एक दिन में कितना नमक खाना चाहिए

बिना नमक खाना फीका लगता है। यदि खाने में नमक कम या ज्यादा हो जाए तो कई लोग खाना ही छोड़ देते हैं। नमक का स्वाद ही खाने के स्वाद को संतुलित करता है इसलिए भारतीय रसोई में इसका बहुत ही महत्व है। लेकिन यह भी जानना बहुत ही जरूरी है कि एक दिन में कितना नमक खाना चाहिए

वैसे कुछ लोग ऐसे भी हैं जो नमक ज्यादा खाना पसंद करते हैं। सोडियम या नमक उन चीजों में से एक है जो हर किसी के लिए अस्वास्थ्यकर है। आपको बता दें कि नमक का ज्यादा सेवन आपके उच्च रक्तचाप को बढ़ा सकता है, जिसका सीधा संबंध ह्रदय रोग और स्ट्रोक से है।

नमक क्या है

नमक को सोडियम क्लोराइड (NaCl) भी कहा जाता है वजन में 40 फीसदी सोडियम और 60 फीसदी क्लोराइड होता है। नमक सोडियम का सबसे बड़ा आहार स्रोत है, और “नमक” और “सोडियम” शब्द को अक्सर एक दूसरे के लिए उपयोग किया जाता है। कुछ प्रकार के नमक में कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और जिंक पाया जाता है। आयोडीन अक्सर टेबल नमक के रूप में जाना जाता है। आइए जानते हैं कि एक दिन में हमें कितना नमक खाना चाहिए।

एक दिन में कितना नमक खाना चाहिए

अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन ने वयस्कों के लिए एक दिन में 1500 मिलीग्राम नमक खाने की सलाह दी है। वहीं अगर बात करें अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की तो एक दिन में 1500 मिलीग्राम से 2300 मिलीग्राम नमक का सेवन करना चाहिए।

नमक खाने के नुकसान

शरीर में नमक की मात्रा ज्यादा होने से ये संतुलन बिगड़ जाता हैं, जिस वजह से अतिरिक्त इलेक्ट्रोलाइड्स को बाहर निकलने के लिए शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यह हाइपर टेंशन, ब्लड प्रेशर, किडनी पर असर जैसी बीमारियों का कारण बनता है। उच्च रक्तचाप के कारण किडनी खराब हो सकती है, क्योंकि रक्तचाप बढ़ने से किडनी की ओर बढ़ते धमनियों पर एक अतिरिक्त तनाव पड़ता है।

नमक के फायदे

जो लोग सोचते हैं कि नमक का सेवन नहीं करना चाहिए वह गलत सोचते हैं। शरीर में सोडियम का होना शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है। नमक में मौजूद आवश्यक खनिज शरीर में महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट्स के रूप में कार्य करते हैं। ये संतुलन, तंत्रिका संचरण और मांसपेशी के फंक्शन में मदद करते हैं। इसके अलावा यह डिहाइड्रेश्न को संतुलित करने में भी मदद करता है।

आहार में पर्याप्त नमक नहीं मिलने से आपके पाचन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि टाइप 2 डायबिटीज रोगियों में, कम सोडियम मौत के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है।