बच्चे को दूध पिलाने के तरीके

मानव समाज में यह माना गया है कि नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत है। यहां माँ का दूध शिशु के लिए सर्वश्रेष्ठ आहार है। लेकिन जब शिशु बड़ा हो जाता है तो स्तनपान के अलावा माताएं उन्हें गाय या भैंस का भी दूध पिलाती हैं। बहुत सी ऐसी मताएं है जिन्हें शिशु या बच्चे को दूध पिलाने के तरीके के बारे में जानकारी नहीं है। वैसे आपको बता दें डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय भी शिशु के पहले छह महीने तक उसे केवल स्तनपान कराने की सलाह देता है।

बच्चे को दूध पिलाने के तरीके

#1 बच्चों को गाय का दूध पिलाएं

स्वस्थ और निरोग शरीर होने पर माताएं स्तनपान कर सकती हैं लेकिन ऐसी स्थिति न हो तो माताएं गाय का दूध बच्चों को पिला सकती हैं। मां के दूध के बाद ऐसा माना जाता है कि गाय का दूध एक सर्वश्रेष्ठ आहार है। इसके अंदर मां के दूध जैसे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। इससे न केवल बच्चे के अंदर उर्जा का संचार होता है बल्कि पाचन शक्ति भी मजबूत रहती है।
भैंस या बकरी का भी दूध
गाय के दूध के अलावा भैंस या बकरी का भी दूध बच्चों को पिलाया जा सकता है। इसमें भी पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं।

बच्चे को दूध पिलाने के नियम – क्या करना चाहिए ?

1. दूध को गुनगुना गरम करके बच्चों को पिलाना चाहिए। इसके अलावा मलाई हटाकर दूध पिलाना चाहिए।
2. बच्चे को दूध में जरा सी शकर घोल देना चाहिए।
3. बच्चे को दूध पिलाने के लिये एक निश्चित समय निर्धारित कर लीजिए।
4. जिस शीशी या बोतल में दूध पिलाया जा रहा है वह अच्छी तरह से साफ हो। कोशिश करें कि आप उस बोतल को गरम पानी से धोयें।
5. मां का दूध पिलाते समय किसी भी कारण से बच्चे या शिशु का शरीर गरम न हो, ज्यादा थका हुआ न हो, विचार अच्छे हों, मन प्रसन्न हो। इस बात का ध्यान देना चाहिए।

बच्चे को दूध पिलाने के नियम – क्या नहीं करना चाहिए ?

शिशु को कैसे दूध पिलाएं ?

1. अक्सर देखा गया है कि मताएं अपने शिशु को दूध पिलाते समय उनकी पोजीशन या स्थिति का ध्यान नहीं रखती और जबर्दस्ती दूध पिलाती हैं। लेटे हुए, सोते हुए और रोते हुए बच्चों को दूध नहीं पिलाना चाहिए। पालथी लगाकर बैठकर, बच्चे को गोद में लिटाकर दूध पिलाना ही सही तरीका माना गया है।
2. जब बच्चा शोक पूर्ण, दुःखी, क्रोधित और कुढ़न वाली मनःस्थिति में हो तो उस समय मां का दूध नहीं पिलाना चाहिए।
3. बच्चे को नियमित समय पर दूध अवश्य पिलाना चाहिए, पर सोते हुए बच्चे को जगाकर दूध नहीं पिलाना चाहिए।