मधुमेह के लिए उपयोगी 9 आयुर्वेदिक उपचार

भारत उच्च मधुमेह जनसंख्या के तहत शीर्ष तीन देशों में से एक है। टाइप-2 मधुमेह एक तेजी से बढ़ती जीवनशैली संबंधी विकारों में से एक है। मधुमेह शरीर में इंसुलिन का उत्पादन करने या इंसुलिन को प्रभावी ढंग से काम करने की शक्ति को प्रभावित करती है, इसलिए आपको अपनी ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य रूप में बनाए रखने के लिए उपचार की आवश्यकता होती है।

आजकल आपकी ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए कई उपचार और दवाइयां मौजूद हैं, परन्तु कुछ आयुर्वेदिक उपचार और टिप्स भी आपकी मधुमेह को संतुलित रखने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसलिए हम आपको 9 प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों से आपकी ब्लड शुगर के स्तर को ठीक बनाए रखने और मधुमेह के साथ एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए आपकी सहायता करेंगे।

मधुमेह के लिए उपयोगी 9 आयुर्वेदिक उपचार

ब्लड शुगर के स्तर को कम करे तुलसी के पत्ता

तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सिडेंट और आवश्यक तेल शामिल होते हैं जो यूजेनॉल, मिथाइल यूजेनॉल और कैरियोफिलिन का उत्पादन करते हैं। यह यौगिक पैंक्रियास की बीटा कोशिकाओं को इंसुलिन रखने और इन्सुलिन को रिलीज करने में मदद करते हैं। आप ब्लड शुगर के स्तर को कम करने के लिए खाली पेट पर दो से तीन तुलसी के पत्ते खा सकते हैं।

अलसी के बीज

अलसी के बीज उच्च फाइबर सामग्री के कारण पाचन क्रिया में सहायता और वसा एवं शक्कर के उचित अवशोषण में आपकी मदद करते हैं। अलसी के बीजों का सेवन करने से मधुमेह के बाद के शुगर के स्तर में लगभग 28 फीसदी कमी होती है।

दालचीनी

दालचीनी इंसुलिन की संवेदनशीलता और ब्लड शुगर का स्तर कम करती है। प्रतिदिन दालचीनी का आधा चम्मच खाने से इंसुलिन की संवेदनशीलता में सुधार होता है और वजन कम करने में मदद मिलती है, जिससे हृदय रोग का जोखिम कम होता है।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करे ग्रीन टी

हरी चाय या ग्रीन टी बिना फर्मेन्टेड के होती है, और पॉलीफेनॉल में उच्च होती है। पॉलीफेनॉल एक मजबूत एंटीऑक्सिडेंट और हाइपोग्लिसेमिक यौगिक या कंपाउंड है, जो ब्लड शुगर के रिलीज को नियंत्रित करने में मदद करता है और शरीर को इंसुलिन का बेहतर इस्तेमाल करने में मदद करता है।

अमरूद के पत्ते और जीरा

आप कुछ ताजे अमरूद के पत्ते और जीरे के बीजों को एक साथ मिला कर एक गिलास पानी में उबाल लें। इस मिश्रण को रोज़ पिएं और मधुमेह में आराम पाएं।

स्टेविया का पौधा

स्टेविया पौधा एक मीठा पत्ती वाली जड़ी बूटी है और यह शर्करा के स्तर, रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है और यह प्राकृतिक मिठास के रूप में काम करती है। एक अध्ययन में पाया गया कि स्टीविया में मधुमेह विरोधी गुण हैं, जिसमें क्षतिग्रस्त बीटा सेल का, बिना किसी ख़राब प्रभाव के, पुनर्जन्म करना शामिल है। यह पौधा ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार है।

करेला

करेला इंसुलिन-पॉलीपेप्टाइड-पी जैव-रसायन में समृद्ध होता है, जो मानव पैंक्रियास द्वारा उत्पादित इंसुलिन के समान है, जो शरीर में शुगर का स्तर कम करता है। करेले में दो बहुत ही आवश्यक यौगिक चेराटिन और मोमोर्डिकिन होते है, जो मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होते है।

इंसुलिन के स्तर को बढाए जामुन

भारतीय ब्लैकबेरी “जामुन के बीज” में मौजूद एक ग्लाइकोसाइड, स्टार्च को चीनी में परिवर्तित करने से रोकता है। यह ब्लड शुगर को कम करता है और इंसुलिन के स्तर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। जामुन में हृदय रोगों और अन्य ह्रदय संबंधी विकारों से बचाने के गुण होते हैं।

नीम

नीम भारत में पाया जाने वाला एक अद्भुत औषधीय पौधा हैं। कई आयुर्वेदिक उपचारों के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। नीम इंसुलिन रिसेप्टर संवेदनशीलता बढ़ाता है, जो रक्त वाहिकाओं को फैला कर रक्त संचरण को बेहतर बनाता है, और ब्लड शुगर के स्तर और हाइपोग्लाइमेटिक दवाओं पर निर्भरता को कम कर देता है।