हस्तपादासन करने की विधि और लाभ

बाजारवाद के बढ़ते प्रभाव के चलते हर कोई अलग दिखाना चाहता है। हर किसी की इच्छा होती है कि वह सामने वाले से हृष्ट पुष्ट या सुडौल दिखे, चाहे वह महिला हो या पुरुष। आज के इस दौर में परफेक्ट फिगर या बॉडी की दरकार हर किसी की है। इसे सफलता-असफलता के रूप में देखा जाने लगा है।

इस लेख में हस्तपादासन करने का तरीका बताया गया है जिसे अभ्यास में लाकर आप एक परफेक्ट बॉडी पा सकते हैं।

हस्तपादासन करने की विधि 

सबसे पहले सामान्य स्थिति में खड़े हो जाइए। फिर दोनों पैरों की एड़ियों व पंजों को आपस में मिलाकर रखें तथा दोनों हाथों को ढ़ीला छोड़ें। फिर शरीर के कमर से ऊपर के भाग को धीरे-धीरे सामने की ओर झुकाएं। इस क्रिया में घुटनों को बिल्कुल सीधा रखें तथा धड़ को तब तक झुकाएं जब तक हाथों से एड़ियों को न पकड़ लें। अभ्यास की शुरुआत की स्थिति में 10 सैकेंड तक रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं। दिन में कम से कम पांच से छह बार हस्तपादासन का अभ्यास करें।

श्वास

शरीर को झुकाने से पहले सांस अंदर खींचें। इसके बाद शरीर को झुकाते समय सांस को बाहर छोड़िए।

हस्तपादासन के लाभ

1. यह आसन मोटापे को कम करता है तथा इससे पेट व पाचन तंत्र भी ठीक रहता है।

2. यह आसन मेरूदंड (रीढ़ की हड्डी) को शक्तिशाली बनाता है। 

3. इस आसन के अभ्यास से बड़ी आंत का अन्तिम भाग स्वच्छ रहता है। 

4. इस आसन के करने से पैर के सभी दर्द दूर होते हैं। 

5. इस आसन के करने से चेस्ट और हाथ तो मजबूत होते ही हैं साथ ही आपका फिगर संतुलित तथा सुडौल दिखने लगता है। 

महिलाओं के लिए उपयोगी है यह आसन 

हस्तपादासन अभ्यास से स्त्रियों की सुंदरता बढ़ती है। इस योग के माध्यम से मांसपेशियां सक्रिय हो जाती है और शरीर के अंगों में कसावट लाती है।

सावधानियां 

जो रीढ़, हर्निया, हृदय की समस्या से ग्रसित हैं उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए। उच्च रक्तचाप, अल्सर और चक्कर आने वाले लोगों के लिए यह नुकसानदेह हो सकता है।