पाइल्स क्या है, इस बीमारी में मूली है फायदेमंद

पाइल्स एक बहुत ही आम समस्या है, जिससे बहुत से भारतीय पीड़ित रहते हैं। पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के विशेष हिस्से में हर समय दर्द और जलन बनी रहती है।

पाइल्स क्या है

हेमोराइड जिसे हम पाइल्स या बवासीर भी कहते हैं आपके गुदा और मलाशय में सूजी हुई नसे हैं। पाइल्स या तो आंतरिक या बाह्य हो सकते हैं आंतरिक पाइल्स गुदा या मलाशय के भीतर विकसित होता है। बाहरी पाइल्स गुदा के बाहर विकसित होते हैं। बाहरी पाइल्स सबसे आम है, जिससे लोग सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं। पाइल्स में स्वेलिंग के साथ ही तेज दर्द भी होता है।

पाइल्स के आम लक्षणों में दर्द, खुजली और गुदा से खून बहना शामिल हो सकता है। पाइल्स के कारणों में मल त्याग के समय दबाव, पुरानी कब्ज से जुड़ी जटिलता, लंबे समय तक शौचालय पर बैठे रहना और पाइल्स का एक पारिवारिक इतिहास आदि शामिल है।

पाइल्स के मरीजों के लिए मूली है फायदेमंद

गाजर और चुकंदर जैसी जमीन में उगने वाले खाद्य पदार्थों के मुकाबले मूली को सामान्यतः खाया नहीं जाता है। हालांकि, यह सफेद रंग की सब्जी पाइल्स के लक्षणों को दूर करने के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक सहायता के रूप में कार्य कर सकता है और स्थिति को और भी बिगड़ने से रोक सकता है।

पाइल्स का इलाज करने के लिए मूली को प्रभावी उपाय माना जाता है। यह बवासीर के कारण दर्द और सूजन से राहत देता है। इसलिए यदि आप पाइल्स या बवासीर से पीड़ित हैं या इस हालत के उच्च जोखिम में हैं, तो अपने आहार में इस सब्जी शामिल कीजिए। आइए जानते हैं कैसे मूली पाइल्स बीमारी में उपयोगी है…

1. मूली आहार फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है, जो न केवल मल त्याग में आपकी मदद करता है बल्कि पाचन में भी सहायक होता है। ये स्टूल को मुलायम करने में मदद करते हैं।
2. विटामिन सी से भरपूर मूली पाइल्स के कारण होने वाले सूजन को कम करने और उपचार की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है।
3. मूली में अस्थिर तेल भी शामिल हैं, जो न केवल सूजन को कम करने बल्कि एंटी-इफ्लेमेटरी गुणों के कारण बवासीर में खुजली और दर्द को कम करने में मदद करता है। कुल मिलाकर, मूली दर्द से राहत में मदद करती है और इसलिए, प्राकृतिक रूप से पाइल्स के उपचार में सहायक होती है। इसके अलावा मूली ठंडक देने का काम करती है। जिससे जलन में भी राहत मिलती है।

पाइल्स के मरीज कैसे करे मूली का सेवन

पाइल्स के मरीज को कच्ची मूली का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा वह मूली को घिसकर खा सकते हैं या फिर इसका रस निकालकर भी पी सकते हैं। मूली के रस का सेवन करने से पहले मरीज को डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेना चाहिए। आप चाहें तो इसके रस का इस्तेमाल संक्रमित जगह की जलन को शांत करने के लिए भी कर सकते हैं। बाजार में मूली का पाउडर भी आसानी ये मिल जाता है। डॉक्टर की सलाह से आप चाहें तो इसके पाउडर को भी प्रयोग में ला सकते हैं।