गर्मियों के मौसम में होने वाले इंफेक्शन

गर्मियां आती है तो साथ में कई सारी बीमारियां लेकर आती है। इस मौसम में जहां पेट से संबंधित बीमारियां होती है, वहीं दूसरी तरफ गर्मियों में इंफेक्शन की समस्या भी होती है। ऐसे मौसम में लोगों को पसीने और खुजली के कारण हमें कई तरह के इंफेक्शन का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं गर्मियों में होने वाले इंफेक्शन के बारे में…

गर्मियों के मौसम में होने वाले इंफेक्शन

#1 फंगल इन्फेक्शन और इससे बचने के उपाय

फंगल इन्फेक्शन, जो गर्मी और बारिश में बहुत होता है। इसे साधारण भाषा में दाद भी कहते हैं। दाद एक प्रकार का चर्मरोग होता है। ऐसे मौसम में दाद-खाज की समस्या गर्मियों में बढ़ जाती है। इसमें गोल-गोल टेढ़े-मेढ़े रैशेज जैसे नजर आते हैं। इस तरह के संक्रमण में खुजली होती है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल भी सकता है।

इसके उपचार के लिए आप एंटीमाइक्रोबील गुणों से भरपूर सेब साइडर सिरका बहुत ही उपयोगी है। यह फंगल इंफेक्शरन पैदा करने वाले कवक को मारने में मदद करता है। इसके अलावा आप दो लहसुन की कली को अच्छेर से कुचलकर, उसमें जैतून के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर बारीक पेस्टर बना लें इस पेस्टउ को संक्रमित हिस्सें पर लगाएं।

#2 कॉन्टैक्ट एलर्जी और इससे बचने के उपाय

गर्मियों के मौसम में कॉन्टैक्ट एलर्जी या इनफेक्शन होता है। ये एलर्जी आर्टिफिशल जूलरी, बेल्ट, जूते आदि के अलावा जिन कपड़ों से रंग निकलता उनमें होता है। इसमें बॉडी में लाल लाइन बन जाती है और दाने बन जाते हैं। इनमें काफी जलन होती है। इसके उपचार के लिए आप इन चीजों का कम से कम इस्तेमाल करें।

#3 पेट का इन्फेक्शन और इससे बचने के उपाय

पेट में कोई संक्रमण हो जाए तो बहुत ही परेशानी होती है। पेट में संक्रमण की बीमारी बहुत पीड़ा होती है, जो बर्दास्त के बाहर मानी जाती है। पेट के संक्रमण ज्यादातर बाहर खाने या खानपान में असंयम बरतने की वजह से होता है। यह बीमारी ज्यादातर गर्मियों के मौसम में होता है। पेट का यह रोग अलग-अलग वायरस की वजह से होता है।

इसके लक्षणों में पेट में दर्द, मरोडें उठना, उल्टीे, ठंड लगना, कमजोरी, भूख ना लगना आदि शामिल है। पेट के संक्रमण की समस्या को दूर करने के लिए आप घरेलू उपाय अपना सकते हैं। इन उपचारों का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। पेट के संक्रमण को दूर करने के लिए दो लौंग खाना स्वास्थ के लिए अच्छा होता है।

लौंग पेट और आंतों में होने वाले छोटे से छोटे बैक्टिरिया को जड़ से खत्म कर देता है। इसके अलावा आप शुद्ध शहद को दालचीनी पावडर के साथ मिलाकर के खाएंगे तो पेट के इन्फेक्शन में राहत मिलेगा।

#4 ऐथलेट फुट और इससे बचने के उपाय

यह भी एक तरह का संक्रमण है, जो ज्यादातर गर्मियों के मौसम होता है। इसका कारण पैरों में अधिक पसीना आना, पूल, वर्षा या स्नान में संदूषित सतहों के साथ संपर्क होना आदि शामिल है। ये संक्रमण पैर की उंगलियों और कभी-कभी पैर के अन्य भागों के बीच नरम क्षेत्रों को प्रभावित करता है। जो लोग हर समय जूते पहने रहते हैं, उनके पैरों की उंगलियों के बीच की स्किन गल जाती है। समस्या बढ़ जाए तो संक्रमण नाखून तक फैल जाता है।
इसके लिए आप जूते उतार कर रखें और पैरों को हवा आने दें। इसके अलावा संक्रमित स्थानों से जूते और मोजे को दूर रखें। यह ध्यान रहे कि मोजे पहनते समय वह सूखे हो और जूते पहनना जरूरी हो तो पहले पैरों पर पाउडर डाल लें।

#5 आंखों के इन्फेक्शन और इससे बचने के उपाय

जब मौसम में बदलाव होता है तब आंखों का संक्रमण होता है। यह समस्या सर्दी और बरसात के मौसम में अधिक होती है। लेकिन कुछ लोगो को ये समस्या गर्मी में अधिक परेशान करती है। यह संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस, एलर्जी या दूसरे माइक्रोबायोलॉजिकल प्रभाव की वजह से हो सकता है। गर्मी के मौसम में अच्छी क्वॉलिटी का धूप का चश्मा पहनना चाहिए। चश्मा आंख को तेज धूप, धूल और गंदगी से रक्षा करता है।