सोरियाटिक अर्थराइटिस के कारण, लक्षण और उपचार

गठिया एक रोग नहीं है। यह शब्द 100 से अधिक विभिन्न प्रकार के जोड़ों के डैमेज और पेन का वर्णन करता है। सोरियाटिक गठिया (पीएसए) और ऑस्टियोआर्थराइटिस (ओए) गठिया के दो सबसे सामान्य रूपों में से हैं। नीचे हम सोरियाटिक अर्थराइटिस के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में बात करेंगे लेकिन उससे पहले सोरियाटिक अर्थराइटिस के बारे में जान लें।

सोरियाटिक अर्थराइटिस क्या है

सोरियाटिक अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इसको आसान भाषा में समझे तो सोरियाटिक गठिया एक पुरानी बीमारी है जो त्वचा और जोड़ों की सूजन के रूप में होती है। जब जोड़ों में सूजन, अकड़ और दर्द देखने को मिलती है तब इस समस्या का सामना करना पड़ता है। सोरायसिस वाले 15 फीसदी से 25 फीसदी लोगों में भी जोड़ों (सोरियाटिक गठिया) की सूजन होती है।

सोरियाटिक अर्थराइटिस के कारण

सोरियाटिक अर्थराइटिस का कारण वर्तमान में अज्ञात है। इसके लिए आनुवांशिक, इम्यून और पर्यावरणीय कारकों का संयोजन संभवतः शामिल है।

सोरियाटिक अर्थराइटिस या गठिया तब होता है जब आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला कर ना शुरू कर देती है। असामान्य इम्यून प्रतिक्रिया आपके जोड़ों में सूजन और त्वचा कोशिकाओं के अधिक उत्पादन का कारण बनता है।

यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि इम्यून सिस्टम स्वस्थ ऊतकों या टिस्सुस को क्यों हमला करती है, लेकिन ऐसा लगता है कि आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारक इसमें भूमिका निभाते हैं। सोरियाटिक अर्थराइटिस वाले कई लोग या तो सोरायसिस या सोरियाटिक गठिया के पारिवारिक इतिहास रखते हैं। शोधकर्ताओं ने कुछ आनुवंशिक या जेनेटिक मार्करों की खोज की है जो कि सोरियाटिक गठिया से जुड़े हुए हैं।
सोरियाटिक अर्थराइटिस रोग होने के लिए सोरायसिस एक बहुत ही बड़ा कारण है।

सोरायसिस वाले 30 फीसदी से अधिक लोगों को सोरियाटिक गठिया विकसित होने की संभावना रहती है। यदि आपको त्वचा की सोरायसिस है, जो आपके नाखूनों को प्रभावित करता है तो आपको सोरियाटिक गठिया होने की अधिक संभावना हो सकती है। आनुवंशिकी या जेनेटिक इस का एक और जोखिम कारक है। ऐसा देखा गया है कि सोरियाटिक गठिया वाले लगभग 40 फीसदी लोगों के परिवार के एक सदस्य को या तो सोरायसिस है या फिर गठिया का दूसरा रूप है।

सोरियाटिक अर्थराइटिस के लक्षण

1. कई सोरियाटिक अर्थराइटिस के लक्षण गठिया के अन्य प्रकार के समान हैं, जिनमें गठिया और रूमेटायड गठिया शामिल है। यही कारण है कि सोरियाटिक अर्थराइटिस का उपचार डॉक्टर के लिए मुश्किल हो सकता है।

2. लक्षण व्यक्ति-व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर इसके लक्षण में दर्द, सूजन, कठोर जोड़ में शामिल होता है।

3. जोड़ लाल या गर्म भी हो सकता है। लक्षण अचानक या धीरे-धीरे आ सकते हैं, और हल्के या गंभीर हो सकते हैं। आपको बता दें सोरियाटिक अर्थराइटिस शरीर में अलग-अलग जोड़ों को प्रभावित कर सकता है।

4. यह उंगलियों के छोटे से जोड़ से लेकर पैर की उंगलियों के जोड़ों को अक्सर प्रभावित करता है। बहुत से लोगों को पीठ के निचले हिस्से और पैर में दर्द होता है, जैसे एड़ी के पीछे।

