किडनी स्टोन के लिए योग

आजकल लोगों में बॉडी में स्टोन की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह एक ऐसी समस्या है जिसका समय से पहले निदान नहीं किया गया, तो आपको ऑपरेशन भी करवाना पड़ सकता है। किडनी आपके खून से अतिरिक्त पानी और अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करने के लिए होते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपकी किडनी स्वस्थ्य रहे और उसे किसी भी तरह का स्टोन न हो, तो आप नीचे दिए योग का अभ्यास कीजिए।

किडनी स्टोन के लिए योग

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन जिसे हम कैमल पोज के नाम भी जानते है कमर दर्द, साइटिका, स्लिप डिस्क की समस्या में एक बेहतरीन आसन है। इस योग के करने से शरीर के अंगों की मालिश होती है। खासकर किडनी की मालिश होती है। यह बीन के आकार वाले अंगों को बहुत सारे खून भेजता है। इस आसन को गुर्दे की पथरी में सही माना जाता है।

उष्ट्रासन कैसे करें

सबसे पहले वज्रासन की स्थिति में बैठ जाइए। फिर धीरे-धीरे घुटनों के बल उपर की तरफ उठें। अब दोनों हाथों को कमर पर रखकर पीछे की और आराम से झुकें। पीछे कि तरफ झुकते हुए पहले हाथ को पहली ऐड़ी और वैसे ही दूसरे हाथ को दूसरे पैर की ऐड़ी पर लगाएं। सिर को पीछे की ओर झुकाएं। इस अवस्था में आप आसन को धीर-धीरे करें।

भुजंगासन

भुजंगासन आसन उदर के सभी संबंधित अंगों, विशेष रूप से जिगर और गुर्दो के लिए फायदेमंद है। इसे हम कोबरा पोज के नाम से जानते हैं। यह आसन किडनी में होने वाली रुकावटों को साफ करता है। नियमित अभ्यास के साथ, आपको किडनी की पथरी से बहुत राहत मिलेगी।

भुजंगासन कैसे करें

भुजंगासन को करने के लिए आप पेट के बल लेटते हुए पैरों को पीछे सीधा व लम्बा फैला दीजिये। इसके बाद धीरे-धीरे सिर को व कन्धों को जमीन से ऊपर उठाइये तथा सिर को जितना पीछे ले जा सकते हैं ले जाइए। उधर पैरों की उंगलियों को पीछे की तरफ खींचकर रखें। भुजंगासन को करते समय ध्यान दीजिए कि पीठ पर विशेष तनाव या अनावश्यक खिंचाव न पड़े।

पवनमुक्तासन

पवनमुक्तास किडनी की पथरी के लिए सबसे प्रभावी योग आसनों में से एक है। इस आसन के करने से गुर्दों की मालिश होती है। गुर्दे की पथरी के लक्षणों को दूर करने काम करता है।

पवनमुक्तासन कैसे करें

सबसे पहले सीधे होकर शवासन में लेट जाएं। अब पैर के घुटनें को अपनी छाती पर रखें। फिर अपने दोनों हाथों की अंगुलियाँ एक-दूसरे में डालते हुए अपने घुटनों को पकड़ लें। अपने श्वास को बाहर निकालते हुए अपने घुटने को छाती से लगायें एवं सिर को उठाते हुए घुटने से नासिका को स्पर्श करवाएं। कुछ सेंकड तक अपने श्वास को बाहर रोकते हुए इसी स्थिति में बने रहें और बाद में अपने पैर को सीधा कर लें।

बलासन

पथरी की समस्या में बलासन बहुत ही उपयोगी है। इसे हम बच्चों का पोज कहते हैं। यह पथरी से जुड़े तनाव को राहत देने में भी मदद करता है।

बलासन कैसे करें

बलासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की स्थिति में बैठ जाइए और शरीर का सारा भाग एड़ियों पर डालें। गहरी सांस लेते हुए आगे की ओर झुकें। आपका सीना जांघों से छूना चाहिए और अपने माथे से जमीन को छूने की कोशिश करें। कुछ सेकंड इस अवस्था में रहने के बाद वापस पुरानी वाली स्थिति में आ जाइए।