शशांकासन योग करने की विधि और लाभ

मोटापा और तनाव आज के समय में एक बड़ी समस्या बन चुकी है। न चाहते हुए भी लोग इस समस्या से ग्रसित हो रहे हैं। लेकिन इसे दूर करने के लिए वह तरह-तरह के उपायों को भी अपनाते हैं। उन्ही उपायों में से एक है शशांकासन जिन्हें इस लेख के माध्यम से तीन तरीकों से बताया गया है।

शशांकासन योग करने की विधि 

हाथों को घुटनों पर रखते हुये वज्रासन में बैठ जाइये। फिर श्वास लेते हुये हाथों को सिर के ऊपर उठाइये और सीधा रखिए। इसके बाद हाथों को धड़ की सीध में रखते हुए व श्वास छोड़ते हुये धड़ को सामने की ओर मस्तक जमीन से छूने तक झुकाइये। कुछ क्षणों के लिये श्वास बाहर ही रोके रखिये और फिर श्वास लेते हुये हाथों और धड़ को सिर के ऊपर की ओर ले आइये। तब श्वास छोड़ते हुये धीरे-धीरे प्रारम्भिक स्थिति में आ जाइये।

ध्यान रखें श्वास धीमी और शरीर की गति के अनुसार हो। अधिक लाभ के लिए सामान्य अथवा गहरी श्वास का अभ्यास करें। इस आसन को 10-15 बार अभ्यास में ला सकते हैं।

शशांकासन 2 करने की विधि

कमर के पीछे बाएं हाथ से दायीं कलाई को पकड़ते हुए वज्रासन में बैठ जाइये और आंखे बन्द कर लीजिये। श्वास लीजिये और फिर श्वास छोड़ते हुये कमर से सामने की ओर तब तक झुकते जाइये जब तक कि सर जमीन से स्पर्श न करने लगे। सहज श्वास-प्रश्वास के साथ इस स्थिति में लम्बे समय तक रुकिये। श्वास लेते हुये प्रारम्भिक स्थिति में लौट आइये।

शशांकासन 3 करने की विधि 

श्वास लेते हुए वज्रासन में बैठकर मुठियों को पेट के निचले और फिर श्वास छोड़ते हुये सामने की ओर झुकिये। जितनी देर हो सके, श्वास बाहर रोकिये। श्वास लेते हुये प्रारम्भिक स्थिति में वापस आ जाइये।

शशांकासन योग करने के लाभ 

  1. यह आसन कूल्हों, पेट और कमर की चर्बी को कम करता है। 
  2. साइटिका के स्नायुओं को शिथिल करता है और एड्रिनल ग्रंथि के कार्य को नियमित करता है।
  3. कब्ज की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए यह आसन सही है। 
  4. ह्र्दय रोगियों के लिए यह आसन लाभदायक है। 
  5. इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से तनाव या मानसिक रोक में भी आराम मिलता है।

नोट: जिन लोगों को पेट और सिर में गंभीर समस्या है उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।