चिकन पॉक्स या छोटी माता के लक्षण, कारण और घरेलू उपाय

चिकन पॉक्स वेरीसेल्ला जोस्टर वायरस से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी का नाम है। इसको हम छोटी माता के नाम से भी जानते है। यह अक्सर बच्चों में पाया जाने वाला एक संक्रमण रोग हैं। यह एक ऐसा रोग है जो बच्चों का बिना उपचार किये हुए भी ठीक किया जा सकता है। लेंकिन कई बच्चे कमज़ोर होते हैं जिसके कारण वो निमोनिया का शिकार हो जाते हैं। यह मसूर के दाने के समान होते है और यह छोटी-छोटी फुंसी और लाल रंग की होती है जो हमारे पूरे शरीर में होती हैं।

चिकन पॉक्स या छोटी माता के कारण

चिकन पॉक्स एक ऐसा वायरस है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से फैल जाता हैं। यह हवा, थूक, छींकने से, फोड़ो से निकला हुआ पानी, कपडें, बिस्तर आदि के सम्पर्क में आने से आसानी से हो सकता हैं। इसलिए हम इसको छुत की बीमारी भी कह सकते हैं। इसमें खुजली करने का बहुत मन करता है। इससे निमोनिया होने का अक्सर खतरा बना रहता है। जिन गर्भवती महिलाओं को कभी चिकन पॉक्स न हुआ हो उन्हें अक्सर उन लोगों से दूरी बना कर रखनी चाहिए जिन्हें चिकन पॉक्स है।

चिकन पॉक्स या छोटी माता के लक्षण

जब भी कोई बच्चा इस वायरस का शिकार हुआ हो तो इसके लक्षण 10 से 21 दिनों के भीतर नजर आने लगते हैं। वो लक्षण कुछ इस प्रकार के होते हैं :–

  1. सबसे पहलें पैरों में और पीठ में हल्की हल्की दर्द होने लगती है और इसके साथ साथ बुख़ार होने लगता है।
  2. इसमें खांसी, भूख कम लगना, सिर दर्द, थकावट और उल्टी आ सकती हैं।
  3. शरीर में खुजली होने लगती है और साथ साथ लाल रंग के दाने निकल आते हैं।
  4. मूंह के अंदर, सिर पर आंखों के पास छोटी छोटी फुंसी निकल आती है।
  5. इसमें सर्दी जुकाम हो सकता हैं।

चिकन पॉक्स या छोटी माता का उपचार

जैसे कि हम जानते हैं कि इसका कोई विशेष उपचार नहीं होता। अगर कोई नवजात बच्चा हो, गर्भवती महिला या कोई कमज़ोर रोग वालें बच्चे हो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास लें जाना चाहिए। चिकन पॉक्स के उपचार में हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जो कुछ इस तरह से हैं :-

  1. चिकन पॉक्स वालें व्यक्ति को अगर पेरासिटामोल लेंनी हो तो वह पहलें डॉक्टर की सलाह आवश्य लें।
  2. अगर आप को खुजली अधिक हो रही है तो खारिश न करें बल्कि डॉक्टर से दवाई लें।
  3. अगर किसी चिकन पॉक्स व्यक्ति की रोग सहने की शक्ति कम हो तो वह डॉक्टर से एंटी वायरस को कम करने वाली दवाई लें, उससे
  4. आप का वायरस कम होगा और आप का रोग आसानी से काबू में आ जाता है।
  5. जिन को चिकन पॉक्स हो अगर हम उन पर चन्दन का लेंप करते हैं तो उस व्यक्ति को ठंडक मिलती है। और इससे खुजली कम होती हैं।
  6. नीम के पत्तों को बिस्तर पर बिछाने से चिकन पॉक्स वाले व्यक्ति को राहत मिलती है।
  7. नीम की पत्तियों को पानी में डालकर उस पानी से नहाने से संक्रमण को रोका जा सकता है क्योंकि नीम में एंटी वायरस के गुण पाए जाते हैं। खुजली से राहत पाने के लिए नीम के पत्तों को गुनगुने पानी में डाल कर नहाना चाहिए। ऐसा करने से आप को फायदा मिलेगा।
  8. बच्चों में पानी की कमी न हो, इसलिए उन्हें तरल पदार्थ अधिक मात्रा में देने चाहिए।
  9. चिकन पॉक्स होने के कारण बच्चों की पाचन शक्ति कमज़ोर हो जाती हैं जिसके लिए उन्हें फल, दूध, दलिया, खिचड़ी जैसे तरल पदार्थ देने चाहिए। उन्हें फास्टफूड से जितना हो सके उतना दूर रखना चाहिए।
  10. बच्चों का चिकन पॉक्स जब तक अच्छे से ठीक नहीं हो जाता, तब तक उन्हें स्कूल या खेलने नहीं भेजना चाहिए। क्योंकि इससे संक्रमण फैलने का डर रहता हैं।
  11. चिकन पॉक्स वाले व्यक्ति का बिस्तर साफ़ होना चाहिए और उसके बर्तन भी साफ़ होने चाहिए। चिकन पॉक्स वाले व्यक्ति के बर्तनों को अलग रखना चाहिए उसको बाकी बर्तनों के साथ मिलाकर नहीं रखना चाहिए इससे संक्रमण का खतरा बढ़ता हैं।