हैजा क्या है और हैजा से बचने के उपाय

हैजा क्या है

हैजा संक्रमक रोगों की सूची में प्रमुख है। यह एक जलजन्य रोग है। हैजा जितनी तेजी से आक्रमण करता है और तेजी से फैलता है। हैजा जीवाणुओं के कारण फैलता है। ये जीवाणु सूर्य की रौशनी से फैलते हैं। ये जीवाणु अत्यंत सूक्ष्म होते हैं। यह किसी एक पीड़ित व्यक्ति के मल, मूत्र और उल्टी के जरिये दूसरे व्यक्ति तक पहुँचता है। इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलाने का काम मुख्य रूप से मक्खियाँ करती हैं। दूसरे शब्दों में, हैजा की संवाहक मक्खियाँ ही होती है। इस बीमारी के फैलने के दूसरे कारणों में कीटाणु, सड़े फल इत्यादि शामिल हैं। 

क्या हैं संक्रामक हैजा के लक्षण

हैजा के लक्षणों में ये शामिल हैं-

उल्टी और दस्त आना, अत्यधिक प्यास लगना, पेशाब बन्द हो जाना इत्यादि। शरीर में जल की मात्रा कम हो जाती है। प्रभावित व्यक्ति के शरीर में दर्द होता है और उसका शरीर अकड़ता है। हैजा के संक्रमण में जी रहे व्यक्ति को अपने शरीर में कमजोरी का एहसास होता है। उसका शरीर उसे ठंडा लगता है। ऐसे व्यक्तियों को पेशाब आना बन्द हो जाता है। 

हैजा से बचने के उपाय

हैजा पीड़ित व्यक्ति को दूसरे अन्य व्यक्तियों से समुचित दूरी बनाकर रखनी चाहिये। जिसे हैजा का रोग लग चुका हो उसके सारे वस्तुओं को संक्रमण मुक्त करना चाहिये अथवा उन वस्तुओं को जला देना भी एक विकल्प हो सकता है। आस-पास के नालों अथवा जल युक्त गन्दे स्थानों को ब्लीचिंग पाउडर से संक्रमण मुक्त कर देना चाहिये। 

सड़े-गले और बासी खाद्य पदार्थों को खाने से बिल्कुल बचना चाहिये। इन खाद्य पदार्थों पर मक्खियों को बिल्कुल भी न बैठने दें। एहतियात के तौर पर रोगियों को सार्वजनिक स्थानों पर नहीं जाने देना चाहिये। ऐसी अवस्था में दूध या पानी को उबालकर पीना चाहिये। बाजारू खाद्य पदार्थों को खाते हुए जितना हो सके उतनी सावधानी बरतें।