हाथ धोने का सही तरीका – बच्चों के लिए

बच्चों के हाथों की सफाई रखने के साथ-साथ उसे स्वच्छ रखना बहुत जरूरी है। हाथ धोना भी उसी का एक हिस्सा है। बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए हाथों को साफ़ रखना आवश्यक है। आप अपने बच्चे को यह सेहतमंद आदत सिखा सकते हैं। कीटाणुओं से बचने के लिए यह सबसे आसान उपाय माना जाता है। ऐसा बच्चे बड़ों को देखकर ही सीखते हैं। आपको चाहिए की आप बच्चों के सामने अपने और बच्चों के हाथ धोएं। इससे बच्चे हाथ धोने की आदत को सीखते हैं। बच्चों को भोजन से पहले और शौच के बाद हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए। क्योंकि हाथ धोने से बच्चे कई संक्रामक बीमारियों से दूर रहते हैं। आइये बात करते हैं, बच्चों के हाथों की सफाई के बारे में।

हाथ धोने का सही तरीका – बच्चों के लिए

हाथ धोने का सही तरीका

इस बात पर ध्यान दें कि हाथों को साफ करते हुए बच्चा पूरी तरह से झाग बनाएं और अपने हाथों को पर्याप्त समय तक धोएं हाथों को धोते समय नाखूनों को उंगलियों को बीच से भी अच्छी तरह से साफ करें। इसके बाद अपने हाथों को पानी के साथ अच्छे से धोकर तौलिय के साथ सुखा लें।

कब हाथ धोएं

अपने बच्चों में खाना खाने से पहले और शौच जाने के बाद हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए। क्योंकि यह अच्छी आदत के साथ-साथ स्वास्थ्य जीवन के लिए भी जरूरी है।

लिक्विड सोप का इस्तेमाल

हाथों को धोने के लिए हमेशा लिक्विड सोप का इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें सामान्य साबुन के मुकाबले कीटाणुओं से लड़ने में अधिक शक्तिशाली होते हैं। आपको अपने बच्चों को सीखना चाहिए की कम से कम 15 सेंकड तक हाथों को धोना चाहिए।

इस बात को ध्यान में रखें

विशेषकर जब आप सार्वजनिक शौचालय के दरवाजे के हैंडल को पकड़ते है। उस पर बहुत से कीटाणु लगे होते हैं। आपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि वह हाथ धोने के बाद इसे सीधा अपने हाथों से न पकड़े। इसमें मौजूद कीटाणु हाथों पर लग जायेगे। ऐसे में उनका हाथ धोना बर्बाद हो जायेगा।

सेनेटाइजर

अगर आप बच्चों के साथ कहीं बाहर गये हैं, वहा आपके आस पास साबुन या पानी नहीं है। ऐसे में बच्चों को हाथ साफ करने के लिए हैंड सेनेटाइजर देना चाहिए। यह भी कीटाणुओं को खत्म करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है अर्थात इसका इस्तेमाल करने से भी हाथ के कीटाणु खत्म हो जाते हैं। यह जल्दी ही सुख जाता है। इसलिए इसका इस्तेमाल करने के बाद हाथों को पोछना जरूरी नहीं होता।

नाखुनों को काटना

बच्चों को हाथों के साथ-साथ नाखुनों पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चों के नाखूनों को समय-समय पर काटते रहना चाहिए। बच्चों के बड़े नाख़ून होने से उनमें बीमारी का खतरा अधिक रहता है। बच्चों के नाखून धीरे-धीरे करके बढ़ते हैं। इसलिए महीने में दो से तीन बार उनके नाखून काट देने चाहिए।