फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार

फूड पॉइजनिंग दूषित भोजन के खाने के कारण होने वाली एक बीमारी है। यह आमतौर पर गंभीर बीमारी नहीं है और उपचार के बाद कुछ दिनों के भीतर ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार भी है जिसे बिना किसी नुकसान के इस्तेमाल किया जाता है।

सेब का सिरका

प्राकृतिक रूप से सेब का सिरका सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है। इसका सेवन शरीर को बहुत ही लाभ पहुंचाता है। इसमें वजन घटाने, कम कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और मधुमेह के लक्षण को दूर करने जैसे लक्षण शामिल हैं।

फूड पॉइजनिंग के लिए आप एक से दो बड़े सेब का सिरका लीजिए। फिर इसे एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं और उसी समय पी जाइए। इसे दिन में दो से तीन बार पीजिए। सेब के सिरके में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण खाद्यजन्य बैक्टीरिया के लिए बहुत ही प्रभावी है। सेब का सिरका मिनरल्स और एंजाइमों का एक समृद्ध स्रोत है जो शरीर को स्थिर करने में मदद कर सकता है।

नींबू का जूस

शरीर को ठंड़ा रखने और पानी की कमी को पूरा करने के लिए लोग नींबू के जूस का सेवन भरपूर मात्रा में करते हैं। गर्मियों में नींबू पानी पीना हर उम्र के लिए उपयोगी है। नींबू पानी न केवल शरीर के विषाक्त पदार्थ को दूर करके, शरीर को साफ करने में मददगार है। नींबू का रस एंटीऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत है जो आपके शरीर की समग्र उपचार में सुधार करता है।

इसकी जीवाणुनाशक गतिविधि फूड पॉइजनिंग से लड़ने में बहुत ही सहायता करता है। नींबू का रस भी पाचन में सहायता करता है और आपको तेजी से ठीक होने में मदद करता है। इसके लिए आप आधा नींबू का रस निकालें और इसे एक गिलास पानी के साथ मिलाएं। स्वाद के लिए कुछ शहद मिलाएं और इसका सेवन करें। आप इसे रोजाना 2 से 3 बार पी सकते हैं। –  खाली पेट नींबू पानी पीने के फायदे

लहसुन

लहसुन न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाता है बल्कि आपकी सेहत में भी लहसुन की एक अहम भूमिका है। नियमित रूप से लहसुन का उपभोग एलिसिन के एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह रक्तचाप और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी बेहद फायदेमंद है।

लहसुन में शक्तिशाली जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो खाद्यजनित रोगों को नष्ट करने में मदद कर सकते हैं। इससे दस्त और पेट दर्द से भी छुटकारा पाया जा सकता है। फूड पॉइजनिंग के लिए आप रोज एक कच्चा लहसुन चबाइए। जब तक आपको आराम नहीं मिल जाता तब तक आप लहसुन को चबाइए।

केला

केला फाइबर और पोटेशियम में समृद्ध स्रोत हैं। वे आपके शरीर में खोए पोटेशियम को भर देता हैं, जो बदले में, आपको फिर से ऊर्जा प्रदान करता है और फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप नियमित रूप से केले का सेवन कीजिए।

तुलसी

फूड पॉइजनिंग के लिए घरेलू उपचार में तुलसी भी शामिल है। तुलसी धार्मिक, आध्यात्मिक और आयुर्वेदिक महत्व की दृष्टि से विलक्षण पौधा है, जिसका इस्तेमाल हर किसी के घर में किया जाता है। फूड पॉइजनिंग के लिए तुलसी के पत्ते को पीस लें और उसका रस निकाल लें। आप एक चम्मच तुलसी के रस में एक चम्मच शहद मिलाइए और उसका तत्काल उसका सेवन कीजिए। इसके अलावा आप एक कप पानी में एक बूंद में तुलसी मिलाइए और इसका सेवन कीजिए। – तुलसी के पत्तों का फेस पैक