एल्युमिनियम के बर्तन से नुकसान

एल्युमिनियम के बर्तन का आजकल हर घर में उपयोग होता है, लेकिन इस बात को बहुत ही कम लोग जानते हैं कि यह खाने में जहर घोलने का काम करता है इसलिए खाने में एल्युमिनियम का होना एक गंभीर विषय बना हुआ है। यह खाने में आयरन और कैल्शियम तत्वों को सोख लेता है अर्थात् जब हम इसमें बने हुए खाने का सेवन करेंगे, तो यह शरीर से आयरन और कैल्शियम सोखना शुरू कर देता है। इसमें बना हुआ भोजन जब हम सेवन करते हैं तो हमारे पेट में दर्द और हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाता है।

हर घर में एल्युमिनियम के बर्तन के होने के पीछे मुख्य कारण यह भी है कि यह अन्य धातुओं के मुकाबले सस्ते होते हैं। और यह गर्मी के भी बहुत अच्छे सुचालक होते हैं। ये गर्म होकर जल्दी खाना बनाने में मदद करता है जिससे समय भी बचता है। इसमें भले ही लागत कम लगती है, लेकिन इसमें बना हुआ खाना हमारे शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होता है।

एल्युमिनियम में बना हुआ खाना हमारे लिए जहर के समान क्यों होता है। आज हम आपको इस बारे में बताते हैं।

एल्युमिनियम के बर्तन से नुकसान

  1. एल्युमिनियम के बर्तन की लागत भले हो कम होती है, लेकिन इसमें बना हुआ खाना हमारे शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होता है, क्योंकि प्रतिदिन हम चार से पांच मिलीग्राम की मात्रा हमारे शरीर में आसानी से पहुंचती है यह इस कारण होता है क्योंकि हमारा भोजन एल्युमिनियम के बर्तनों में बना हुआ होता है।
  2. एल्युमिनियम के तत्व मानसिक बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं।
  3. शरीर में एल्युमिनियम कि मात्रा अधिक हो जाने पर टीबी और किडनी फेल की संभावना बन सकती है।
  4. एल्युमिनियम में बने हुए खाने का सेवन हमारे लीवर और नर्वस सिस्टम के लिए फायदेमंद नहीं होता
  5. एल्युमिनियम के विषैले कण हमारे लीवर को क्षति पहुँचाने के साथ-साथ अस्थमा, तपेदिक, वात रोग की संभावना को बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
  6. इससे हमारा मस्तिष्क प्रभावित होता है जिसके कारण अल्जाइमर रोग की संभावना हो सकती है।

उपरोक्त बातों से हमें यह पता चलता है कि यह हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है, इसलिए हमें जितनी जल्दी हो सके एल्युमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। इससे हम अपने इस अनमोल जीवन को नष्ट होने से बचा सकते हैं। अगर आप अपने घर को बीमारी से मुक्त देखना चाहते हैं. तो आपको एल्युमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल बंद करके स्टील, कांच, मिट्टी, पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए।