की स्थिति में वसा से ऊर्जा प्राप्त होती है। यह शरीर में ताप नियमन, कोशिका निर्माण में भाग लेती है। चेहरे या त्वचा को नर्म तथा मुलायम रखने के लिए वसा बहुत ही जरूरी है। इससे त्वचा में नमी बनी रहती है तथा झुर्रियां कम होती है।

हालांकि वसा की अधिकता आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है। माना गया है कि ज्यादा वसा युक्त खाद्य पदार्थ खाने से हृदय रोग की समस्या बढ़ जाती है। तथा इससे मोटापा भी बढ़ता है। इसके अलावा शोध में यह पाया गया है कि नियमित तौर पर ट्रांस और संतृप्त वसा लेने पर कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें प्रोस्टेट, कोलोन और मलाशय (रेक्टम) के कैंसर भी शामिल है।