एनीमिया का आयुर्वेदिक उपचार

मानव के शरीर में लौह की मात्रा उसके वजन के अनुसार तीन से पांच ग्राम तक हो सकती है। लेकिन जब इसकी मात्रा शरीर में कम होने लगती है, तब हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन का बनना कम हो जाता है, इसलिए आज हम जानेंगे एनीमिया का आयुर्वेदिक उपचार। एनीमिया के कारण शरीर में लौह की मात्रा  की कमी आ जाती है। इसका सबसे बड़ा नुकसान हमारे शरीर को यह भी होता है कि इससे शरीर में ऑक्सीजन का आवाजाही कम हो जाती है। इसी कारण शरीर को र्याप्त उर्जा नहीं मिलती, जिसके कारण व्यक्ति को एनीमिया अर्थात् शरीर में खून की कमी हो सकती है।

एनीमिया लौह तत्व, विटामिन बी 12, फोलिक एसिड की कमी के कारण होता है। यह खून की कमी पुरुषों के मुकाबले औरतों में अधिक देखने को मिलती है। एनीमिया होने पर शरीर में थकान, कमजोरी, त्वचा में पीलापन, लगातार सिर में दर्द आदि लक्षण दिखाई देते हैं। अगर आप एनीमिया से ग्रस्त हैं तो ऐसे में जब आप आयुर्वैदिक उपचार करें, तो आप इससे आसानी से निजात पा सकते हैं। शरीर में खून की कमी आ जाने पर हमें ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए, जिससे हमारा खून जल्दी ही बढ़ने लगे जैसे कि मूंगफली के दानों को गुड के साथ चबा चबा कर खाना, पालक, सरसों, मेथी, हरा धनिया, पपीता, अमरुद, सेब, नींबू आदि का सेवन करें।

एनीमिया का आयुर्वेदिक उपचार

1. सेब और चुकन्दर का रस

चुकन्दर में फोलिक एसिड की उच्च मात्रा होती है और सेब में लौह तत्व होते हैं। यह दोनों ही खून की कमी को दूर करते हैं। इसके लिए एक कप चुकन्दर के रस और एक कप सेब के रस में दो चम्मच शहद का रस कर नियमित रूप से दिन में दो बार पीने से एनीमिया ठीक हो जाता है।

2. तिल और शहद

एक चम्मच तिल के बीज को दो घंटे तक पानी में भिगोकर रखें, पानी को छानकर बीज का पेस्ट तैयार कर लें। बाद में उसमें एक चम्मच शहद को मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से एनीमिया में राहत मिलती है।

3. पालक का सेवन

पालक में भरपूर मात्रा में लौह तथा विटामिन बी 12 पाया जाता है, इसके साथ ही इसमें फोलिक एसिड की भी उच्च मात्रा मौजूद होती है। पालक का सेवन करने से खून की कमी पूरी हो जाती है, इसके लिए हमें पालक का सूप बनाकर, या पालक का साग बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।

4. अनार का सेवन

अनार में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ आयरन और कैल्शियम की भी उच्च मात्रा होती है। इसका सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन तेजी के साथ बढ़ता है। अनार शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर रक्त संचार को ठीक रखता है। एनीमिया होने पर खाली पेट अनार का सेवन करना चाहिए और साथ में प्रतिदिन अनार का जूस पीना चाहिए।

5. टमाटर का सेवन

शरीर में आयरन की मात्रा लेने के साथ यह भी जरूरी होता है कि आपके शरीर में आयरन को सोखने की क्षमता हो। इसमें टमाटर एक अहम भूमिका को निभाता है। ऐसे में हमें हर रोज दो कच्चे टमाटरों का सेवन आवश्य करना चाहिए। आप टमाटर का रस खाने में और सलाद के रूप में भी कर सकते हैं।

6. खजूर

खजूर आयरन का एक अच्छा स्रोत होता है। सौ ग्राम खजूर में 90 मिलीग्राम आयरन की मात्रा मौजूद होती है। दो खजूर को एक गिलास दूध में रात को छोड़ दें और सुबह खजूर को खाली पेट चबाकर खाएं और बचा हुआ दूध भी पी लें। इससे आपको एनीमिया में बहुत ही राहत मिलती है।

7. किशमिश

एनीमिया का आयुर्वेदिक उपचार किशमिश में भी छिपा है क्योंकि किशमिश में आयरन, प्रोटीन, फाइबर, सोडियम जैसे उच्च तत्व पायें जाते हैं। यह एनीमिया के लिए एक बेहतर उपचार होता है, इसके लिए रात को एक कप पानी में 10 से 15 किशमिश भिगों दें। सुबह इस किशमिश में शहद मिलाकर इसका सेवन करें और बचा हुआ पानी पी लें।

8. शहद

शहद लौह और विटामिन बी 12 का उच्च स्रोत माना जाता है। शहद का नियमित रूप से सेवन करने से एनीमिया की कमी को पूरा किया जा सकता है।