5. जोड़ों में कठोरता का अनुभव करने वाले लोग अक्सर बताते हैं उनकी स्थिति सुबह के समय और ज्यादा खराब हो जाती है।

6. सोरियाटिक अर्थराइटिस वाले कई लोग क्रोनिक थकान का अनुभव करते हैं। इसके अलावा उनकी आंखों में दर्द या फिर आंखें लाल भी हो जाती है। इसमें कंजक्टिवाइटिस के लक्षण भी दिखाई देते हैं।

सोरियाटिक अर्थराइटिस के उपचार

सोरियाटिक अर्थराइटिस या गठिया के इलाज के लिए आप दवाएं और जीवनशैली में परिवर्तन करके इसके लक्षणों को कम करने और अधिक सूजन को रोकने में मदद कर सकते हैं।

जीवनशैली के परिवर्तन भी लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि व्यायाम, तनाव में कमी और एक स्वस्थ आहार लेने जैसे नियमों का पालन कीजिए।

सोरियाटिक अर्थराइटिस में क्या न खाएं

स्वस्थ आहार लेने से सोरियाटिक अर्थराइटिस के कुछ लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। क्योंकि अतिरिक्त वजन जोड़ पर अतिरिक्त दबाव डालने के कारण सोरियाटिक अर्थराइटिस के लक्षणों को खराब कर सकता है, इसलिए आपके वजन का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है।

कैंडी और अन्य शुगर से भरपूर खाद्य पदार्थ, रेड मीट, सोडा और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ या प्रोसेस्ड फूड जैसे शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले आहार आपने वजन को बढ़ाने में मदद करते हैं इसलिए इससे दूरी बनाकर रखें।

सोरियाटिक अर्थराइटिस में क्या खाएं

अगर आप चाहते हैं कि सोरियाटिक अर्थराइटिस आपके पास भटके न तो आप अपने आहार में साबूत अनाज, फैटी मछली जैसे सैल्मन और मैकेरल (जो ओमेगा -3 फैटी एसिड और प्रोटीन से भरपूर है), ड्राई फ्रूट और ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें।

सोरियाटिक अर्थराइटिस के लिए 5 मसाले

सोरियाटिक अर्थराइटिस के लक्षण को कम करने के लिए आप अपने आहार में एंटी-इंफ्लेमेटरी वाले आहार को शामिल कीजिए।

हल्दी

हल्दी सूजन को कम करने, घावों को ठीक करने, त्वचा स्वास्थ्य में सुधार करने और आपकी इम्यून सिस्टम में सुधार करने जैसे लाभ शामिल है। हल्दी आपको सोरियाटिक अर्थराइटिस से दूर रखने में बहुत ही मदद करता है।

लाल मिर्च

लाल मिर्च में कई स्वास्थ्य लाभ वाले कैप्सैसिन, विटामिन-सी, विटामिन-ए और फ्लेवोनॉयड एंटीऑक्सिडेंट जैसे तत्व पाये जाते हैं जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं। सोरियाटिक अर्थराइटिस में इसका सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह सूजन से लड़ने में मदद करता है।

लौंग

लौंग एक बहुत ही सामान्य प्रकार का मसाला है जो कई तरह व्यजंनों में डालकर बनाया जाता है। इसे बड़े पैमाने पर खाना पकाने और अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। सोरियाटिक अर्थराइटिस से लड़ने में लौंग बहुत ही मदद करता है।

अजवाइन

आयुर्वेद के अनुसार अजवाइन पाचन शक्ति को बढ़ाने का काम करती है। यह कफ, पेट तथा छाती का दर्द आदि में लाभकारी है। सोरियाटिक अर्थराइटिस में इस मसाले का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। इसके अलावा पाचन समस्याओं, मासिक धर्म की समस्याओं, अनिद्रा, और उच्च रक्तचाप सहित कई स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए अजवाइन का उपयोग हजारों वर्षों में किया जाता है।

अदरक

अदरक एक लोकप्रिय मसाला है। इसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह इम्यून सिस्टम को बढ़ाने, भूख में वृद्धि, विभिन्न प्रकार के कैंसर को रोकने, श्वसन की स्थिति में सुधार करने में मदद करता है।